Delhi Blast: देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले (Red Fort) के पास भारी विस्फोट (Blast) की साजिश का सच सामने आना जरूरी है। जांच एजेंसियां सतर्क हैं और पुलिस सावधान। सवाल यह है कि आखिर 10 नवंबर 2025 की शाम दिल्ली (Delhi) क्यों दहल उठी। इसे लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी कार्रवाई के तौर पर भी देखा जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद कहा है कि जांच एजेंसियां इस हाई-इंटेंसिटी धमाके की हर एंगल से जांच कर रही हैं। एक बड़ी साज़िश का सुराग भी मिला है। जिस हुंडई आई-20 कार में विस्फोट हुआ, वह सुनहरी मस्जिद के पास तीन घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी थी। धमाके से कुछ मिनट पहले ही यह कार वहां से निकली थी। एनसीआर के फरीदाबाद में लगभग 3 हजार किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुए हैं। इस मामले में, बड़े पैमाने पर गिरफ्तारिया हो रही है, जिनमें खास तौर से मुसलमान वर्ग के डॉक्टरों को इस मामले में पूछताछ में लिया गया है। विस्फोट करने वाले डॉ शकील था, जो उसी धमाके में मारा गया। लाखों लोगों को मारने के लिए अहमदाबाद में जहर तैयार करने वाले एक डॉक्टर की गिरफ्तारी और साजिश का पर्दाफाश होने के दूसरे दिन ही दिल्ली में विस्फोट में भी डॉक्टरों के शामिल होने की घटना को नए सिरे से जांचा जा रहा है। जांच अधिकारियों के अनुसार यह घटना एक सुनियोजित साज़िश का हिस्सा है, जिसमें व्हाइट-कॉलर यानी प्रोफेशनल व उच्च शिक्षित लोग यानी डॉक्टर भी शामिल हैं। पाकिस्तान के खैरपुर तमेवाली में हुई एक रैली में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar) कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने कहा था कि हाफिद सईद भारत पर हमला करने की योजना बना है। उसने दावा किया है कि लश्कर-ए-तैएबा के आतंकी पहले से ही एक्टिव हैं और वह ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) का जवाब देने के को तैयार हैं।


सुनियोजित साज़िश का पहला कदम था विस्फोट
वह 10 नवंबर 2025 की शाम थी। सूरज ढल चुका था और रात हो ही रही थी। पुरानी दिल्ली स्थित लाल किले के समीप मेट्रो स्टेशन के एक प्रमुख ट्रैफिक सिग्नल एक सफेद कार खड़ी थी। उस कार में, अचानक भारी धमाका हुआ और न सिर्फ वह कार बल्कि आसपास की कई गाड़ियां और रिक्शा भी जल उठे। अफरा – तफरी मच गई और इसकी वजह से 10 लोगों की तो तभी मौत हो गई और लगभग 30 लोग घायल हुए। धमाका शाम लगभग 6:52 बजे हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि “सामने से हुआ जोरदार धमाका ऐसा था कि घरों की खिड़कियाँ टूट गईं”। जांच अधिकारियों के अनुसार यह घटना एक सुनियोजित साज़िश का हिस्सा हो सकती है, जहां डॉक्टर भी शामिल हैं। दो कश्मीरी डॉक्टर फरीदाबाद में पूछताछ में हैं, जिनके नाम इस विस्फोट से जुड़े हैं। इसके अलावा विस्फोटक सामग्री का तकरीबन 3 हजार किलो का अंबार यह संकेत देता है कि बड़े पैमाने पर हमला करने की योजना थी, उसमें यह कार बम ही पहला कदम था।
धमाके में खुद ही मरा डॉ उमर पुलवामा का
यह साजिश मुख्य रूप से कश्मीरी डॉक्टरों के एक नेटवर्क से जुड़ी हुई मानी जा रही। जिन लोगों पर शक की सुंई है, उनमें से मुख्य संदिग्ध और संभावित सुसाइड बॉम्बर 36 वर्षीय डॉ उमर मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला था, जिसने हमले के दौरान खुद को ही उड़ा दिया। वह अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में डॉक्टर था और खुद कार चला रहा था। उसके शव के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट चल रहा है। उसकी मां और दो भाइयों को हिरासत में लेकर डीएनए सैंपल लिए गए हैं। दूसरा मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी एंड हॉस्पिटल में फैकल्टी मेंबर है, उसके किराए के फ्लैट से विस्फोटक बरामद हुए हैं तथा वह श्रीनगर में देश विरोधी पोस्टर्स लगाने के पुराने केस में आरोपी भी है। इसके अलावा डॉ. अदील अहमद रदर सहारनपुर में गिरफ्तार क्या गया है, उस पर भी पहले राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और देश विरोधी पोस्टर्स लगाने का आरोप है। इसके अलावा एक और गिरफ्तारी हुई है डॉ. शाहीन शाहिद की, जो लखनऊ की एक महिला डॉक्टर हैं। उसकी कार में असॉल्ट राइफल मिली, जो मुख्य आरोपी शकील इस्तेमाल करता था। पूछताछ में शामिल एक मौलवी इस्तियाक इमाम भी शकील के संपर्क में था, उसे भी गिरफ्तार किया गया है। कार के मूल मालिक मोहम्मद सलमान को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उसने कार तारिक (पुलवामा) को बेच दी थी, जो उमर तक पहुंची। दिल्ली के विभिन्न होटलों में सर्च से 4 अन्य संदिग्ध भी हिरासत में लिए गए हैं। कुल 9 गिरफ्तारियों के अलावा एक अन्य डॉक्टर की तलाश जारी है।

गुजरात में गिरफ्तार डॉक्टर अहमद सैयद
इसके एक दिन पहले ही, गुजरात एंटी टेरेरिस्ट स्क्वैड ने आइएसआइएस आतंकी संगठन से जुड़े 3 लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें हैदराबाद का 35 साल का डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सैयद भी शामिल है, जिसके पास रिसिन नामक जहर मिला है। यह डॉक्टर रिसिन को बायो-वेपन के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा था, जिससे लाखों लोगों को मारने की साजिश थी। पिछले 6 महीनों में यह दिल्ली की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार आजादपुर मंडी, अहमदाबाद की नरोडा फल मंडी और लखनऊ के आरएसएस कार्यालय के पास भी गया था। एक बड़े आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए डॉक्टर रिसिन जहर तैयार कर रहा था। जानकार कहते है कि सौ ग्राम रिसिन को किसी पानी की टंकी में डाल दिया जाए, तो उससे पानी पीने वाले कम से कम 10 हजार लोगों को मारा जा सकता है।
देश की सुरक्षा और शांति को खतरा
लाल किले के पास हुई यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक आतंकी हमला है और गुजरात में रिसिन जहर बनाने वाले ड़ॉक्टर की गिरप्तारी भी कोई साधारण मामला नहीं है। गुजरात की गिरफ्तारी और नई दिल्ली में बरामद विस्फोटक की मात्रा, संदिग्ध होनहार पेशेवर, मजबूत नेटवर्क, विदेशी संपर्क, कानूनी कार्रवाई की दिशा और घटना में देश का सबसे महत्वपूर्ण स्थान आदि इन सभी तत्वों ने इस बात को संकेत दिया है कि दिल्ली का यह हमला और अहमदाबाद की गिरफ्तारी दोनों ही, देश की सुरक्षा और शांति को बाधित करने के लिए सोचे-समझे कदम हैं।
-राकेश दुबे
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