Indus Water
Indus River Water: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राजस्थान को सिंधु जल मिलने की घोषणा केवल घोषणा ही न रहे, उस पर वास्तव में अमल हो, तथा सिंधु नदी का पानी अगले तीन वर्षों में नहरों के माध्यम से राजस्थान तक पहुंचे, इस पर काम तत्काल शुरू होना चाहिए। भारत सरकार ने यह कदम 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद उठाया गया है, जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने स्थगित किया था। शाह ने कुछ दिन पहले कहा था कि नहर निर्माण करके पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोका जाएगा, जिससे राजस्थान के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी। तकरीबन 113 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी, जो चिनाब, रावी, ब्यास, और सतलज नदियों को जोड़ेगी। यह परियोजना राजस्थान के श्रीगंगानगर तक पानी पहुंचाएगी, जिससे कृषि और जल आपूर्ति में सुधार होगा। यह भारत की जल नीति में रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। अमित शाह ने कहा है कि पाकिस्तान का सिंधु नदी के पानी पर कोई हक नहीं है, अब तक वह गलत तरीके से पानी ले रहा था।

सिंधु नदी के पानी से खेती बढ़ेगी, रोजगार बढ़ेंगे
सिंधु नदी का पानी राजस्थान तक पहुंचने से राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह पानी विशेष रूप से रेगिस्तानी क्षेत्रों में सिंचाई के लिए उपयोगी होगा, जिससे फसल उत्पादन बढ़ेगा। इंदिरा गांधी नहर के माध्यम से पानी का वितरण होने से खेती योग्य भूमि का विस्तार होगा। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिक फसल उत्पादन से किसानों की आय बढ़ेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। साथ ही, नहर निर्माण और संबंधित परियोजनाओं से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। मजदूरों, इंजीनियरों, और तकनीशियनों की मांग बढ़ेगी। यह परियोजना राजस्थान के लिए हरियाली और समृद्धि का प्रतीक बनेगी, जिससे स्थानीय समुदायों का जीवन स्तर ऊंचा होगा।
सिंधु जल पर पाकिस्तान से भारत सरकार का विवाद
सिंधु जल संधि, जो 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, लंबे समय से दोनों देशों के बीच तनाव का कारण रही है। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित कर दिया, जिसे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि संधि बहाल नहीं होगी, और भारत नहर बनाकर पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोकेगा। पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शिकायत की। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के कारण संधि की शर्तें अमान्य हो गई हैं। यह विवाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को और गहरा सकता है।

राजस्थान में नहरों का आधारभूत ढांचा विकसित होगा
सिंधु नदी का पानी राजस्थान तक लाने के लिए भारत सरकार 113 किलोमीटर लंबी नहर और 200 किलोमीटर की अतिरिक्त नहरों का निर्माण कर रही है। यह नहर चिनाब को रावी, ब्यास, और सतलज नदियों से जोड़ेगी, जिससे इंदिरा गांधी नहर तक पानी पहुंचेगा। इसके अलावा, 12 सुरंगें और रावी-ब्यास लिंक परियोजना भी शुरू होगी। इन परियोजनाओं से राजस्थान का नहर नेटवर्क विस्तारित होगा, जिससे सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में सुधार होगा। केंद्र सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के तहत पर्यावरण मंजूरी और फिजिबिलिटी अध्ययन को तेज कर रही है। इससे आधारभूत ढांचे का विकास होगा, जिससे परिवहन, रोजगार, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना राजस्थान को जल संकट से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण होगी।