Congress: देश की सबसे पुरानी मगर, सत्ता से लगातार दूर होती पार्टी कांग्रेस (Congress) की वर्तमान हालत पर देश के दिग्गज पत्रकार एवं कांग्रेस के अंदरूनी मामलों के जानकार शकील अख्तर (Shakeel Akhtar) की धारदार टिप्पणी। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर जैसा उन्होंने लिखा, वही शब्दशः –
बड़ी गाड़ियां, बड़ी कोठियां फाइव स्टार में खाना पीना कांग्रेसियों की पहचान है। भाजपा वाले डरते हैं। मोदी और अमित शाह कड़ी निगाह रखते हैं। पैसा वहां भी उतना ही आता है। मगर पार्टी फंड में। बड़े बड़े पार्टी आफिस बना लिए। कांग्रेसियों ने जहां थे, वहां बेच दिए। अधिकांश जगह किराए के हैं। दिल्ली के बीजेपी आफिस का बहुत जिक्र होता है। कांग्रेस को बीजेपी को साथ जगह मिली थी। बीजेपी ने सरकार बनने के 3-4 साल में बना लिया। कांग्रेस कार्यालय का शिलान्यास सोनिया गांधी से करवाया था। 2009- 10 के आसपास। आज तक पूरा नहीं हुआ।
कांग्रेस में उसके नेता ही खा जाते हैं पार्टी का पैसा
बीजेपी ने अपने सारे कार्यकर्ताओं को काम दे दिया। संघ के भी सभी लोगों को लगा दिया। मगर कांग्रेसी अपने कार्यकर्ताओं को कभी कुछ नहीं देते हैं। मंडल आयोग खाली पड़े रहें। भाजपा के लोग चलाते रहें, मगर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को नहीं देंगे। अभी 5 साल राजस्थान में सरकार रही। कुमार विश्वास की पत्नी को दिया। मगर कांग्रेसी कार्यकर्ता को कुछ नहीं। डेढ़ साल जब मध्य प्रदेश में रही तो यही कमलनाथ ने किया। जब जा रही थी तो जल्दबाजी में दिए और आते ही पहले दिन शिवराज ने सबको हटा दिया। अपने आदमी भी उसी दिन लगा दिए। 10 साल यूपीए की सरकार में भी यही रहा। लोगों को लगाया, मगर बीजेपी के लोगों को ही। अपने लोगों को बस ट्रोल बना दिया। भाजपा अपने ट्रोलों को भी बहुत अच्छा पैसा देती है। यह 2 रु. की सारी दिल बहलाने की कहानियां हैं। मोटी रकम दी जाती है। वहां पैसा जो आ रहा है वह कार्यकर्ता में पार्टी के खर्चों में चुनाव में जा भी रहा है। नेताओं की जेब में नहीं। मगर, कांग्रेस में नेता खा जाते हैं।
गांधी परिवार के त्याग के बदले कुछ नहीं देते कांग्रेसी
राहुल प्रियंका मेहनत करते हैं। सन 2004 में सोनिया गांधी मेहनत करके सरकार लाईं थीं और इन कांग्रेसियों को सौंप दिया था। आज भी यही कहते हैं कि राहुल प्रियंका सरकार लाएंगे और हमें दे देंगे। आज भी पार्टी की इतनी बुरी हालत है मगर उसमें भी कमीशन खाना नहीं छोड़ते। जब तक परिवार है कांग्रेस चल रही है। मोदी जी इसीलिए परिवार पर हमला करते हैं। वह कांग्रेस मुक्त भारत नहीं परिवार मुक्त कांग्रेस बनाना चाहते हैं। गोदी मीडिया की खबरों को बारीकी से देखिए। हमला राहुल सोनिया पर होता है कांग्रेस के नेताओं पर नहीं। उनका तो प्रचार भी करते हैं उन्हें बचाते भी हैं। प्राण त्यागे गांधी परिवार, पद त्यागे गांधी परिवार, निशाने पर रहे गांधी परिवार, सड़कें नापें गांधी परिवार, संघर्ष करे गांधी परिवार, पर कांग्रेस का जिला स्तर का नेता भी अपना पद तक पार्टी हित में नहीं छोड़ना चाहता।