Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को तीसरी बार देश की सत्ता सौंपने की कोशिश में बीजेपी (BJP) लोकसभा में 400 पार के जिस आंकड़े का लक्ष्य लेकर चल रही है, उसके लिए राजस्थान (Rajasthan) में उसे सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज कराना जरूरी है। लेकिन तस्वीर के तेवर ताकतवर स्वरूप में बदल रहे हैं। राजस्थान में लोकसभा चुनाव (Parliament Election) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) की अग्नि परीक्षा के रूप में उभरने लगा है। कांग्रेस (Congress) और बीजेपी दोनों जोर लगा रही हैं और दोनों के अपने अपने दावे हैं। चुनावी सर्वे एजेंसी एबीवी सी-वोटर के सर्वे में प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस पिछड़ती हुई नजर आ रही है लेकिन लोक पोल के चुनाव पूर्व ओपिनियन पोल में राजस्थान में बीजेपी के मिशन-25 के दावों पर पानी फिरता दिख रहा है। प्रदेश में हर तरफ प्रचार जोरों पर हैं और विभिन्न सीटों पर चुनाव रोचक व रोमांचक मुकाबले में प्रवेश कर गया है।
पाला बदलकर चुनाव में उतरे चेहरों का हाल
राजस्थान में कुछ लोग कांग्रेस मे ते, वे बीजेपी में आ गए हैं, तो कुछ बीजेपी से कांग्रेस में। पार्टी बदलने से कई नामी उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह बदल गए हैं तो सामान्यजन समझ नहीं पा रहा है कि राजनीति में विचारधारा की बात करने वाले ही धारा में हट कर सिर्फ कुर्सी के लिए विचार से विरत हो चले हैं। पाला बदलकर जो लोग चुनाव मैदान में हैं, उनमें से राहुल कस्वां, प्रहलाद गुंजल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ज्योति मिर्धा, हनुमान बेनीवाल, उम्मेदाराम बेनीवाल जैसे नेता पार्टी बदलकर भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए इस चुनाव में सभी 25 सीटों पर बीजेपी को जिताना बेहद जरूरी है, क्योंकि बीजेपी ने और खासकर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बड़ी उम्मीदों से प्रदेश की सत्ता सौंपी थी।
सीएम भजनलाल की अग्नि परीक्षा का वक्त
लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस द्वारा भले ही यह कहा जा रहा हो कि बीजेपी के लिए सभी सीटों पर जीत दर्ज करना आसान नहीं है और, तीसरी बार सभी 25 सीटें जीत पाना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए अग्नि परीक्षा का वक्त लेकर आ रहा है। लेकिन कांग्रेस के इस दावे के उलट राजस्थान बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया का दावा है कि हम सभी 25 सीटें जीतेंगे और हर हाल में जीतेंगे। डॉ पूनिया का कहना है कि राजनीति के सत्य को स्वीकारते हुए हमारे नेता व कार्यकर्ता हर स्तर पर जीत के लिए जबरदस्त दम लगाते दिख रहे हैं, जबकि कांग्रेस साफ तौर पर इस चुनाव मैदान में पिछडी हुई दिख रही है। वैसे, भले ही कांग्रेस का कार्यकर्ता मायूस है, मगर फिर भी पार्टी के तौर पर कांग्रेस समीकरणों को साधकर बीजेपी की जीत में सेंध लगाने के सपने देख रही है। राजस्थान में बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने के लगातार दावे कर रही है।
एबीवी सी-वोटर के सर्वे सभी 25 पर बीजेपी
चुनावी सर्वे एजेंसी एबीवी सी-वोटर के सर्वे में प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस पिछड़ती हुई नजर आ रही है। इस सर्वे में फिर से बीजेपी का मिशन-25 पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी फिर से जीत की हैट्रिक लगा सकती है। इस सर्वे के मुताबिक पहले से चल रही यह धारणा खत्म सी होती दिख रही है कि कांग्रेस मजबूत हो रही है और प्रदेश में क्लीन स्वीप कर पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं है। कुछ संसदीय क्षेत्रों में इंडी गठबंधन और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर भले ही दिखाई दे रही है और नागौर, बांसवाड़ा और सीकर में तो कांग्रेस ने गठबंधन करके जीत का दावा भी कर दिया है। लेकिन एबीवी सी-वोटर के सर्वे में कांग्रेस की हालत पतली है।
