Heatwave: राजस्थान उबल रहा है, धधक रहा है और तप रहा है। 25 मई को राजस्थान (Rajasthan) का फलोदी (Phalodi) शहर दुनिया में सबसे गर्म रहा, जहां पारा 50 के पार पहुंचता दिखा। सूरज की बेतहाशा तपिश और लू से भरी गर्म हवाएं हर किसी के बदन को झुलसा रही है। इसे हीटवेव (Heatwave) कहा जाता है और राजस्थान से अब तक उसमें लोग मरने भी लगे हैं। गर्मी के कम होने के आसार कम है। प्रदेश के करीब 22 जिलों में हीटवेव की संभावना है और माना जा रहा है कि इस दौरान प्रदेश के कुछ जिलों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार भी पहुंच सकता हैष वैसे, बाड़मेर में 24 मई को ही गर्मी का पारा 50 डिग्री तक पहुंच गया था। हीटवेव हर तरफ चल रही है और जीनजीवन अस्त – व्यस्त है। शुक्रवार को खबर आई थी कि 6 लोगों को गर्मी ने अपनी चपेट में लिया, तो 25 मई को 8 लोगों को गर्मी की वजह से मारे जाने की खबर है।
असहनीय तपन और हवाएं भी बेहद गर्म
गर्मी के इस भयंकर मारक के बीच लोग परेशान हैं और दोपहर बाद तो घर से निकलने से ही डर रहे हैं। नौतपा भी शुरू हो गया है। नौतपा अर्थात – वो 9 दिन, जब सूर्य देवता सबसे ज्यादा आग उगलते हैं और धरती तपती रहती है, असहनीय गर्मी का माहौल रहता है और हवाएं भी इतनी गर्म हो जाती है कि लोग सांस तक लेते हुए शरीर में गर्मी भरती महसूस करने लगते हैं। उसी से मौतों का मंजर भी पसरने लगता है। वैसे तो नौतपा से पहले से ही पूरे प्रदेश भर में गर्मी का कहर बरसने लगा और हीटवेव से हो रही मौतों की खबरें लगातार मिल रही हैं। इसके साथ ही 25 मई से प्रदेश में नौतपा की शुरुआत भी हो गई है। तस्वीर साफ है कि राजस्थान में अगले हफ्ते भर तक गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।
फलोदी सबसे गर्म, तो माउंट आबू सबसे ठंडा
राजस्थान में नौतपा के दौरान प्रदेश के रेगिस्तानी जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा व फलोदी सहित जोधपुर और बीकानेर का तापमान प्रदेश में सबसे अधिक 50 डिग्री सेल्सियस के पार तक भी जा सकता है, जो कि नौतपा के पहले ही दिन फलोदी तो 50 पार पहुंच भी गया। कोटा और गंगानगर का अधिकतम तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस और चूरू का अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। जयपुर का अधिकतम तापमान आने वाले दिनों में 45 तक जा सकता है, जो 25 मई को 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि, इसी दौरान प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू का तापमान अधिकतम 36 डिग्री से ज्यादा होने की संभावना कम है। माउंट आबू समुद्र तल से 5652 फीट ऊपर है और इसी वजह से रात का मौसम अपेक्षाकृत शीतल होगा। जानकार बताते हैं कि माउंट आबू में रात का पारा वहां तक रह सकता है।
नौतपा में जबरदस्त तपेगा सूरज, उबलेगी धरती
नौतपा के दिनों में सूर्य अपने सबसे प्रचंड रूप में आग उगलता है, गर्मी से शरीर झुलस जाता है और हीटवेव का माहौल रात को भी साफ तौर पर महसूस होता है। नौ दिन की भीषण गर्मी की इस अवधि को ज्योतिष में नौतपा कहा जाता है, जो प्रदेश में इस बार 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक जारी रहेगा। सूरज 25 मई की सुबह 3 बज कर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गया है, जो 2 जून की सुबह तक रहेगा, इस दौरान सूर्य व पृथ्वी के बीच की दूरी कुछ ज्यादा ही कम हो जाती है, इसलिए नजह से सूरज अपनी गर्मी का असर पृथ्वी को सबसे अधिक दिखाता है।
मौसम के बदलाव के लिए नौतपा भी जरूरी
मौसम विज्ञान की दृष्टि से बैरिश का माहौल बनाने के लिए नौतपा जरूरी होता है। क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं, जिसके चलते पृथ्वी पर तापमान काफी बढ़ जाता है, मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं और इससे बारिश की संभावना बनती है एवं कहते हैं कि अच्छी बरसात होती है। दरअसल, नौतपा को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण है से अगर बात की जाए तो मौसम के बदलाव के लिए नौतपा बेहद जरूरी है। प्रदेश के विभिन्न इलाकों से गर्मी के कारण मरनेवालों की खबरें आम हैं। दो दिन पहले प्रदेश में 6 लोगों के गर्मी से मरने की खबर थी, तो 25 मई को 8 लोगों की गर्मी ने जान ले ली।