Adarsh Society Fraud: आपको भले ही भरोसा हो न हो, लेकिन यह सही है कि कैसेट रिकॉर्ड़िंग करके पेट पालने वाले और टैक्सी चलाने वाले दो भाइयों ने मिलकर एक छोटे से कस्बे से शुरू करके 14 हजार करोड़ का घोटाला किया जिसे राजस्थान (Rajasthan) में सबसे बड़े घोटाले के नाम से जाना जाता है। घोटाले का नाम है आदर्श घोटाला (Adarsh Society Fraud)। वैसे, तो घोटाले कभी आदर्श नहीं होते, लेकिन फिर भी सिरोही (Sirohi) से शुरू हुए इस घोटाले का नाम आदर्श ही है। मामला अब केंद्र सरकार के हाथ में हैं और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ही फैसला लेंगे। घोटाले के जड़ में है आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (Adarsh Credit Cooperative Society Ltd) , जिसके वित्तीय घोटाले में राजस्थान सहित देश के विभिन्न प्रदेशों के 20 लाख लोगों के 14 हजार करोड़ रुपए फंसे पड़े हैं। मुकेश मोदी (Mukesh Modi) जेल में है और वीरू मोदी (Veeru Modi) की मौत हो गई है।
सबसे बड़ा घोटाला, फिर भी नेता मौन
आदर्श क्रेडिट सोसाइटी 1997 में बनी थी, लेकिन बेहद तेजी के साथ केवल 8 साल में ही 14 हजार 800 करोड़ का घोटाला कर दिया और नेता लोग चुप रहे। सिरोही से शुरू करके 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलने व अकेले राजस्थान में ही 309 शाखाएं खोल कर सोसायटी में निवेश की रकम से मोटे मुनाफे को झांसा देनेवाले घोटालेबाज भाईयों में से मुकेश मोदी सपरिवार जेल में बंद है और वीरू मोदी की मौत हो गई है। यह घोटाला राजस्थान के सबसे बड़े फ्रॉड में से एक है, जिसमें लगभग 20 लाख निवेशकों के 14 हजार 800 करोड़ रूपए हड़पे गए हैं। सबसे ज्यादा जालोर – सिरोही जिलों के लोगों से उनकी निवेश राशि ठगी गई है। राजस्थान के इतिहास का यह सबसे बड़ा घोटाला है, लेकिन निवेशकों को आश्चर्य है कि लेकिन कांग्रेस का भी कोई नेता, या जन प्रतिनिधि इस पर नहीं बोल रहा। बात बिना बात भी बड़े बड़े आंदोलन और धरना – प्रदर्शन करने वाले यहां के बड़बोले विधायक रहे नेता भी दिखावे के लिए कभी ट्वीट करने के सिवाय मौन ही रहे हैं।
संघ परिवार के करीबी थे वीरू और मुकेश
आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की सन 1997 में एक बैंक के रूप में स्थापना। जिसमें व्यक्तिगत के अलावा कुछ कंपनियां भी आदर्श सोसायटी की सदस्य बनाई गई जो नियमों के दायरे में नहीं थे फिर भी ऐसा किया गया ताकि धन को आसानी से इधर उधर किया जा सके। आदर्श कोऑपरेटिव क्रोडिट सोसायटी लिमिटेड की शुरूआत राजस्थान के सुदूर पश्चिमी – दक्षिणी कस्बे सिरोही में कभी कैसेट रिकॉर्ड़िंग करके पेट पालने वाले मुकेश मोदी और टैक्सी चलाकर गुजापरा करने वाले वीरू मोदी ने की थी। इन दोनों भाइयों ने मिलकर एक छोटे से कस्बे से शुरू करके 14 हजार करोड़ का घोटाला किया, जिमें 20 लाख निवेशकों के 14 हजार करोड़ रुपए अचके हुए हैं, मोदी बंधुओं के पिता प्रकाश मोदी संघ परिवार के करीबी थे और मुकेश मोदी और वीरू मोदी भी संघ व बीजेपी के नेताओं के करीबी रहे हैं।
दोनों भाइयों ने ही ले लिया सारा लोन