लोक पोल के सर्वे में कांग्रेस कहीं कहीं मजबूत
वैसे, लोक पोल नामक एक सर्वे एजेंसी के आंकलन में बीजेपी की कुछ सीटें हाथ से जा सकने का दावा है। लोक पोल के चुनाव से पहले ओपिनियन पोल में राजस्थान में बीजेपी के मिशन-25 के दावों पर पानी फिरता दिख रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए यही चिंता का विषय है। लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के मामले में लोक पोल का एक ताजा ओपिनियन पोल सामने आया है। इस सर्वे में कई सीटों पर बीजेपी की हार का दावा किया जा रहा है। लोक पोल के इस सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 17 से 19 और इंडी गठबंधन को 6 से 8 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। माना जा रहा है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी सीटों पर चुनाव जीतने वाली बीजेपी को 8 सीटों तक का नुकसान हो सकता है।
अपने अपने दावों में अपनी अपनी जीत
कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि बीजेपी डरी हुई है और इस बारे के लोकसभा चुनाव के नतीजे चौंकानेवाले होंगे। मगर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि इस चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की सभी 25 सीटों पर बुरी तरह से फिर हारेगी। मेवाड़ में बीजेपी के चुनाव का दमदार तकीके से संचालन करनेवाली टीम के वीरेंद्र सिंह चौहान का दावा है कि बीजेपी प्रदेश की सभी सीट जीतेगी। शुरू से ही ग्राउंट वर्किंग में उस्ताद रहे एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान राजसमंद सीट पर काम कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव में यहां से भारी मतों से जीत का उनका दावा है। उधर, जालोर – सिरोही में कांग्रेस उम्मीदवार वैभव गहलोत भी जबरदस्त दम दिखा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव का दावा है कि जीत उन्हीं की होगी।
सट्टा बाजार की तस्वीर में सियासी सच्चाई
हालांकि लोक पोल के दावे पर कम लोगों को भरोसा है, क्योंकि फलोदी सट्टा बाजार ने 2 सीटों पर बीजेपी की हार की संभावना जाहिर की थी, जो अब केवल 1 सीट पर आंकड़ा आ गया है। फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक बाड़मेर-जैसलमेर में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी चुनाव जीत सकते हैं। सटोरियों के दावे के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी को 24 सीटें ही मिल रही है। वैसे फलोदी सट्टा बाजार पर भरोसा लोग करते रहे हैं, क्योंकि वहां की चुनावी भविष्यवाणियां अक्सर सही साबित होती रही है। लेकिन राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि बाड़मेर-जैसलमेर में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के चुनाव जीतने के फलोदी सट्टा बाजार के दावे में दम कम है।
मुख्यमंत्री सतर्क और सावधान, जीत का दावा
भले ही एबीवी सी-वोटर के सर्वे में प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस सभी 25 सीटों पर हारती हुई नजर आ रही है, लोक पोल के सर्वे में इंडी गठबंधन को 6 से 8 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है और फलोदी सट्टा बाजार ने राजस्थान में 2 सीटों पर बीजेपी की हार की संभावना जाहिर की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सतर्क हैं, सावधान हैं और सारे साधन – संसाधन लगाकर जीते के लिए जुटे हुए भी हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव तो चुनाव है, कुछ भी हो सकता है। लेकिन वास्तविक तस्वीर तो 4 जून को मतगणना में ही दिखेगी, इंतजार करना होगा।
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