BJP Nitin Nabin: पार्टी की राष्ट्रीय कमान के मामले में बीजेपी ने फिर एक बार सारे कयासों को दरकिनार कर दिया है। बिहार के मंत्री और युवा नेता बीजेपी ने नीतिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। संगठन के मामले में पार्टी का यह महत्वपूर्ण निर्णय पार्टी की नई रणनीति को दर्शाता है। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद पर नीतिन नबीन की यह नियुक्ति 14 दिसंबर 2025 से प्रभावी हो गई है। माना जा रहा है कि नीतिन नबीन की यह नियुक्ति बीजेपी की भविष्योन्मुखी रणनीति का प्रतीक है। बीजेपी के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन महज 45 साल के हैं और माना जा रहा है कि यह नियुक्ति संगठन में युवा नेतृत्व को बढ़ावा देगी, और इससे संगठन को नई दिशा भी मिलेगी। लेकिन यह भी साबित हुआ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी में अप्रत्याशित फैसले भी जारी रहेंगे।
कौन हैं नीतिन नबीन और क्या है अनुभव
केवल 45 साल के नीतिन नबीन बिहार के पटना जिले के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जहां उन्होंने लगातार पांच बार जीत हासिल की है। उनका जन्म पटना में हुआ और उनके पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा भी बिहार में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व विधायक रहे। नीतिन नबीन ने छात्र राजनीति से शुरू कर उन्होंने युवा मोर्चा में सक्रिय भूमिका निभाई, संगठनात्मक पद संभाले और बिहार बीजेपी को मजबूत करने में योगदान दिया। वर्तमान में नितिन बिहार सरकार में मंत्री हैं, जहां उनकी छवि शांत, अनुशासित, जमीनी पकड़ वाले और तेज निर्णय लेने वाले नेता की है। उन्होंने शहरी वोट बैंक, खासकर कायस्थ समुदाय को मजबूत किया। बांकीपुर जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में पांच बार जीत उनकी मेहनत व सादगी को दिखाती है। प्रशासनिक क्षमता से नीतीश कैबिनेट में जगह मिली। यह सफर जनसेवा, शुचिता और संगठन शक्ति पर आधारित है, जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर के लिए उपयुक्त बनाता है। उनका अनुभव बिहार राजनीति की जटिलताओं में निरंतरता का प्रतीक है।

बीजेपी में नए चेहरों को आगे करने की रणनीति
बीजेपी ने युवा, अनुभवी चेहरों को आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई है, जिसमें नीतिन नबीन का नाम प्रमुख है। जेपी नड्डा के बाद यह नियुक्ति पार्टी को नई ऊर्जा देगी, क्योंकि नबीन युवा हैं लेकिन संगठन व शासन में गहरी पकड़ रखते हैं। बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य से आना राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय संतुलन लाएगा। वरिष्ठ पत्रकार संदीप सोनवलकर मानते हैं कि राजनीति के सारे जातिगत व सियासी समीकरणों को ध्वस्त करते हुए बीजेपी ने युवा मोर्चा से जुड़े एक कायस्थ नेता को प्राथमिकता दी है, जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद संगठन विस्तार के लिए जरूरी अआभियान के रूप में देखा जाना चाहिए। इससे शहरी व प्रबुद्ध वोट बैंक पकड़ राष्ट्रीय अभियानों में उपयोगी होगी। सोनवलकर कहते है कि नबीन को राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी जिम्मेदारी सौंपने का बीजेपी का यह कदम मोदी सरकार के तहत पार्टी को गतिशील बनाए रखने का हिस्सा है, जहां अनुभव के साथ ताजगी भी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही बिहार मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने के उद्देश्य से यह चयन रणनीतिक है। यह बीजेपी की लंबी राजनीतिक सोच एलं विकसित दृष्टिकोँ को मजबूत करता है।
चौंकाने वाली नियुक्तियां करती रही है बीजेपी
बीजेपी हमेशा अप्रत्याशित नियुक्तियों से सबको हैरान करती रही है, इस बार भी नीतिन नबीन की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्षता ने चौंका दिया। जेपी नड्डा के पूर्ण कार्यकाल के बाद युवा बिहारी नेता का चयन राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार मानते हैं कि राष्ट्रपति के मामले में पहले रामनाथ कोविद फिर द्रोपदी मुर्मु और पार्टी में भी पहले अमित शाह, जेपी नड्डा जैसे आश्चर्यों के बाद विभिन्न प्रदेशों में अनाम नेताओं के मुख्यमंत्री के रूप में चयन के बाद अब बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्य़क्ष पद पर नितिन नबीन के जिम्मेदारी सौंपने का यह कदम पार्टी की गहन रणनीति दिखाता है। परिहार कहते हैं कि हर व्यक्ति हैरान है क्योंकि नबीन राष्ट्रीय स्तर पर कम चर्चित थे, लेकिन पार्टी के भातर उनकी जमीनी क्षमता को पहचाना गया। हालांकि, बिहार के मंत्री से केंद्रीय संगठन का कार्.कारी प्रमुख बनना अप्रत्याशित है। लेकिव परिहार कहते हैं कि यह परंपरा विरोधियों को सोचने पर मजबूर करती है और पार्टी को गतिशील भी रखती है। राजनीतिक विश्लेषक परिहार की राय में बीजेपी की नए चेहरों को आगे लाने की यह अप्रत्याशित शैली संगठन को मजबूत बनाए रखने का हथियार है, जबकि कांग्रेस ऐसा सोच भी नहीं सकती।
क्या होगी बीजेपी की भविष्य की राजनीतिक दिशा
देश के राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि नीतिन नबीन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी संगठनात्मक रूप से मजबूत चलेगी, तथा यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी बिहार मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करेगी। जेपी नड्डा की जगह युवा ऊर्जावान नेतृत्व का लाया जाना, राज्य इकाइयों को मजबूत करने का संकेत है। बिहार सो निकलकर देश भर में राष्ट्रीय जिम्मेदारी संभालना उनकी क्षमता दिखाएगा। वरिष्ठ पत्रकार हरिसिंह राजपुरोहित कहते हैं कि बीजेपी 2028 के चुनावों के लिए तैयार होगी, शहरी वोट पर फोकस बढ़ेगा, तथा कायस्थ समाज के नेता को राष्ट्रीय नेतृत्व सौंपना देश में जातिगत राजनीति की धारा को भी कमजोर करेगा। राजपुरोहित कहते हैं कि नितिन नबीन के आने से संगठन विस्तार, युवा नेतृत्व और क्षेत्रीय संतुलन पर जोर मिलेगा। हालांकि, उनके सामने चुनौतियां भी रहेंगी, जैसे विपक्षी एकता का सामना कुशलता से करना, लेकिन राहुल गांधी से भी कम उम्र का होना नितिन नबीन के लिए लाभकारी होगा। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बीजेपी अधिक गतिशील व प्रभावी बनेगी। माना जा रहा है कि नीतिन नबीन की नियुक्ति बीजेपी की भविष्योन्मुखी रणनीति का प्रतीक है, तथा यह युवा नेतृत्व को बढ़ावा देगी, साथ ही संगठन को नई दिशा भी मिलेगी। मगर संदेश यह भी है कि पार्टी के अप्रत्याशित राजनीतिक कदम भी जारी रहेंगे।
-आकांक्षा कुमारी
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