School Hizab: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) का एक स्कूल (School), वहां की लड़कियां, उनके सर पर हिज़ाब (Hizab) और विधायक आचार्य बालमुकुंद (Acharya Balmukund) इन दिनों खबरों में है। जयपुर में एक मुस्लिम बहुल इलाका है सुभाषनगर। वहां गंगापोल में बालिकाओं के एक सरकारी स्कूल है। ज़ाहिर है, इलाका मुसलमानों का है और स्कूल लड़कियों का है, तो ज्यादातर छात्राएं मुस्लिम लड़कियां ही हैं। जब छात्राएं मुस्लिम समुदाय की है, पहनावा भी उनका वही होगा, जैसा कि उनमें आम चलन है। हिज़ाब पहनना आजकल मुस्लिम समुदाय की लड़कियों में आम बात है, जो उनकी पहचान से जुड़ गयाहै। बस, यही मामला है इस स्कूल के चर्चित होने का। तो, जयपुर में इन दिनों हिज़ाब खबरों में है, और हिज़ाब का विरोध करने वाले भी चर्चा में हैं। आचार्य बालमुकुंद वैसे भी कोई कम चर्चित नहीं हैं, लेकिन सरकारी स्कूल में तय यूनिफॉर्म पर हिज़ाब पर उन्होंने उंगली उठाई, तो बवाल मचा हुआ है।
स्कूल में हिज़ाब से माहौल खराब
हिज़ाब आजकल की मुसलमान लड़कियों में ज्यादा चलन में है। आपने भी देखा होगा, हमारे हिंदुस्तान में पहले हिज़ाब या बुरखा इतना चलन में नहीं हुआ करता था, जितना आजकल है। तो, बवाल भी आजकल उसी पर ज्यादा हो रहा है। वह 27 जनवरी 2024 का दिन था, और इस दिन जयपुर में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय गंगापोल, का वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था। मुख्य अतिथि थे विधायक बालमुकुंद आचार्य। वही बालमुकुंद, जो धर्म, संस्कृति और हिंदुत्व को लेकर रह रहकर खबरों में छाए रहते हैं। मुसलमान उन्हें हिन्दू कट्टरपंथी मानते हैं और हिंदू अपना नेता। आचार्य बालमुकुंद ने स्कूल में कुछ हिजाबधारी छात्राओं को देखा, तो उत्सुकता जगी। आखिर स्कूल की सरकारी पोशाक में हिज़ाब कैसे हो सकता हैं! विधायक बालमुकुंद आचार्य एक वायरल वीडियो में प्रिंसिपल से कहते हैं, “यह हिजाब का क्या चक्कर लगा रखा है। शादीशुदा हैं क्या ये, मना किया करो हिजाब के लिए। हिजाब की वजह से माहौल ख़राब कर रहे हो आप। स्कूल में तो हिजाब बंद करो। स्कूल की छात्राएं इससे नाराज़ हो गई है। उनका कहना है कि वे पढ़ाई छोड़ सकती है, मगर हिज़ाब नहीं छोड़ सकती।
हिज़ाब पर टिप्पणी की तो थाने पर प्रदर्शन
जयपुर के स्कूल में हिज़ाब पर ऐतराज का यह मामला मुस्लिम समुदाय की छात्राएं अपने अभिभावकों तक ले गई और अभिभावक यह पूरा मामला पुलिस थाने ले पहुंचे। जहां, उन्होंने अपनी शिकायत रखी और प्रदर्शन किया। मामला विधानसभा में भी उठा। जयपुर के विधायक रफ़ीक खान ने आपत्ति जताते हुए विधायक बालमुकुंद आचार्य पर कार्रवाई की मांग की। उसके बाद रफीक ख़ान छात्राओं के प्रदर्शन में पुलिस थाने पहुंचे। स्कूल प्रिंसिपल रूबी चिश्ती इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती। करे भी तो कैसे, मामला अपनी सरकारी नौकरी का है, सरकार बीजेपी की है और बालमुकुंद बीजेपी के विधायक है।
हिज़ाब की छूट, तो फिर बाकी छूट भी
विधायक बालमुकुंद आचार्य का कहना है कि उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से कहा कि स्कूल में दो प्रकार का ड्रेस कोड मत रखो। सभी बच्चे सरकारी गाइड लाइन के हिसाब से स्कूल यूनिफॉर्म में आएं या फिर सभी को छूट दे दो कि कुछ भी पहनो। बालमुकुंद का कहना है कि एक तरह से षडयंत्र रचा जा रहा है। अगर हिसाब पहनकर ही आना है तो बाकी छात्राओं के लिए हम तो मांग कर रहे हैं कि सबको स्कूल यूनिफॉर्म से छूट दे दो। फिर कोई लहंगा चुन्नी पहने, कोई सलवार सूट पहने, कोई बुर्क़ा पहने, कोई हिजाब पहनेऔर कोई जींस टी शर्ट में आए। तब स्कूल नहीं फैशन शो लगेगा। सो, या तो ऐसा होने दीजिए या फिर सबके लिए नियम कानूनबराबर रखो। इस मामले में उन्होंने शिक्षा मंत्री से भी कहा है कि स्कूलों में एक ही ड्रेस कोड रखा जाए। मामले पर शिक्षा मंत्री ने भी संज्ञान लिया है। स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने का कहना है कि वो अधिकारियों से इस बारे में सारी जानकारी ले रहे।
