IIM Mumbai: देश की आजादी के बाद से लेकर सन 2014 तक के 65 सालो में देश में हायर एजुकेशन के 827 संस्थान थे, जो प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जब देश का कार्यभार सम्हाला, तब से केवल दस सालों में ही बढकर यह संख्या 1168 हो गई हैं। इतना ही नहीं तब आईआईएम (IIM) की संख्या 13 थी जो अब 21 हो गयी है। देश में बहुत तेजी से बढ़ती और मजबूत होती शिक्षा व्यवस्था के लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) आश्वस्त हैं कि 2047 तक विकसित भारत बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा होगा, और उसमें वे मानते हैं कि इसमें शिक्षा और तकनीक का ही सबसे अहम योगदान अहम होगा। आईआईएम मुंबई (IIM Mumbai) के पहले दीक्षांत समारोह में छात्रों से उन्होंने कहा कि नौकरी करने के बजाय नौकरी देने वाले बनना चाहिए, तभी विकसित भारत का निर्माण आसान हो सकेगा।
नए युग में अमीरों के ही नहीं सामान्य बच्चे भी उद्यमी
भारत दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्था बन सकती है और इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानते हैं कि विकसित भारत में हम सारी दुनिया को साथ लेकर चलेगें। प्रधानमंत्री के उसी लक्ष्य के हवाले से शिक्षा मंत्री प्रधान का कहना है कि अमृतकाल में यानी भारत की आजादी के 75वें साल में हमारा देश सात ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था तक बन सकता है। आईआईएम मुंबई के पहले दीक्षांत समारोह का शुभारंभ करते हुए शिक्षा मंत्री प्रधान ने नये ग्रेजुएट्स को शुभकामनायें देते हुए कहा कि अब केवल बड़े लोगों और अमीरों व रसूखदारों के बच्चे ही उद्यमी नहीं बनते बल्कि सामान्य वर्ग के बच्चे भी उद्यमी बनते हैं। इस मौके पर आईआईएम मुंबई के नए लोगो का भी अनावरण किया गया। कॉन्वोकेशन समारोह में नेशनल स्टाक एक्सचेंज के चेयरमेन आशीष चौहान, आईआईएम के चैयरमेन शशिकिरण शेट्टी और डायरेक्टर मनोज तिवारी सहित 1300 से ज्यादा छात्र और उनके परिजन मौजूद थे।
मुंबई यूनिवर्सिटी की वजह से नहीं बना आईआईएम
आईआईएम मुंबई की मांग बहुत पुरानी थी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में पूरी हुई है। मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है और सन 1960 से ही मुंबई में बिजनेस स्कूल की मांग हो रही थी। कई उद्यमियों ने भी व्यक्तिगत स्तर पर इस बारे में प्रयास किया, लेकिन तब मुंबई विश्वविद्यालय की आपत्ति की वजह से अहमदाबाद में आईआईएम बनाया गया। अब इतने सालों बाद मुंबई में नीटी को बदलकर आईआईएम बनाने का विधेयक पारित किया गया है और अब से यहां आईआईएम डिग्री दी जायेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि हमने अभी अभी लोकतंत्र और संविधान का उत्सव आजादी के अमृत उत्सव के तौर पर मनाया है और अगले 25 साल में अमृतकाल में भारत दुनिया की सबसे बड़ी तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। 2014 के बाद से देश में उच्च शिक्षा के लिए आने वालों की संख्या तेजी से बढ़ाने की बात करते हुए उन्होंने बताया कि हायर एजुकेशन में रजिस्ट्रेशन 26 फीसदी से ज्यादा बढ गया है, और पीएचडी में रजिस्ट्रेशन 81 फीसदी तक बढा है।
आईआईएम मुंबई से 25 यूनिकार्न का लक्ष्य
छात्रों से देश के लिए काम करने का आहवान करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहली औद्योगिक क्रांति में हम गुलाम थे, लेकिन अब चौथी आर्थिक क्रांति में भारत के छात्र दुनिया भर में योगदान दे रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था में नवउद्यमियों का योगदान 340 बिलियन से ज्यादा हो गया है। हमें अगले कुछ सालों में 1000 से ज्यादा यूनिकार्न बनाना है, जिसमें से कम से कम 25 इस नये आईआईएम मुंबई से निकले हुए छात्रों के होने चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी के हवाले से कहा कि हमें अपना कर्तव्य बोध भी याद रखना है। समाज की आवश्यकताओं को समझते हुए अपने ज्ञान का इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले देश में केवल 350 ही स्टार्टअप थे जो अब बीते दस साल में एक लाख से ज्यादा हो गये हैं और यूनिकार्न 108 से ज्यादा है।