Rajasthan: प्रदेश के नए मंत्रियों की सूची पूरे राजस्थान (Rajasthan) के मोबाइल में भटक रही है, जयपुर के राजभवन के लॉन में तंबू लगने शुरू हो गए हैं कुर्सियां सज रही हैं, राजस्थान स्टेट मोटर गैराज की गाड़ियां का काफिला भी सज रहा है, और सचिवालय में कमरों के आवंटन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग भी कमर कस चुका है। कई विधायक वरिष्ठ विधायक, कुछ पूर्व मंत्री और अनेक नए नवेले विधायक जयपुर में ही डेरा डाले हुए हैं कि कब बुलावा आए और कब पहुंचे राजभवन, आखिर सत्ता जो संभालनी है। अब इंतजार है, तो केवल शपथ ग्रहण का। बीजेपी (BJP) ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है। इसी वजह से राजस्थान की बीजेपी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर काउंटडाउन तब से ही शुरू हो गया था, जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) और उनके दोनों उप मुख्यमंत्री, दीया कुमारी और डॉ प्रेमचंद बैरवा ने शपथ ली थी। अब माना जा रहा है कि मंत्रियों के नामों का ऐलान भी कभी भी हो सकता है, इसीलिए न केवल विधायकों को, बीजेपी के नेताओं को और सरकारी अफसरों को मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतीक्षा है, बल्कि पूरे राजस्थान की जनता को भी अपने मंत्रियों के चेहरों इंतजार है।
सबको इंतजार नए मंत्रियों का
राजस्थान (Rajasthan) में 3 दिसंबर को बीजेपी (BJP) ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की, 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके साथ दो उप मुख्यमंत्रियों दीया कुमारी व डॉ बैरवा ने शपथ ग्रहण की, उसके बाद ये तीनों नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ताकतवर गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के बड़े नेताओं से मिलकर जयपुर लौट भी आए थे। तीनों मिलकर दिल्ली गए ते, तो कोई मेल मुलाकात के लिए तो निश्चित तौर पर नहीं ही गए होंगे, आखिर जो सबसे महत्वपूर्ण काम है, उस पर चर्चा तो की ही होगी, स्वीकृति भी ली ही होगी, तो फिर अब उसके बाद पूरे 10 दिन बीत गए हैं, फिर भी प्रदेश के मंत्रिमंडल का इंतजार है। माना जा रहा है कि राजस्थान के नए मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री शर्मा और दो उपमुख्यमंत्रियों के अलावा बाकी मंत्री शामिल करने के काम जल्दी ही पूरा हो सकता है, ताकि सरकार काम करना शुरू करे, तो अगली तैयारियां भी शुरू हो सके।
कुछ नाम तय, कुछ चर्चा में
यह सही है कि राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा चुनाव में 115 सीटें जीतकर सत्ता में आई बीजेपी (BJP) अपनी सरकार सरकार के गठन में देरी हो रही है, लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। बीजेपी अपने कई प्रदेशों में लंबे समय तक मंत्रिमंडल न बनाने की अनुभवी है। हालांकि चुनाव जीतते ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल बन गए हैं और लोकसभा चुनाव सर पर है, इस वजह से भी मंत्रिमंडल का गठन जल्द करना जरूरी माना जा रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान ने अपनी ओर से कुछ नाम तय करके मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) को दे दिए हैं और कुछ नाम उसमें और जोड़ने बाकी है। मुख्यमंत्री शर्मा दो बार दिल्ली हो आए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी दिल्ली में पार्टी की बैठकों में शामिल रही हैं। माना जा रहा है कि सूची लगभग बन चुकी है और आलाकमान की तरफ से फाइनल नाम हाथ में आते ही मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण की तारीख और वक्त घोषित कर दिए जाएंगे। हालांकि संघ परिवार (RSS) ही अंतिम सूची फाइनल करेगा, यह तय माना जा रहा है।
