Ahmedabad: देश के सबसे चर्चित और संभावनाशील शहरों में अहमदाबाद का नाम अग्रणी तौर पर गिना जाने लगा है। देश की राजधानी होने के बावजूद दिल्ली पर प्रदूषण और ट्रैफिक की मार है, तो जगह की कमी से जूझती और मराठी भाषा के नाम पर वैमनस्य की बढ़ती घटनाओं से परेशान होती आर्थिक राजधानी मुंबई, घंटों ट्रैफिक जाम व खराब हवा – पानी से परेशान। बेंगलुरु अव्यवस्थित विकास का शिकार है, तो हैदराबाद अपनी कम कनेक्टिविटी के कारण देश से अल्प जुड़ाव का शिकार है। स्मार्ट और संतुलित विकास तथा शहरी नियोजन और विकास की इस सोच ने अहमदाबाद को आने वाले समय का टिकाऊ महानगर बना दिया है। सामान्य लोगों में अहमदाबाद के समृद्ध विकास के प्रति विश्वास बढ़ा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व में, अहमदाबाद एक ताकतवर इच्छा-शक्ति के केंद्र के रूप में उभर रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से बेहतर कनेक्टिविटी, नए सिरे से विकसित होते रेल नेटवर्क व स्टेशन सुविधाएं, हवाई सेवाओं के विकास व सड़क मार्गों की बेहतरी के कारण अहमदाबाद अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तो रोजगार के विकसित होते अवसरों के लिए भी यह शहर सुविधाजनक बनता जा रहा है। पहले ही मौजूद अपनी औद्योगिक शक्ति, शैक्षणिक संस्थानों की क्षमता, शानदार शहरी नियोजन के बाजद अब, स्मार्ट व संतुलित विकास और गिफ्ट सिटी सहित रोजगार के तेजी से बढ़ते अवसरों के अलावा अपनी विरासत की वैश्विक पहचान के दम पर नया आकर्षण बना रहा है। इसीलिए, न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश का भविष्य बदलने की क्षमता रखने वाले शहर के रूप में अहमदाबाद अपनी जगह बना रहा है।
राष्ट्रीय नेतृत्व का अहमदाबाद से लगाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, दोनों गुजरात से हैं और दोनों का अहमदाबाद से गहरा लगाव और जुड़ाव भी है। प्रधानमंत्री मोदी और शाह सदा से जानते रहे हैं कि अहमदाबाद विकास की संभावनाओं से भरा हुआ है और इसमें एक आधुनिक महानगर बनाने की अपार क्षमता है। इसीलिए, उनके नेतृत्व में अहमदाबाद को लगातार राष्ट्रीय नीतियों और परियोजनाओं में प्राथमिकता मिली है। प्रधानमंत्री मोदी के काल में, वैश्विक नेताओं का अहमदाबाद में आते रहना इस शहर की वैश्विक पहचान को समृद्ध बनाने में सफल रहा है। यहां की सांस्कृतिक पहचान देखें, तो अहमदाबाद अपनी संस्कृति और विरासत को आधुनिकता से जोड़कर स्वयं को प्रस्तुत करता है। यह भारत का पहला यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी है। साबरमती आश्रम, पोल संस्कृति और आधुनिक रिवरफ्रंट मिलकर इसे अद्वितीय पहचान देते हैं। यही कारण है कि दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री यहां आकर इस शहर की प्रशंसा करते हैं।

आर्थिक और औद्योगिक विकास
