Close Menu
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • सत्ता- सियासत
  • व्यक्ति विशेष
  • समाज – संस्कृति
  • कारोबार
  • ग्लैमर
  • वीडियो
  • प्रेस रिलीज़
Facebook X (Twitter) Instagram
ट्रेंडिंग:
  • BJP Nitin Nabin: बीजेपी ने फिर चौंकाया… राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन !
  • Rajasthan: विकास और निवेश का नया अध्याय लिखता राजस्थान
  • Putin: मोदी से पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात और वैश्विक मंच पर भारत के लाभ
  • IndiGo: हवाई सेवाओं से हाहाकार, मगर कर क्या रही सरकार?
  • Bhajanlal Sharma: बीजेपी की सीएम प्रयोगशाला के सफल प्रोडक्ट साबित होते भजनलाल
  • Vishwanath Sachdev: यूं ही कोई विश्वनाथ, सचदेव नहीं हो जाता…!
  • Rajasthan: दो नेताओं की सजह मुलाकात या अगले प्रदेश अध्यक्ष की तैयारी ?
  • Akshay Kumar: राजस्थान में फिल्म विकास पर मुख्यमंत्री से अक्षय कुमार की मुलाकात के मायने
14th December, Sunday, 11:53 PM
Facebook X (Twitter) Instagram
Prime Time BharatPrime Time Bharat
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • सत्ता- सियासत
  • व्यक्ति विशेष
  • समाज – संस्कृति
  • कारोबार
  • ग्लैमर
  • वीडियो
  • प्रेस रिलीज़
Prime Time BharatPrime Time Bharat
Home»देश-प्रदेश»सचिन पायलट की चुप्पी के सियासी मायनों का सत्य!
देश-प्रदेश 6 Mins Read

सचिन पायलट की चुप्पी के सियासी मायनों का सत्य!

Prime Time BharatBy Prime Time BharatOctober 19, 2023No Comments
WhatsApp Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit Tumblr Email
SachinPilot Silence
Share
WhatsApp Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

निरंजन परिहार

सचिन पायलट अच्छा बोलते हैं। सामान्य बोलचचाल में भी, मीडिया से भी और सार्वजनिक तौर पर भी। हिंदी वे बहुत अच्छी जानते हैं और राजनीतिक वाकपटुता में उनसे जीतना आसान खेल नहीं है। अंग्रेजी भी हिंदी से ज्यादा अच्छी जानते हैं। लेकिन राजस्थान और लगभग पूरे हिंदुस्तान में भी किसी नेता का अंग्रेजी में बात करना वोटों की राजनीति के लिए भारी साबित होता है, इस तथ्य को पायलट जानते हैं, सो वे सार्वजनिक तौर पर अंग्रेजी में बोलने से बचते हैं। हिंदी में ही बोलते हैं और हिंदी में ही भाषण भी देते हैं। लोग पायलट की धाराप्रवाह हिंदी सुनते हैं और उनकी भाषा को पसंद भी करते हैं। शब्दावली वे बहुत अच्छी चुनते हैं और उनका वाक्य विन्यास भी लगभग चमत्कृत कर देने वाले अंदाज से भरा होता है। लेकिन बीते लगभग दो महीनों से पायलट न तो कुछ खास बोल रहे हैं, न ही भाषण दे रहे हैं और न मीडिया से कोई बातचीत। तस्वीर के तेवर यही हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट के बीच तकरार भले ही बंद है, मगर रार बरकरार है। यही रार राजस्थान में कांग्रेस और गहलोत के फिर से सत्ता में आने के प्रयासों की पतवार पर पलटवार कर सकती है।

