Rajasthan Election: राजस्थान का बेहद प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण किला है आमेर, और इसी (Amer) के नाम से बने विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी (BJP) का एक प्रसिद्ध राजनेता इन दिनों अपने महत्व को सिद्ध करने के लिए गांव गांव घूम रहा है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव का माहौल जम गया है और राजनीतिक अखाड़े में बीजेपी (BJP) व उसकी प्रतिद्वदी पार्टी कांग्रेस (Congress) अपने अपने दांव चल रही हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ. सतीश पूनिया (Satish Poonia) न केवल आमेर (Amer) से विधायक हैं बल्कि वहां की जनता के दिलों में भी बसे हुए से लग रहे हैं। वे फिर से चुनाव जीतने की जुगत में लोगों से मिल रहे हैं और लोग कह रहे हैं कि हमारे विधायकजी ने तो हमारे लिए शाम के भोजन का भी त्याग कर रखा है, वे मालाएं भी नहीं पहनते, और दिलों में तो पहले से ही बसे हुए हैं, हमारा वोट उन्हीं को पक्का है। लेकिन पूनिया जानते हैं कि राजनीति में जीत लगातार मेहनत मांगती है और मेहनती राजनेता ही लगातार जीतते रहते हैं। इसी कारण पूनिया आमेर (Amer) के गांवों की धूल नाप रहे हैं। सतीश पूनिया (Satish Poonia) कहते हैं कि ये आमेर (Amer) का इलाका उनके लिए चुनाव क्षेत्र नहीं बल्कि घर जैसा है।
पूनिया के व्रत का आमेर को अहसास
आमेर की जनता को इस बात का आभास है कि राजस्थान के चुनाव (Rajasthan Election) में बीजेपी के टिकट पर फिर चुनाव लड़ रहे उनके विधायक सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने तीन साल से रात का भोजन त्याग रखा है और वे न मालाएं पहनते हैं और न ही स्वागत करवाते हैं। दिन में जहां मिले, जैसा भी मिले, वो खा लेते हैं और यही उनकी सामान्य सी सादगी आमेर (Amer) के लोगों को लुभा रही है। पूनिया का व्रत है कि राजस्थान में बीजेपी (BJP) की सरकार बनने पर ही वे शाम का भोजन करेंगे और तभी माला भी पहनेंगे। इस बार के चुनाव प्रचार में सुबह सुबह सर्दी का माहौल रहता है, फिर भी वे आमेर (Amer) के गांवों में सात बजे सुबह ही लोगों से मिलने निकल पड़ते हैं। इस दौरान सतीश पूनिया (Satish Poonia) ज्यादातर गाड़ी में या किसी गांव-ढाणी में ही चाय नाश्ता और दोपहर का भोजन करते हैं। नेताओं वाला छल या दिखावा पूनिया में बिल्कुल नहीं है और सरलता इतनी कि लोग तत्काल उनके इस सादगी भरे आचरण पर भरोसा भी कर लेते हैं। पिछले तीन सालों से पूनिया अपने शाम के भोजन व मालाओं से दूरी बनाने के संकल्प को सहेजे हुए हैं। आमेर (Amer) में लोगों का उनको जैसा साथ मिल रहा है, उस लिहाज से कहा जा सकता है कि राजस्थान में अगली सरकार बीजेपी (BJP) की आ रही है क्योंकि वे खुद भी जीत ही रहे हैं, तो आमेर (Amer) की जनता अपने विधायक को शाम का भोजन करती देखेगी और फूल मालाएं भी पहना सकेगी।
Rajasthan Election में बढ़ी पूनिया की ताकत
आमेर के चुनाव को राजनीतिक नजरिये से देखें, तो मुकाबला दिलचस्प है और मजेदार भी। दिलचस्प इसलिए क्योंकि पिछली बार कांग्रेस (Congress) की सरकार आने का पक्का भरोसा था फिर भी यहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था और मजेदार इसलिए कि अब जब सभी कह रहे हैं कि कांग्रेस जा रही है और बीजेपी (BJP) की सरकार आ रही है, तो भी कांग्रेस (Congress) यहां जीत के दावे कर रही है, जो आसानी से गले नहीं उतरते। हालांकि, कुछ लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस के प्रशांत शर्मा