Rahul Gandhi: लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार, बीजेपी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर हमला करने के लिए भगवान शिव (Shiv) की तस्वीर का इस्तेमाल किया, तो लोकसभा (Lok Sabha) में विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस (Congress) के नेता राहुल गांधी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जो लोग खुद को हिंदू (Hindu) कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा और घृणा में लिप्त रहते हैं। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित हिंदू धर्म से जुड़ी संस्थाओं और विभिन्न धर्माचार्यों ने ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को हिंसक कहने का जमकर विरोध किया है। देश भर में राहुल के इस बयान का विरोध हो रहा है। राहुल गांधी ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब आने वाले तीन महीनों बाद तीन राज्यों कि विधानसभाओं और कई प्रदेशों की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में हिंदुत्व की पैरोकार बीजेपी राहुल के इस बयान को मुद्दा बना सकती है, यह राहुल को सोचना चाहिए था। कांग्रेस को चिंता करनी चाहिए है कि लोकसभा चुनाव से उत्साहित होकर राहुल का ये बयान उसके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
राहुल के हिंदू विरोधी बयान का जमकर विरोध
हिंदुओं के हिंसक होने की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित हिंदू धर्म से जुड़ी संस्थाओं और विभिन्न धर्माचार्यों ने ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का जमकर विरोध किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राहुल गांधी के इस बयान का तीखा विरोध किया है, तो संघ परिवार के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील अंबेकर ने कहा कि हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोग दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है। गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता से सदन और देश से माफी मांगने को कहा, क्योंकि उन्होंने उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो खुद को हिंदू मानने में गर्व महसूस करते हैं। शाह ने राहुल पर पलटवार करते हुए आपातकाल और 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया और कहा कि जब कांग्रेस ने देश में आतंक फैलाया था तो उन्हें अहिंसा की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। राहुल ने कहा था कि सभी धर्म और हमारे सभी महापुरुष अहिंसा और निर्भयता की बात करते हैं, लेकिन जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा… हिंसा… हिंसा… घृणा और झूठ की बात करते हैं…। उन्होंने भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि शिवजी से कभी न डरने की शक्ति मिलती है। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि वह लोकसभा में यह तस्वीर न दिखाएं। बिरला ने राहुल के इस आरोप को भी खारिज किया कि सदन में विपक्षी सदस्यों के माइक्रोफोन बंद किए जा रहे हैं।
सदन में तस्वीर दिखाना नियमों के विरुद्ध
राहुल गांधी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद 1 जुलाई को पहला आक्रामक भाषण दिया। उन्होंने संविधान की कॉपी लेकर भाषण की शुरुआत की। लेकिन सदन की कार्यवाही तब अधिक आक्रामक हो गई जब राहुल गांधी ने भगवान शिव के साथ विभिन्न धर्मगुरुओं की भी तस्वीरें दिखाते हुए जैन, सिख, ईसाई, इस्लाम और बुद्ध जैसे विभिन्न धर्मों का सहारा लेते हुए कहा कि, सभी धर्मों से हमें यह सीख मिलती है कि – डरो मत, डराओ मत। राहुल गांधी ने सदन में बौद्ध धर्म के बारे में भी भगवान बुद्ध की अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि, इस मुद्रा से यह सीख मिलती है कि, डरो मत-डराओ मत। विभिन्न धर्मों पर बोलते हुए राहुल गांधी ने इस्लाम और कुरान का भी जिक्र किया, साथ ही जीजस, महावीर और गुरु नानक की भी तस्वीरें दिखाई। उन्होंने कहा कि, कुरान में लिखा है कि, डरना नहीं है। जीसस भी कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत। राहुल गांधी ने कहा कि, सभी धर्म में अहिंसा की बात कही गई है और डर मिटाने की बात कही गई है। लोकसभा नियमावली के अनुसार यह उचित नहीं था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल को याद दिलाया कि सदन के नियम तख्तियां दिखाने की अनुमति नहीं देते। लोकसभा सचिवालय ने 2022 में एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि स्थापित परंपरा के अनुसार, सदन के परिसर में माननीय अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी साहित्य, प्रश्नावली, पर्चे, प्रेस नोट, पत्रक या कोई भी मुद्रित सामग्री प्रदर्शित या वितरित नहीं की जानी चाहिए। संसद भवन परिसर के अंदर तख्तियां ले जाना भी सख्त वर्जित है। लेकिन फिर भी राहुल कहते रहे कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, घृणा और झूठ की बात करते हैं… आप हिंदू हैं ही नहीं।