Maharashtra: पूरा एक सप्ताह बीत गया, मुख्यमंत्री के नाम का चयन नहीं हो सका है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे पुराने हो चुके हैं और प्रचंड जीत के बावजूद जैसा कि अक्सर होता रहा है, लोग अपने मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान सुनने को तरस रहे है। बीजेपी में देवेंद्र फडणवीस का नाम लगभग ठंड़ा पड़ता जा रहा है, और शिवसेना के एकनाथ शिंदे अपने गांव सातारा चले गए गए हैं, लेकिन कुछ और जो नाम चर्चा में आ रहे है उन्होंने राजनीतिक पारा गरम कर रखा है। मगर किसी को पता नहीं है कि बीजेपी आलाकमान किसका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित करेगा, फडणवीस भी हो सकते हैं। बीजेपी में इस अनिर्णय की स्थिति ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के नेताओं को बीडजेपी के नेतृत्व वाली महायुति पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। शरद पवार ने कहा है कि ये जनादेश का अपमान है, तो
बीजेपी नेतृत्व किसी दबाव में नहीं
महाराष्ट्र में लंबे समय से लोग कहते रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस बेहद मजबूत हैं, उनके लोग भी मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे हैं, क्योंकि संघ परिवार का भी दबाव है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार कहते हैं कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व किसी के भी दबाव में फैसले नहीं लेता, संघ के भी नहीं। वे कहते हैं कि जिसकी बहुत चर्चा हो, उसे ही मुख्यमंत्री बना दिया जाए, यह जरूरी नहीं होता। परिहार कहते हैं कि राजनीति का पहला सिद्धांत यही है कि भारी बहुमत जब साथ हो, तो अपने ताकतवर नेताओं का उपयोग सरकार के अलावा संगठन को मजबूत करने तथा कहीं और जरूरी ऑपरेशन में भी किया जाना चाहिए। क्योंकि राजनीति तो यह मानती है कि सत्ता तो जो भी पद पर होगा, वह सम्हाल ही लेगा। राजनीतिक विश्लेषक परिहार कहते हैं कि भले ही विनोड तावड़े, चंद्रकांत दादा पाटिल, मुरलीधर मोहोल, पंकजा मुंडे या चंद्रशेखर बावनकुले जैसे कई नाम हवा में तैर रहे हों, लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी के नेता इस तथ्य को अब अच्छी तरह से जान रहे हैं, कि कुछ भी हो सकता है। परिहार कहते हैं कि राजस्थान में भी बीजेपी ने पहली बार चुनाव जीतने वाले भजनलाल शर्मा को सीधे मुख्यमंत्री बनाया और शर्मा का नाम उन वसुंधरा राजे से घोषित करवाया, जिनके मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा संभावना मानी जा रही थी। बीजेपी में ऐसे कई उदाहरण हैं।
एक बार फिर चौंकाने की संभावना
वैसे मुख्यमंत्री बनाने के मामले में बीजेपी चौंकाने में माहिर है। सन 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद बीजेपी हमेशा चौंकाती रही है। कई मामलों में साफ तौर पर देखा जाता रहा है कि बीजेपी में जिसका नाम चलता हुआ दिखाई देता है, या जिसकी चर्चा होती है, असल में वह बनता ही नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह उदाहरण देते हुए कहते हैं कि सन 2014 के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ खडसे, गोपीनाथ मुंडे सहित कई सारे और नाम की चर्चा थी, लेकिन बीजेपी नेतृत्व ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया था। सन 2022 में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद मुख्यमंत्री रहे हुए नेता देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, इसकी भी किसी को भनक तक नहीं लगने की दी गई। वे बताते हं कि मध्य प्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया, कांग्रेस की सरकार बनने की सारी आशंकाओं को बावजूद बीजेपी को भारी बहुमत मिला, लेकिन शिवराज की जगह पर मुख्यमंत्री के रूप में चौंकाने वाला नाम आया मोहन यादव का सामने आया। ऐसे ही कुछ त्थ्यों के आधार पर राजकुमार सिंह कहते हैं कि महाराषट्र में इस बार भी संभावनाएं कुछ ऐसी दिख रही है कि सभी को चौंकाया जा सकता है।
मुरलीधर ने कहा – वो मैं नहीं!
मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, महाराष्ट्र के दिग्गज नेता चंद्रकांत दादा पाटिल, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे, केंद्रीय नागरिक उड्यन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल जैसे कई नाम उछल रहे हैं। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए अचानक केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल का नाम भी सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गया। सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि पुणे के महापौर से सीधे सांद और सांसद से सीधे मुख्यमंत्री पद पाने वाले मुरलीधर मोहोल की लॉटरी लगने वाली है। वैसे, मोहोल बीजेपी के दिग्गज नेता चंद्रकांत दादा पाटिल के बेहद करीबी हैं और पाटिल की वजह से ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी हैं। मोहोल के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा की थी। हालांकि, खुद मुरलीधर मोहोल ने खुद के मुख्यमंत्री बनने की चल रही इस खबर का खंडन कर दिया है।उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रहे मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे नाम की चर्चा निरर्थक है।
देरी पर शरद पवार का प्रहार
सही बात है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, महाराष्ट्र में इसे लेकर बड़ा पेंच फंसा हुआ है, इसी हालात पर फैसला होने में देरी के बारे में महाविकास आघाड़ी के नेता शरद पवार ने कहा है कि इतना स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी अभी तक सरकार नहीं बन पाई है, इसका मतलब साफ है कि जनता द्वारा दिया गया बहुमत महायुति के लिए कोई मायने नहीं रखता। पवार ने वर्तमान स्थिति पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंमत्री बनाने के नाम पर जो कुछ भी चल रहा है वह राज्य के लिए अच्छा नहीं है। वैसे, महाराष्ट्र में महायुति की होने वाली बैठक को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है कि आज होने वाली बैठक फिलहाल टल गई है। क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा जिले में स्थित अपने गांव में हैं और उनके वापस आने पर ही बैठक होने की संभावना है। माना जा रहा है कि 5 दिसंबर से पहले मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय हो जाएगा।
-राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)
यह भी पढ़ियेः Maharashtra Assembly Election: बीजेपी गठबंधन की महाराष्ट्र में प्रचंड जीत को ऐतिहासिक कहा पीएम मोदी ने
इसे भी पढ़ेः Maharashtra Assembly Election: बीजेपी गठबंधन को तगड़ा समर्थन और कांग्रेस, ठाकरे – पवार को करारा झटका