दरअसल, कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में रस रखनेवाले पायलट के इस मौन के मायने तलाश रहे हैं, और समर्थक हैरान कि उनका नेता कुछ तो बोले। बाहर बीजेपी और भीतर कांग्रेस दोनों में बड़ी हलचल के हालात हैं। कांग्रेस और उसकी सरकार पर प्रहार करती बीजेपी और उनके नेताओं को करारा जवाब देने के लिए कांग्रेस के नेताओं में पायलट ही बेहद सक्षम माने जा सकते हैं, लेकिन पायलट हैं कि भाषा पर पकड़, स्पष्ट उच्चारण और शालीन शब्दावली के बावजूद चुप्पी साधे हैं, और उनकी यही चुप्पी राजनीतिक रहस्य के गुब्बारे को फुला रही है। वैसे, मुख्यमंत्री गहलोत खुश हो सकते हैं कि पार्टी में उनके प्रखर विरोधी के रूप में लगभग कुख्यात होने की हद तक विख्यात सचिन इन दिनों शांत हैं। लेकिन यह चुप्पी जब अपनी आवाज की बुलंदियों को साधेगी, तो क्या होगा, यह केवल पायलट ही जानते हैं। वैसे, पायलट की राजनीति के जानकार कहते हैं कि ताजा राजनीतिक परिदृश्य में जब उनका मौन ही मुखरित हो रहा है, तो बोलने की जरूरत ही क्या है।

पायलट की इस चुप्पी की जड़ में कांग्रेस आलाकमान के साथ वह समझौता है, लेकिन समझौते की शर्तें क्या है, कोई नहीं जानता। पिछले महीनों पैरों में छाले पड़ने वाली पायलट की पदयात्रा के बाद जब कांग्रेस में हलचल तेज हुई, तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट से कई बार बात की और पार्टी हित में दोनों में सुलह की हर कोशिश हुई। आखिर, 6 जुलाई को दिल्ली में राजस्थान के लगभग सभी बड़े नेताओं के साथ खरगे और राहुल ने चुनावी रणनीति तय करने की आड़ में सुलह करवाने की बैठक की जिसमें पायलट खुद शामिल रहे, तो घर में ही गिर जाने की वजह से दोनों पैरों के दोनों अंगूठों में चोट आने और तीन फ्रेक्चर हो जाने की वजह से मुख्यमंत्री गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

माना जा रहा था कि नई दिल्ली में हुई इसी बैठक में हुए समझौते के तहत गहलोत और पायलट के बीच जारी खींचतान थम गई और राजस्थान कांग्रेस में शांतिकाल की सथापना के लिहाज से यह बैठक काफी महत्वपूर्ण भी रही। इस बैठक के 8 जुलाई को पायलट का एक बयान आया, जिसमें उन्होंने साफ साफ कहा था कि राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव में पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर लड़ेंगे और सामूहिक नेतृत्व ही इस चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। इस बयान के बाद लगने लगा था कि अब पायलट को चुनाव तक गहलोत से कोई समस्या नहीं है। लेकिन 11 अगस्त को जयपुर में हुई राजस्थान कांग्रेस की पार्लियामेंट्री अफेयर्स कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में भी पायलट जब केवल नपे तुले शब्दों में बहुत कम ही बोले तो उनके न बोलने की बातें चलने लगीं। उधर, बैठक खत्म होते ही मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बार फिर से बीजेपी पर धावा बोलते हुए कह दिया कि राजस्थान में उनकी सरकार गिराने की दो दो बार कोशिश हुई है। इस बयान को सीधे पायलट से जोड़कर देखा गया, जिनकी बहुचर्चित मानेसर बगावत के पीछे बीजेपी का षड़यंत्र बताया जाता रहा है और जिसकी वजह से पायलट को सवा तीन साल पहले उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के दो दो पदों से एक साथ बर्खास्त किया गया था।

