Rajasthan News: बीजेपी के नए प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल प्रदेश में पार्टी की राह आसान करने के बजाय उसमें कांटे बोते जा रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में ऐसा साफ तौर पर लगने लगा है। सबसे पहले उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ पर अनर्गल व अपमानजनक टिप्पणी की। उसके बाद उन्होंने प्रदेश के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कपाल क्रिया करने और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट को जमीन में गाड़ देने की बात कह कर अपनी ही पार्टी के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। राजस्थान में आने वाले दिनों में 6 विधानसभा सीटों के उपचुनाव हैं और बीजेपी में अब प्रभारी की जबान को लगाम देने की बात कही जाने लगी है, ताकि उपचुनाव में नुकसान होने की संभावनाएं विकसित न हो। इस बयानबाजी से राजपूत, ओबीसी व गुर्जर समाज के लोग बेहद खफा हैं।
राजेंद्र राठौड़ पर टिप्पणी से बीजेपी वाले भी भड़के
राजस्थान बीजेपी में साफ तौर पर लग रहा है कि राजेंद्र राठौड़ पर की गई टिप्पणी के बाद बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता भी राधामोहन दास से नाराज नजर आ रहे हैं। बीजेपी नेताओं की क्लास लगाने जैसे एक आयोजन में प्रभारी ने राजेंद्र राठौड़ पर भी जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि राठौड़ अभी तो यही थे, लेकिन वो उठकर चले गए हैं। उनकी उपस्थिति लग गई है, लेकिन उनसे पूछा जाना चाहिए कि ऐसा क्या जरूरी काम था कि वे बैठक से उठकर चले गए। संगठन से ऊपर कोई नहीं है। बीजेपी प्रभारी के इस बयान को राठौड़ का अपमान माना जा रहा है। बीजेपी के नए प्रभारी द्वारा पार्टी नेताओं की क्लास लगाना किसी को पसंद नहीं आया। अब इसे लेकर विरोध के सुर दिखाई देने लगे हैं। बीजेपी समर्थक संगठन करणी सेना ने तो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ के सामने खुले आम विरोध जताते हुए उनसे कहा कि ऐसा प्रभारी नहीं चाहिए।
‘गहलोत की कपाल क्रिया बाकी’ बयान से बिफरे लोग
उपचुनाव को लेकर दौरे पर निकले बीजेपी प्रभारी राधामोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत पर बेहद अशोभनीय टिप्पणी की। उन्होंने ‘एनडीटीवी’ से एक बातचीत में कहा कि राजस्थान की जनता के दिलों में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी है। अशोक गहलोत जा चुके हैं और उनकी कपाल क्रिया होना बाकी है। इन उपचुनावों में उनकी राजनीतिक कपाल क्रिया भी हो जाएगी। ज्ञात हो कि जब मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है तो अग्नि पूरी तरह से प्रज्वलित हो जाती है, तो मृत व्यक्ति के मस्तक को डंडे के प्रहार से तोड़कर उसमें घी डालकर जलाया जाता है। इसी को कपाल क्रिया कहा जाता है। राजस्थान की राजनीति में सबसे वरिष्ठ और पांच दशक से जनसेवा कर रहे शालीन व्यक्तित्व के धनी राजनेता के रूप में विख्यात अशोक गहलोत पर बीजेपी प्रभारी की इस बेहूदा एवं भद्दी टिप्पणी से प्रदेश के लोगों में काफी गुस्सा है। बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता भी गहलोत पर इस प्रकार की टिप्पणी से नाराज हैं।
‘पायलट को जमीन में गाड़ चुके’ कहा तो पुतला फूंका
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट पर जाति की राजनीति करने और अल्पसंख्यक वोटों की खातिर टोंक से चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए बीजेपी प्रभारी अग्रवाल ने पायलट पर भी तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि अब टोंक की कहानियां बदल चुकी हैं और लोग अब पायलट को जमीन में गाड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट कोई चुनौती नहीं हैं। सचिन पायलट सिर्फ स्पेंट फोर्स है। पायलट का जमाना अब खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि टोंक कभी पायलट का गढ़ रहा होगा, लेकिन पायलट पहले दौसा से चुनाव लड़ते थे. दौसा में लोगों को आपस में लड़वाकर वो नेता बने थे। उनका भेद खुल गया, उन्हें पता चल गया था कि दौसा के लोग अब उनके जातीय दंगों से उन्हें चुनने वाले नहीं हैं, इसलिए वो भागकर टोंक चले आए। उन्होंने आगे कहा कि पायलट को पता था कि यहां अल्पसंख्यक समाज के लोग ज्यादा हैं, टोंक में हिंदू समाज का बंटवारा करके वो विधायक बन गए थे, लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
प्रदेश भर में प्रभारी की अनर्गल बयानबाजी का विरोध
बीजेपी प्रभारी राधामोहन की अनर्गल बयानबाजी के बाद उनके खिलाफ समूचे राजस्थान में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके बारे में कई तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं। झुंझुनू में बीजेपी के कार्यक्रम में ही राजेंद्र राठौड़ के समर्थन और प्रभारी के खिलाफ नारेबाजी हुई, तो बाद में टोंक से भी राधामोहन दास अग्रवाल के विरोध की खबर सामने आई है। वहां पायलट समथर्कों ने प्रभारी राधामोहन का पुतला फूंका और नारेबाजी की। प्रदेश भर में कांग्रेसजन अपने सबसे वरिष्ठ नेता गहलोत और पायलट पर की गई टिप्पणियों को बिफर रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा है कि बीजेपी नेताओं की इस तरह की बयानबाजी करने की आदत रही है, तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि बीजेपी को अपने प्रभारी इन टिप्पणियों का भुगतान करना पड़ेगा।