Budget: भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को संसद में छठी बार केंद्रीय बजट (Budget) पेश करेंगी। इस साल का वार्षिक वित्तीय विवरण थोड़ा अलग रहेगा, क्योंकि यह एक अंतरिम बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आद संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले कहा कि जब चुनाव का समय निकट होता है तब पूर्ण बजट नहीं रखा जाता, हम भी उसी परंपरा का पालन करते हुए नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट लेकर आएंगे। वैसे, आगे हम देश काे जिस पहले बजट पर बात करने जा रहे हैं, वह भी भारत का पहला बजट अंतरीम ही था। एक राष्ट्र के तौर पर भारत ने आज तक, 77 नियमित बजट और 14 अंतरीम बजट देखे हैं। इस प्रकार से अब तक कुल 91 केंद्रीय बजट संसद में प्रस्तुत हुए हैं। 1 फरवरी को संसद में होने वाला यह 92वां केंद्रीय बजट होगा। खास बात यह है कि देश का हर समझदार व्यक्ति बजट का इंतजार करता है और इसीलिए पूरा देश इस साल के सबसे बड़े पल की प्रतीक्षा कर रहा हैं। लेकिन उससे पहले आइए हम चलते यादों को झरोखों में, और देखते हैं कि आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री ने 26 नवंबर, 1947 को वित्त मंत्री (Finance Minister) आरके शनमुखम ने आजाद भारत का पहला बजट कैसे प्रस्तुत किया था।
Budget आजाद भारत में 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया
बजट इतिहास बहुत ही समृद्ध और गहरा है। दरअसल, पहला बजट 1860 में स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। और यह विल्सन ही थे जिन्होंने इन्कम टैक्स की शुरुआत की थी। वर्षों बाद, आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के ठीक तीन महीने बाद 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक साढ़े सात महीने की अवधि के लिए। दिलचस्प बात यह है कि भारत का पहला बजट भी 2023 के इस साल की तरह अंतरिम बजट ही था। भारत आज अपने 92वें बजट के लिए तैयार है, लेकिन इतिहास में झांकें, तो 1947 में पहला बजट कोयंबटूर में 1892 को पैदा हुए आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था, जिनको को जवाहरलाल नेहरू ने देश का पहला वित्त मंत्री नियुक्त किया था। भारत को आज़ादी मिलने के तीन महीने बाद उन्होंने देश का पहला बजट पेश किया। चेट्टी अपने आर्थिक और कानूनी कौशल के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। चेट्टी का व्यापार और वाणिज्य निकायों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
शाम 5 बजे पेश हुआ था भारत का पहला बजट
26 नवंबर 1947 को, जब महत्वपूर्ण क्षण आया, जब चेट्टी गहरे रंग का, पिन-धारीदार, थ्री-पीस सूट पहने हुए थे और चमड़े का बैग लेकर संसद पहुंचे और आज़ाद भारत का पहला बजट दिया। आजकल भले बजट सुबह पेश किया जाता है, लेकिन चेट्टी ने भारत का पहला बजट शाम 5 बजे पेश किया। इतिहासकारों के अनुसार, बजट भाषण पेश करते समय चेट्टी ने कहा – मैं स्वतंत्र और स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश करने के लिए खड़ा हूं। इस अवसर को एक ऐतिहासिक अवसर माना जा सकता है, और मैं इसे एक दुर्लभ सौभाग्य मानता हूं कि इस बजट को पेश करने के लिए वित्त मंत्री बनने का दायित्व मुझे मिला है। अपने भाषण में, उन्होंने बढ़ती कीमतों पर अपनी चिंता को रेखांकित किया, जिसका मुख्य कारण औद्योगिक और कृषि दोनों, उत्पादन में चौतरफा गिरावट है।
पहला बजट 200 करोड़ से कम का, अब 45 लाख करोड़ का
भारत के पहले बजट में भारत की वित्तीय स्थिति का आंकलन इसी से किया जा सकता है कि बजट राजस्व 171.15 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, उस वर्ष कुल व्यय 197.29 करोड़ रुपये आंका गया था। इसकी तुलना यदि भारत के पिछले 2023 के बजट से करें तो सरकार ने 45,03,097 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया था। खास तौर से, कुल व्यय में से, भारत के प्रथम बजट में रक्षा सेवाओं के लिए 92.74 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था। भारत के पहले बजट में भी देश का राजकोषीय घाटा 26.24 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था।
नेहरू ने गैर कांग्रेसी को बनाया ता वित्त मंत्री
सन 1892 में कोयंबटूर के एक व्यवसायी परिवार में जन्मे चेट्टी एक सुशिक्षित व्यक्ति थे, जिन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और मद्रास लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक किया। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में प्रवेश किया और राष्ट्रवादी स्वराज पार्टी और जस्टिस पार्टी दोनों में काम किया। वह 1935 से 1941 तक कोचीन साम्राज्य के दीवान भी रहे। प्रधानमंत्री नेहरू ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया था, वे उस मंत्रिमंडल के तीन गैर-कांग्रेसी व्यक्तियों में से एक थे। भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चेट्टी को अपने वित्त मंत्री के रूप में चुना था।