आदर्श ने लगभग रु 20 लाख सदस्यों की जमा राशि में से मोदी परिवार और उनके दोस्तों के नाम पर खोली गई बेनामी कंपनियों की कंपनियों व फर्मों को 11 हजार 976 करोड़ का लोन दे दिया। इन कंपमनियों व फर्मों की कुल संख्या 200 के करीब है। आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की कुल 806 शाखाओं में से सिरोही और उदयपुर में स्थित केवल 8 शाखाओं से कुल ऋण राशि का लगभग 90% इन कंपनियों को वितरित किया। इन 200 में से कई कंपनियों का पता एक ही है और अकेले गुरुग्राम में 18 से 20 कंपनियों का पता दर्ज है, जो ऐसी जगहों पर है कि कोई वहां पर जाना भी पसंद नहीं करेगा। कॉर्पोरेट मंत्रालय का रिकॉर्ड बताता है कि आदर्श की वित्त पोषित 200 में से ज्यादातर कंपनियों में भारी नुकसान दिखाया गया, कुछ का तो टर्न ओवर भी जीरो ही है। घोटाला कैसे किया गया, इसके उदाहरण के तौर पर सन 2009 -10 में आदर्श ने मोदी परिवार की कंपनी, आदर्श थॉटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया था। 10 शेयर का मूल्य रु. 55 प्रति शेयर 45 रुपये के प्रीमियम के साथ और उसके लिए 3.25 करोड़ का भुगतान किया – जबकि उस कंपनी का बुक वैल्यू नेगेटिव। आदर्श की बैलेंस शीट 31 मार्च 2018 के अनुसार कुल ऋण और एडवांस 11 हजार 976 करोड़ 38 लाख, जो मोदी परिवार की फर्मों और एचयूएफ आदि को लोन के रूप में दिए गए। बैलेंस शीट 2018 में कंपनी की संपत्तियां केवल 563.86 करोड़ की, लेकिन उसका कोई विवरण नहीं है।
मुकेश मोदी ने ली अंबानी से भी ज्यादा सैलरी
घर वालों को ही बड़ा लोन देने के अलावा खास बात यह थी कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के चेयरमेन मुकेश मोदी की सैलरी देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी से भी ज्यादा थी। इसके अलावा खास बात यह है कि सन 2005 में आदर्श सोसायटी ने मुकेश मोदी को 70 प्रतिशत लाभांश दिया। उन्हें रु. 1 करोड़ 22 लाख 50 हजार रुपए लाभांश और अन्य शेयरधारकों को कुछ भी नहीं। मोदी परिवार के सदस्यों में, मिनाक्षी मोदी, वीरेंद्र मोदी, भरत मोदी, प्रियंका मोदी, गरिमा मोदी, वैभव लोढ़ा, राहुल मोदी, रोहित मोदी के नाम की कंपनियों ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक राशि ली। सोसायटी ने 30 मई 2009 को 10 रुपए मूल्य पर 50 हजार शेयर रजनीश दास के नाम ट्रांसफर किए और कुछ ही महीने बाद 2010 में आदर्श थॉटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को बुक वैल्यू नेगेटिव होने के बावजूद 10 रुपए मूल्य के शेयर 155 रुपए प्रति शेयर 145 रुपए प्रीमियम का भुगतान किया। इस तरह से अपने ही परिवार की करीब 200 कंपनियों को लोन देकर, शेयर बेचकर घाटे दिखाकर मुकेश मोदी और उसके परिवार ने 14 हजार करोड़ों का घोटाला किया।
अब उम्मीद केवल अमित शाह से
मोदी बंधुओं ने परिवार, दोस्तों व रिश्तेदारों के नाम पर 200 फर्जी कंपनियां खोलीं, सोसाइटी से 12 हजार करोड़ रुपए इन्हीं फर्जी कंपनियों को बतौर लोन लिया और सोसाइटी में लगे लोगों के पैसे से संचालकों ने पूरे देश में प्रॉपर्टी खरीदी। इन्कम टैक्स ने सोसायटी की जो सम्पत्तियां जब्त की है, उनकी कीमत 3 हजार करोड़ है, और इन्कम टैक्स विभाग को इनसे 3 हजार करोड़ रुपए की वसूली भी करनी है। मतलब निवेशकों को कुछ भी नहीं मिलना है। खास बात यह है कि मुकेश मोदी बेटे राहुल मोदी सहित जंवाई, पत्नी, बेटी, बहू आदि सभी ने लोन लिया और अब इनमें से ज्यादातर लोग जेल में बंद हैं। मतलब साफ है कि निवेशकों को वापस कुछ भी मिलने की उम्मीद केवल केंद्र सरकार से है। और फिलहाल केंद्र सरकार का निवेशकों के 14 हजार 800 करोड़ की वापसी का क्या प्लान है, यह कोई नहीं जानता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभी इस तरफ ध्यान गया या नहीं, यह किसी को नहीं पता, लेकिन अमित शाह कॉपरेटिव मंत्री हैं, और मामला उन्हीं के विभाग का है, इसीलिए लोगों को उन्हीं से उम्मीद है।