अहमदाबाद लंबे समय से औद्योगिक राजधानी रहा है, तथा यहां पर मुंबई की तरह, इंडस्ट्रीज बंद होने के बजाय लगातार तेजी से विकसित हो रही है। टैक्सटाइल से लेकर फार्मा, केमिकल, ऑटोमोबाइल और डायमंड-ज्वेलरी तक, यहां उद्योगों का विशाल नेटवर्क है। अब यह शहर गिफ्ट सिटी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं का हब बनने की दिशा में अग्रसर है। यहां विकसित हो रहे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के शहर ‘गिफ्ट सिटी’ को सिंगापुर जैसी वैश्विक पहचान दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। मुंबई में लिविंग कॉस्ट बहुत ज्यादा है, ज्यादातर इंडस्ट्रीज लगभग बंद पड़ी हैं, सुविधाजनक अच्छे आवासों की जगह नहीं है और विकास की संभावनाएं लगातार क्षीण होती जा रही है। अहमदाबाद को लेकर, निवेशकों, उद्यमियों और उद्योगपतियों का विश्वास बढ़ रहा है कि आने वाले समय में यह वैश्विक वित्तीय शक्ति बनकर उभरेगा, जो मुंबई जैसी पारंपरिक वित्तीय राजधानी को भी कड़ी चुनौती देगा।
रोजगार के विकसित अवसरों का केंद्र
अहमदाबाद में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। यहां आईटी इंजीनियर से लेकर सिविल इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, लीगल प्रोफेशनल्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विशेषज्ञों तक के लिए ढेरों मौके पहले से ही उपलब्ध हैं, और नए नए स्वरूप में तेजी से विकसि भी हो रहे हैं। शिक्षा और रिसर्च में अहमदाबाद की अपनी अलग पहचान है। आइआइएम-ए, एनआईडी, सीईपीटी यूनिवर्सिटी, निरमा जैसे विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान अहमदाबाद को मैनेजमेंट, डिज़ाइन और आर्किटेक्चर शिक्षा का राष्ट्रीय गढ़ बनाते हैं। यहां से निकलने वाले छात्र न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। इसके अलावा, शहर में व्यापक पैमाने पर तेजी से विकसित हो रहा स्टार्टअप इकोसिस्टम युवाओं को नए अवसर दे रहा है। सर्विस सेक्टर का इनोवेशन कल्टर सिंगापुर जैसे वैश्विक शहरों की तरह अहमदाबाद में भी अपना नया आकार ले रहा है, जिससे अहमदाबाद नए भारत का स्टार्टअप पावरहाउस बन सकता है। अहमदाबाद की औद्योगिक विविधता और सर्विस सेक्टर का विकास यह सुनिश्चित करता है कि हर वर्ग के पेशेवरों को यहां काम मिल सके। अपनी इसी ताकत के बल पर अहमदाबाद पूरे भारत के रोजगार मानचित्र पर एक अहम स्थान लेने की संभावनाओं की तरफ बढ़ है, तथा आने वाले समय में यह शहर दुबई, सिंगापुर तथा विश्व के अन्य शहरों की तरह सर्विस इंडस्ट्री का हब बनने की तरफ अग्रसर है।

भविष्य का लिवेबल सिटी मॉडल
अहमदाबाद ने योजनाबद्ध शहरीकरण का रास्ता चुना है। तेजी से विकसित होते रियल एस्टेट और योजनाबद्ध शहरीकरण का ऐसा मॉडल अपनाया है, जिसे कई विशेषज्ञ ‘भविष्य का लिवेबल सिटी मॉडल’ मानते हैं। यहां लग्ज़री हाउसिंग प्रोजेक्ट्स भी मुंबई -दिल्ली जैसे शहरों की तुलना में बेहद किफ़ायती हैं। न तो भीड़-भाड़ वाली कॉलोनियां, न ही अराजक शहरीकरण। यही संतुलन इसे बाकी महानगरों से बहुत अलग स्तर पर खड़ा करता है। चौड़ी सड़कें, लगातार बनते फ्लाईओवर, बीआरटीएस और मेट्रो रेल जैसी सुविधाओं ने जनजीवन को राहत दी है। साबरमती रिवरफ्रंट ने, न केवल शहर की खूबसूरती बढ़ाई है, बल्कि जीवन-स्तर को भी नये आयाम दिए हैं। यही संतुलित शहरी नियोजन ही अहमदाबाद की असली ताक़त है, जो रहने और निवेश करने के लिहाज से इसे बेहतर बनाता है।
विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्टर, बेहतर कनेक्टिविटी
अहमदाबाद का बुनियादी ढांचा अब विश्व स्तर का माना जा रहा है। देश और दुनिया के किसी भी हिस्से से अहमदाबाद की कनेक्टिविटी मजबूत है। आधुनिक परिवहन प्रणाली, उन्नत सड़क नेटवर्क, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और शहरी सुविधाएं यहां की पहचान बन चुकी हैं। एयरपोर्ट विकसित हो रहे हैं, तो इंटरनेशनल फ्लाइट कनेक्टिविटी भी बढ़ रही है। रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण के साथ, बुलेट ट्रेन व हाई स्पीड ट्रेनों का हब भी यही शहर है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पूरा होने के बाद यह शहर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और यात्रियों के लिए और अधिक सुलभ हो जाएगा। वर्तमान हवाई अड्डे के साथ-साथ धोलेरा क्षेत्र में दूसरा बड़ा एयरपोर्ट बनने का प्लान है, और भविष्य में तीसरे एयरपोर्ट की भी संभावना हन रही है। इस तरह अहमदाबाद आने वाले वक्त में भारत के सबसे कनेक्टेड शहरों में गिना जाएगा। यही कारण है कि वैश्विक निवेशकों और कंपनियों के लिए यह शहर बेहद आकर्षक और हॉटस्पॉट बन गया है।

शहरी नियोजन का शानदार मॉडल
दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में जीवन-यापन की लागत बेहद ऊंची है। वहीं अहमदाबाद में यह अपेक्षाकृत काम लागतवाली और किफ़ायती है। यहां रहने – जीने के खर्च कम हैं, लेकिन जीवन-शैली आधुनिक और संतुलित है। बेहतर सुविधाओं और सुरक्षित वातावरण के साथ साथ रोजगार के बढ़ते अवसरों के कारण यह शहर युवा प्रोफेशनल्स, उद्यमियों और निवेशकों सहित उद्यमियों के लिए आकर्षक विकल्प बन गया है। यही कारण है कि जीवन-यापन की क्वालिटी के मामले में अहमदाबाद मुंबई – दिल्ली जैसे महानगरों से तेजी से आगे निकल रहा है। जहां दिल्ली प्रदूषण से, मुंबई बाढ़ से और बेंगलुरु जल संकट से जूझ रहा है, वहीं अहमदाबाद ने पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दी है। रिवरफ्रंट और हरित क्षेत्र इसके उदाहरण हैं। नर्मदा नहर परियोजना ने जल संकट की संभावना को काफी हद तक समाप्त कर दिया है। स्मार्ट सिटी योजनाओं और टिकाऊ विकास पर ध्यान ने इसे पर्यावरण के लिहाज से एक मजबूत मॉडल बना दिया है।
भविष्य की संभावनाओं का शहर
मुंबई वित्तीय राजधानी रहेगी, बेंगलुरु आईटी हब और दिल्ली प्रशासनिक शक्ति का केंद्र। लेकिन अहमदाबाद अपनी बहुआयामी ताक़त,, जैसे औद्योगिक विविधता, किफ़ायती जीवन-शैली, संतुलित अवसंरचना और वैश्विक निवेश आकर्षण—के दम पर एक संतुलित महानगर बनकर उभर रहा है। इस शहलको देश भर में ‘भविष्य का लिवेबल सिटी मॉडल’ विकसित करने वाला शहर माना जा रहा है, फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का भी अपना शहर होने के कारण अहमदाबाद में भविष्य के विकास की संभावनाएं तेज दिख रही हैं।यही कारण है कि अहमदाबाद आने वाले समय में न केवल गुजरात, बल्कि पूरे भारत के विकास का नया मॉडल प्रस्तुत करेगा और कई मोर्चों पर देश के बड़े महानगरों को पीछे छोड़ देगा।

