Ashwini Vaishnav: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मारवाड़ के हैं, लेकिन मारवाड़ और मारवाड़ी ही अपने लिए रेल सुविधाओं तथा विकास की धीमा गति को लेकर परेशान हैं। रेल मंत्री होने और मूल रूप से राजस्थान (Rajasthan) के निवासी होने के नाते स्वयं भी जानते हैं कि रेल सुविधाओं तथा रेल (Railway) सेवाओं के विकास की सबसे ज्यादा आवश्यकता मारवाड़ (Marwar) को है। अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) को अच्छी तरह से पता है कि यही इस इलाके के लोगों का कई सालों से लंबित मुद्दा भी है। फिर भी अश्विनी वैष्णव की जाने क्या मजबूरी है कि उनके रेल मंत्री के होने का पूरा लाभ मारवाड़ी समाज को नहीं मिल पा रहा है।
मारवाड़ इलाके के लोगों की में रेल विकास समस्या
वर्तमान में मुंबई से बीकानेर के बीच चलने वाली मारवाड़ी प्रवासियों की प्रमुख ट्रेन राणकपुर एक्सप्रेस मुश्किलों का कारण बन गई है। रेल मंत्री वैष्णव मारवाड़ के जीवंद कलां गांव के हैं और ननिहाल खैरवा में हैं, जहां उनका जन्म हुआ। फिर भी मुंबई व दक्षिण भारत से मारवाड़ आने जाने के लिए ट्रेनें कम होने से लाखों प्रवासियों को हो रही परेशानियों, फालना रेलवे स्टेशन पर बने फुटओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के गुजरने की परेशानियां, जवाई बांध पर एक से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने की मुश्किलें, रानी में रेलवे प्लेटफॉर्म की हालत, मारवाड़ जंक्शन में यात्री सुविधाओं से ही हो रही असुविधा, बाड़मेर, जालोर, भीनमाल, आबूरोड़, पाली से दक्षिण भारत की रेल कनेक्टिविटी के बारे में कोई उल्लेखनीय काम नहीं हो पा रहा। चार साल से मांग की जा रही है कि राणकपुर एक्सप्रेस की मुंबई से रवानगी को पूर्ववत 3 बजे किया जाना चाहिए, क्योंकि मारवाड़ के लाखों यात्रियों को इस टाइम टेबल से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रेल मंत्री तक इन परेशानियों को कई बार पहुंचाया गया, लेकिन कोई हल निकलता नहीं दिखता।

गहलोत के रेल विकास के प्रयास याद करते हैं लोग
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब केंद्र में थे, तो रेल मंत्रालय व तत्कालीन रेल मंत्री जाफर शरीफ से उन्होंने राजस्थान में रेल विकास के लिए कई कोशिशें की थीं। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ही आज जो राजस्थान में रेल विकास दिख रहा है, उसमें तेजी से काम हुआ। लेकिन वर्तमान में, रेल विकास की गति धीमी हो गई है और मारवाड़ के निवासियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रेल मंत्री वैष्णव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते हैं, विश्वासपात्र भी हैं तथा इसीलिए रेल और आईटी जैसे भारी भरकम विभाग उनके जिम्मे हैं। मोदी ही वैष्णव को प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दिलवाकर उड़ीसा से राज्यसभा में लाए, फिर मंत्री बनाया। वैष्णव के रेल मंत्री बनने से मारवाड़ी समाज तो उनमें उम्मीद की किरण दिखी रही थी, लेकिन मंत्री के मारवाड़ का होने के बावजूद, मारवाड़ के निवासियों को ही रेल सेवा में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, यह एक अपने आप में एक गंभीर विषय है।

…तो रेल मंत्री को कैसे याद करेंगे मारवाड़ के लोग
मारवाड़ और मारवाड़ी अपने रेल मंत्री से उम्मीद कर रहे हैं कि वे देश भर की समस्याएं निपटाने के साथ ही मारवाड़ में रेल विकास, सुविधाओं के विस्तार और यात्रियों की आवश्यकता को पूरा करने की तरफ भी ध्यान देंगे और हालात में सुधार करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांसद व केंद्र में मंत्री रहते हुए तीन दशक पहले राजस्थान के रेल विकास हेतु जो प्रयास किए, उनको लोग आज भी याद करते हैं तथा उनका आभार व्यक्त करते नहीं थकते। मातृभूमि की सेवा के इसी तरह के प्रयासों को मद्दे नजर रखते हुए अश्विनी वैष्ण को भी रेल मंत्री के नाते सफल प्रयास करने होंगे। यह समय की मांग है कि रेल मंत्री अब अपने घर ‘मारवाड़’ के प्रवासियों की मुश्किलों को भी समझें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। वरना, आज जो मारवाड़ अपने लाड़ले अश्विनी के रेल मंत्री होने पर गर्व करता है, वही मारवाड़ उनको किस रूप में याद करेगा, इसकी कल्पना की जा सकती है।
-निरंजन परिहार
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