भविष्य की भाजपा के लिए नए मंत्री
हालांकि बीजेपी (BJP) की राजनीति में चर्चाओं की कोई हैसियत नहीं है, फिर भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री शर्मा और दो उपमुख्यमंत्रियों के अलावा बीजेपी सरकार के नए मंत्रिमंडल में कुल 20 और मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। लेकिन बीजेपी ने मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) के नाम से सबको चौंकाते हुए किसी भी तरह के कयासों और चर्चाओं के लिए दरवाजे बंद कर रखे हैं। इसलिए मंत्रियों की संख्या कितनी होगी, मंत्री कौन बनेगा और कब बनेगा, कोई नहीं जानता। पार्टी ने आधिकारिक रूप से अब तक कोई सूची जारी नहीं की है। माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार राजस्थान (BJP) मंत्रिमंडल में ज्यादातर नए चेहरों को मौका देने के मूड में है, क्योंकि पार्टी भविष्य की भाजपा बनने की राह पर है और पुरानों के अनुभव का आधार बनाने के लिए कुछ लोग अनुभवी भी लिए जा सकते हैं। जातिगत, क्षेत्रवार और पीढ़ी के समीकरणों को ध्यान में रख कर ही राजस्थान (Rajasthan) की नई सरकार बनेगी,स यह भी तय है। बताया जा रहा है कि भाजपा अपनी भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं को देखते हुए सबकी भावनाओं का ख्याल रखेगी, ताकि लोकसभा के साथ साथ अगली बार 2028 में भी बीजेपी की ही सरकार फिर बने।
वे नाम जो चर्चा में, लेकिन तय नहीं
दरअसल बीजेपी (BJP), कांग्रेस नहीं है, जहां कुछ लीक होने की संभावना बहुत होती है। फिर भी राजस्थान (Rajasthan) की नई सरकार में जिन लोगों के नाम मंत्रिमंडल के लिए चर्चा में है, उनमें दलित नेताओं में जोगेश्वर गर्ग सबसे आगे हैं, तो डॉ किरोड़ी लाल मीणा को भी अग्रणी माना जा रहा है। ओटाराम देवासी (भोपाजी) का नाम भी चर्चा में है, लेकिन अगर बीजेपी एक लोकसभा क्षेत्र से एक विधायक को ही मंत्री बनाने का फैसला कर चुकी है, तो फिर जोगेश्वर और भोपाजी तो दोनों ही जालोर लोकसभा क्षेत्र से हैं। ऐसे में मदन दिलावर, जोराराम कुमावत, पब्बाराम बिश्नोई, ताराचंद सारस्वत, गजेंद्र सिंह खींवसर, सुरेंद्र सिंह राठौड़, कन्हैया लाल चौधरी, रामविलास मीणा, जगदीप बिहाणी जैसे कुछ नए तो कुछ पुराने विधायकों सहित भैराराम चौधरी, संदीप शर्मा और सुरेश रावत, जवाहर बेडम, उदय लाल भडाणा और संजय शर्मा के नाम भी बताये जा रहे हैं। लेकिन मंत्री जो भी बने, यह तय है कि संघ परिवार (RSS) ही उनके नामों पर असली मुहर लगाएगा।
मंत्रिमंडल की सूचियों का फर्जीवाड़ा
वैसे, मंत्रिमंडल की एक सूची सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें राजस्थान (Rajasthan) की नई सरकार के लिए कई विधायकों के नाम हैं। लेकिन इस तरह की सूची पहले भी जारी होती रही है और पार्टी के लैटर हैड पर हूबहू उम्मीदवारों के नाम जारी होते रहे हैं, मगर उनकी कोई वखत नहीं है। भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) का मुख्यमंत्री पद के लिए नाम घोषित होने से पहले बाबा बालकनाथ के नाम की सूची भी पार्टी के लैटर हैड पर हूबहू जारी हुई थी, फिर उसका क्या हश्र हुआ, राजस्थान ने वह भी देखा। जानकार कहते हैं कि उल्टे कभी कभी तो जिन लोगों के नाम इस वायरल सूचियों में दिखते रहे हैं, उनके नाम ही कटते देखे गए हैं। इसी कारण बीजेपी (BJP) के जानकार यह भी मान रहे हैं कि विरोधियों द्वारा किसी विधायक का नाम मंत्रिमंडल से कटवाने के लिए भी ऐसी सूचियां बनाई जाती रही है, ताकि मंत्री बनने से पहले ही विरोध शुरू हो जाए, तो उसका नाम ही कट जाए।