Economy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्ता वाला देश बनाने की कोशिशेंम आगे बढ़ रही हैं। भारत इस समय दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जैसा कि मोदी ने कहा था कि वर्तमान में 3,600 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था भारत का लक्ष्य 2047 तक 30 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है। तो, उस तरफ भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात की तस्दीक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में साबित होती है। एजेंसी ने भले ही कहा कि बढ़ती जनसंख्या बुनियादी सेवा का दायरा बढ़ाने में बढ़ती चुनौतियों को प्रस्तुत करती है और उत्पादकता बनाए रखने के लिए निवेश की बढ़ती जरूरतें भी सामने आती हैं। लेकिन मोदी मानते हैं कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए, हम लगातार निर्णय ले रहे हैं, देश को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। यही वो इंपेक्ट है, जिसके कारण भारत के लोगों ने 60 साल बाद, लगातार तीसरी बार किसी सरकार को चुना है। जब लोगों का जीवन बदलता है, तब लोगों में ये भरोसा आता है कि देश सही रास्ते पर चल रहा है।
भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि हम ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट के मामले में भारत नंबर-वन हैं। आज हम, स्मार्टफोन डेटा कंजम्पशन के मामले में नंबर वन हैं। हम इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में नंबर दो हैं। दुनिया की करीब-करीब आधी रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन आज भारत में हो रही है। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है। इसी सीलसिले को हम एसएंडपी की ताजा रिपोर्ट में प्रतिबिंबित होता देख सकते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अगले तीन साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और 2030 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। निवेश बैंकिंग कंपनी जेपी मॉर्गन के सरकारी उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक’ में 2024 में इसका प्रवेश अतिरिक्त सरकारी वित्तपोषण प्रदान कर सकता है और घरेलू पूंजी बाजारों में महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच बना सकता है।एसएंडपी ने अपनी ‘उभरते बाजारों पर भविष्य की नजर: एक निर्णायक दशक’ रिपोर्ट में कहा कि उभरते बाजार अगले दशक में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसी दिशा में प्रधानमंत्री मोदी भी कहते रहे हैं कि आज भारत की ग्रोथ को लेकर जो भी भविष्वाणियां हो रही हैं, उनका कॉन्फिडेंस भी बताता है कि भारत किस दिशा में है। ये पिछले कुछ हफ्तों और महीनों के आंकड़ों में भी देख सकते हैं।
भारत ने राजकोषीय क्षमता के लिए भी कदम उठाए
एसएंडपी ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि साल 2035 तक उभरते बाजार वैश्विक आर्थिक वृद्धि में लगभग 65 प्रतिशत का योगदान देंगे। इस वृद्धि में मुख्य रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का योगदान होगा। तो, मोदी भी इसी तर्ज पर पहले कहते रहे हैं कि सरकार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चल रही है, जिससे देश प्रगति के पथ पर तेजी के साथ आगे बढ़ेगा। इसके अलावा, 2035 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो जाएगा। एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर अपने कमजोर राजकोषीय क्षमता को सुधारने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिससे दीर्घकालिक वृद्धि को और अधिक समर्थन मिलेगा। उसी बात की तस्दीक रकते हुए प्रधानमंत्री मोदी भी कहते रहे हैं कि भारत ने प्रक्रियात्मक सुधारों’ को सरकार की निरंतर गतिविधियों का हिस्सा बनाया है और विकसित भारत की यात्रा में, भारत के बुनियादी मूल्यों की प्रमुखता निहित है।