कांग्रेस में किसी भी मुद्दे पर कभी न बोलने नेता के रूप में सबसे पहले नरसिम्हाराव को जाना जाता है। वे ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने चुप रहने की अपनी दिव्य कला को ही अपना सबसे बड़ा राजनीतिक हथियार बना डाला था। उनके बाद प्रधानमंत्री बने मनमोहन सिंह की भी लगभग इसी तासीर के कारण लोग उन्हें मनमोहन के बजाय ‘मौनमोहन’ सिंह तक कहने लगे थे। संयोग से सचिन पायलट उन्हीं ‘मौनमोहन’ के दूसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री रहे हैं। राजनीति में निरीह प्राणी के रूप में कहे जाने वाले मनमोहन की रोबोटनुमा चाल और किसी भी गंभीरतम मुद्दे पर भी निष्भाव बने रहने की वजह से अक्सर उनकी चुप्पी का मतलब कमजोरी से लगाया जाता रहा। क्योंकि, हमारे हिंदुस्तान में मौन रहने वाले राजनेता को आम तौर पर निर्णायक न होने या निर्णय न लेने की क्षमता सें संपन्न ही माना जाता है। लेकिन सचिन पायलट तो बोलने वाले और हर मुद्दे पर धाराप्रवाह बोलनेवाले नेता माने जाते हैं। दरअसल, जब बोलने वाला व्यक्ति जहां बोलना जरूरी हो, वहां भी खुल कर नहीं बोले, तो राजनीति में वह चुप्पी रहस्य तो बुनती ही है। और रहस्य यही है कि अदभुत आक्रामकता की राजनीतिक तासीर वाले पायलट की चकित करने वाली चुप्पी बहुत कुछ साफ साफ कह रही है, पर हर किसी को सुनाई नहीं दे रही, लेकिन जब सुनाई देगी, तो कांग्रेस में भूचाल खडा होगा। और कोई भी भूचाल कभी सुखद परिणाम नहीं देता। चुनाव सामने हैं और सामने बीजेपी कोई बहुत कमजोर नहीं है। इसलिए पायलट की चुप्पी को समझकर कांग्रेस को अपनी सियासी सम्हाल रखनी होगी, वरना राहुल गांधी भले ही अपनी भारत जोड़ो यात्रा का पार्ट टू भी शुरू कर देंगे, लेकिन जादूगर गहलोत कोई जादू ही कर दे तो अलग बात, मगर राजस्थान में कांग्रेस को अकेले अशोक गहलोत ही जिता देंगे, ऐसा तो किसी को भी आसान नहीं लगता।

Share. WhatsApp Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Email
Prime Time Bharat

Related Posts

BJP Nitin Nabin: बीजेपी ने फिर चौंकाया… राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन !

December 14, 2025

Rajasthan: विकास और निवेश का नया अध्याय लिखता राजस्थान

December 9, 2025

Putin: मोदी से पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात और वैश्विक मंच पर भारत के लाभ

December 6, 2025

Leave A Reply Cancel Reply

टॉप ख़बरें

BJP Nitin Nabin: बीजेपी ने फिर चौंकाया… राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन !

December 14, 2025

सिनेमा से गायब राजमहल और राजा-रानी

October 28, 2023

फिर जनम लेने जयपुर आ जाना इरफान!

October 28, 2023

पाप के पुरुषार्थ का रंगमंच बना सोशल मीडिया !

December 26, 2023
यह भी देखें
देश-प्रदेश
8 Mins Read

LokSabha Election 2024: अमेठी की तरह रायबरेली से भी राहुल गांधी हार गए, तो क्या?  

By Prime Time BharatMay 4, 2024

LokSabha Election 2024: रायबरेली से गांधी परिवार से रिश्ते का सस्पेंस खत्म हो गया है।…

Delhi Election Results: बीजेपी जीती, ‘आप’ हारी और कांग्रेस को 1 भी सीट नहीं

February 8, 2025

Ahmedabad: देश के भविष्य का पॉवर हाउस बनता अहमदाबाद

November 4, 2025

दिलीप कुमार जैसा दूसरा अब कोई और नहीं होगा!

October 20, 2023
हमें फॉलो करें
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • Instagram
  • YouTube
  • Vimeo
About Us
About Us

‘प्राइम टाइम’ की शुरुआत पर कोई बड़ी बात नहीं, मगर यह कहना जरूरी है कि इसके उद्भव के लिए हमें एक बड़ी मजबूरी में सोचना पड़ा। मजबूरी यही कि हमारे हिंदुस्तान में वास्तविक अर्थों में जैसी होनी चाहिए, वैसी पत्रकारिता का मार्ग तेजी से सिकुड़ रहा है।

Contact Us:-
Mobile:- +91-9821226894
Email:- contact@primetimebharat.com

Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
Pages
  • About us
  • Our Team
  • Contact Us
  • Cookies Policy
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
लेटेस्ट ख़बरें

BJP Nitin Nabin: बीजेपी ने फिर चौंकाया… राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन !

December 14, 2025

Rajasthan: विकास और निवेश का नया अध्याय लिखता राजस्थान

December 9, 2025

Putin: मोदी से पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात और वैश्विक मंच पर भारत के लाभ

December 6, 2025
© 2025 Prime Time Bharat | All Rights Reserved |

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.