आमेर (Amer) में बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। मगर, यहां से जीतकर पहली बार विधायक बने सतीश पूनिया (Satish Poonia) अपने पहले ही कार्यकाल में सीधे बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष बने और बाद में और उपनेता प्रतिपक्ष भी। पूनिया का राजनीतिक कद भी कांग्रेस (Congress) के प्रशांत शर्मा के मुकाबले बहुत बड़ा है और व्यक्तिगत व्यवहार अत्यंत सरल व सौम्य, मगर राजनीतिक तेवर में बेहद तीखे पूनिया ने आमेर (Amer) पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। इस पकड़ को ढीला करने के लिए प्रशांत शर्मा को बहुत मेहनत करनी होगी, जो कि कहीं पर लग नहीं रही।
आमेर में जीत का इतिहास
आमेर में सन 2013 के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election) में बीजेपी के सतीश पूनिया (Satish Poonia) को केवल 339 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में पूनिया को कुल 50774 वोट मिले थे और नेशनल पीपल्स पार्टी के उम्मीदवार नवीन पिलानी 51103 वोट हासिल करके जीते थे। उनसे पहले आमेर (Amer) सीट पर 1998, 2003 और 2008 में लगातार तीन बार कांग्रेस (Congress) का कब्जा रहा। आमेर से सन 1998 के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election) में कांग्रेस के सहदेव शर्मा, 2003 में लालचंद कटारिया और 2008 के चुनाव गंगासहाय शर्मा ने जीत हासिल की। उसके बाद 2013 में यहां पूनिया और पिलानी की ताकतवर जंग में डॉ. सतीश पूनिया (Satish Poonia) महज 339 वोट से हारे और उसके बाद के चुनाव (Rajasthan Election) में 2018 में पूनिया इस सीट को बीजेपी (BJP) के पाले में ले गए। लग तो यही रहा है कि डॉ. पूनिया (Satish Poonia) की जीत के बाद से आमेर (Amer) का राजनीतिक माहौल बदला है और जातिगत समीकरण साधने में भी वे जबरदस्त कामयाब रहे हैं।
Rajasthan Election में कांग्रेस कमजोर, बीजेपी का जोर
आमेर विधानसभा सीट जयपुर जिले का हिस्सा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से सटी होने से राजनीतिक रूप से भी यह सीट काफी महत्वपूर्ण विधानसभा है। पांच साल पहले साल 2018 के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election) में कांग्रेस के प्रशांत शर्मा को हराकर बीजेपी के सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने आमेर (Amer) पर पर कब्जा कर लिया था। पूनिया ने 93132 वोट लेकर प्रशांत को 13276 वोटों से हराया था। उस चुनाव में प्रशांत को 79856 वोट मिले थे। इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पूनिया और प्रशांत फिर आमने सामने हैं। आमेर (Amer) में कांग्रेस की कमजोरी यह है कि यहां पर कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ताओं में कोई खास उमंग नहीं है और सारा दारोमदार केवल जातिगत गणित व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकारी योजनाओं के भरोसे हैं। जबकि बीजेपी पूरे जोश के साथ हर गांव – गली व घर तक अपनी सीधी पहुंच बनाने में कामयाब रही है। बीते 5 साल में डॉ. पूनिया (Satish Poonia) ने अपनी अति राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद जनता से जुड़ाव के लिए आमेर (Amer) में प्रयोजनपूर्वक कई आयोजन किए हैं, जिनका जनता में सीधा असर दिख रहा है। पूनिया आश्वस्त हैं कि वे जीत रहे हैं। फिर भी, चुनाव है, इसलिए वे लगातार मेहनत कर रहे हैं। मगर, आमेर (Amer) की जनता के मन में क्या है, यह तो मतगणना में ही पता चलेगा।
-निरंजन परिहार