बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में, नई एनडीए सरकार का गठन हो गया है। यह दसवीं बार है, जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। पटना के गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में बिहार (Bihar) के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री व सभी मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री को तौर पर नीतीश के 10वें शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री व कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने ज्यादा सीटों पर जीतने के बावजूद नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया है। दरअसल, नीतीश फिर एक बार और कुल 10वीं बार मुख्यमंत्री तो बन गए हैं, लेकिन उनके कंधों पर चुनावी वादे पूरे करने का बोहद मुश्किल भार ज्यादा है।
नीतीश के साथ 26 मंत्रियों ने भी ली शपथ
बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 26 मंत्रियों ने भी पद व गोपनीयता की शपथ ली। इन मंत्रियों में बीजेपी के 14 और जेडीयू के 8 मंत्री शामिल हैं। बीजेपी विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी और उपनेता विजय कुमार सिन्हा ने नई सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में केबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। बीजेपी के मंत्रियों में सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे, रामकृपाल यादव, नीतिन नवीन, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र सिंह रौशन, श्रेयसी सिंह और प्रमोद कुमार हैं। इसी तरह जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मंत्रियों में, विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार, मोहम्मद जमा ख़ान शामिल हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संजय कुमार पासवान और संजय कुमार सिंह सहित जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष सुमन (जीतन राम मांझी के बेटे) ने शपथ ली और राष्ट्रीय लोक मोर्चा दीपक प्रकाश (उपेंद्र कुशवाहा के बेटे) कको मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

10वीं बार और कुल 19 साल तक सीएम नीतीश
अपने अब तक के 9 बार के मुख्यमंत्री शासन काल में नीतीश कुमार कुल 19 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। आज दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वह बिहार के अब तक सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं में से एक तो हैं ही, सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में, प्रधानमंत्री मोदी गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष नड्डा सहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल समेत कई बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे।
चुनावी वादे बेहद मुश्किल रहेंगे नीतीश के लिए
उल्लेखनीय है कि बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में जोरदा जीत के साथ प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए सत्ता में वापसी की है। एनडीए ने कुल 202 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीडेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन हिन्दी भाषी राज्यों में बिहार ही एकमात्र राज्य है, जहां बीजेपी इस बार भी अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाई है। सबसे बड़ी पार्टी होकर भी बीजेपी नीतीश कुमार के सहयोगी की भूमिका में है, जो कि यह स्थिति भविष्य में राजनीतिक तौर पर नई चुनौती खड़ी कर सकती है। नीतीश के लिए इस बार सीएम बने की सबसे बड़ी चुनौती है बिहार विधानसभा चुनाव से पहले किए गए बड़े – बड़े वादे। मुफ़्त राशन, 125 यूनिट मुफ़्त बिजली, पांच लाख तक मुफ़्त इलाज सुविधा, 50 लाख नए पक्के मकान और सामाजिक सुरक्षा पेंशन दोना सरकार के लिए बहुत बड़ीचुनौती साबित होगा।
-आकांक्षा कुमारी
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