कांग्रेस विधायक की राजनीतिक रणनीति
उधर, जयपुर से कांग्रेस विधायक रफीक ख़ान का कहना है कि बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य नफ़रत की राजनीति कर रहे हैं। रफ़ीक़ ख़ान ने आचार्य बालमुकुंद को बाबा बताकर तंज कसते हुए कहा कि बाबा को हिजाब बुरा नहीं लगता है, उन्हें तो नफरत की राजनीति के ज़रिए चर्चा में रहना अच्छा लगता है। रफ़ीक खान का आरोप है कि स्कूल में जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए, राम का नाम लेकर इस तरह का उद्दंड फैलाया जा रहा हैं और खौफ़ का माहौल बनाया जा रहा हैं, साथ ही स्कूल की बच्चियों को डराया जा रहा है। जबकि वास्तव में, इतना ज्यादा कुछ भी नहीं है, मामला केवल हिज़ाब पहनकर स्कूल में आने का है, जो कि स्कूल यूनिफॉर्म के विरुद्ध है। रफ़ीक खान वह बात भी कह रहे हैं, जो स्कूल की छात्राओं ने नहीं कही, इसी से साफ है कि विधायक खान खुद राजनीतिक हैं, इसलिए राजनीति उनसे भी नहीं छूट रही, और बच्चों की बात को वे भी बड़ा चढ़कर बोल रहे हैं। जबकि रफ़ीक खान हिजाब पहनकर स्कूल में आने पर लड़कियों को गलत नहीं मान रहे हैं। इस बयान पर विधायक बालमुकुंद आचार्य ने रफीक खान के अंदर जिन्ना का भूत होने की बात कही है। उन्होंने कहा है जिन्ना का भूत कहता है भारत माता की जय मत बोलो, वंदेमातरम मत बोलो और भारत की संस्कृति और भारत के ख़िलाफ़ हमेशा बोलते रहो।
छात्राओं की धमकी – हिज़ाब नहीं छोड़ सकती
राजस्थान सरकार द्वारा बच्चों के हितों के संरक्षण के लिए स्थापित बाल आयोग तक भी यह मामला पहुंचा है और स्थानीय छात्राओं के हितों के समर्थन में बाल आयोग ने अपना हाथ बढ़ाया है। वैसे बाल आयोग सरकार का है स्कूल सरकारी है। मामला सरकार द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म पर ज़बरदस्ती हिज़ाब पहनने का है। सरकार बीजेपी की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हैं। और आचार्य बालमुकुंद उसी बीजेपी के फायर ब्रांड विधायक है, जिसकी सरकार है। तो नतीजा क्या होगा, अंदाज़ लगाया जा सकता है। फिर भी राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनिवाल इस मामले में मुसलमान छात्राओं के समर्थन में खड़ी नज़र आ रही हैं। बेनीवाल का कहना है कि वह बिलकुल बच्चियों के सपोर्ट में हूं। यदि बच्चियों को इसमें लगता है कि सेफ़ एंड सिक्योर तो वो हिजाब के साथ रहें, बिल्कुल उनको रहना चाहिए। बाल आयोग ने इस मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी है। संगीता बेनीवाल कांग्रेस की हैं। अशोक गहलोत सरकार ने उन्हें बाल आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। संभव है कि वह भी रफ़ीक खान की तरह मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में हो। लेकिन असल मामला हिज़ाब का है और स्कूलों में सबके लिए समान यूनिफॉर्म का है, जिसे ज़बरदस्ती मज़हब से जोड़कर देखा जा रहा है और पढ़ाई छोड़ने की धमकियां दी रही हैं। ऐसे में अगर कोई मजहब अगर जीवन की समानता और पढ़कर समझदार होने में बाधक बन जाता हो, तो पढ़ाई छोड़ने दीजिए। ऐसे में उस मज़हब और उसे मानने वाले समुदाय को उनके अपने निर्णय के भरोसे छोड़ दिया जाए, तो भी गलत क्या है!