Mallika Sherawat: मल्लिका शेरावत, भारतीय सिनेमा का वो नाम जिसने बोल्डनेस और बेबाकी को एक नया आयाम दिया। उनका सफर वाकई कभी पथरीला, तो कभी चमकीला रहा है। हरियाणा के रोहतक जिले से निकलकर बॉलीवुड (Bollywood) के चमकते सितारों में शुमार होने तक, मल्लिका ने कई उतार-चढ़ाव देखे। उनकी जिंदगी किसी रोलरकोस्टर राइड से कम नहीं रही है, जहां सफलता की बुलंदियों के साथ-साथ विवादों और चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। मल्लिका ने पारिवारिक जिंदगी और निजी जीवन के साथ साथ सिनेमाई दुनिया में कई उतार-चढ़ाव देखे। परिवार उनके फिल्मों में आने के फैसले से खुश नहीं थी। वहीं, फिल्मी दुनिया में भी उनका फायदा उठाने की कोशिश करने वालों की कमी नहीं थी। मल्लिका कहती हैं कि वह एक साहसी महिला हैं और समझौते नहीं कर सकती। मल्लिका शेरावत की जिंदगी का सफर दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सफलता पाने के लिए केवल प्रतिभा ही नहीं, बल्कि साहस और अपनी बात पर अडिग रहने की क्षमता भी जरूरी है।
किरदारों में जान डालकर बनीं सफल अभिनेत्री
मल्लिका शेरावत ने ‘मर्डर’ (2004) जैसी फिल्मों से दर्शकों के बीच अपनी एक खास पहचान बनाई। इस फिल्म में उनकी बोल्ड इमेज और बेबाक अभिनय ने उन्हें रातों-रात सुर्खियों में ला दिया। इसके बाद उन्होंने ‘वेलकम’** (2007), ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’ (2006) और ‘डबल धमाल’ (2011) जैसी कई सफल फिल्मों में काम किया, जिससे उन्होंने न केवल अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी अपनी पहचान मजबूत की। उन्होंने ‘हिस्स’ (2010) और ‘पॉलिटिक्स ऑफ लव’ (2011) जैसी फिल्मों में काम किया, और हॉलीवुड में भी, जो उनकी वैश्विक अपील को दर्शाती है। मल्लिका ने खुद को केवल एक ग्लैमरस अभिनेत्री तक सीमित नहीं रखा, बल्कि विभिन्न जॉनर की फिल्मों में काम करके अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। उनकी ऑन-स्क्रीन उपस्थिति हमेशा प्रभावी रही है, और उन्होंने अपने किरदारों में एक अलग ही जान डाली है।
घर छोड़ा, पहचान भी छोड़ी, मगर हिम्मत नहीं हारी
हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से गांव में 24 अक्टूबर 1976 को जन्मी मल्लिका शेरावत का असली नाम रीमा लांबा है। एक रूढ़िवादी जाट परिवार से होने के कारण, मल्लिका के लिए बॉलीवुड में आना आसान नहीं था। हरियाणा में परंपरागत परिवार में जन्मीं मल्लिका ने परिवार के विरोध के बावजूद, अपने सपनों को पूरा करने का फैसला किया। पिता ने जबरदस्त विरोध किया, लेकिन मां का मन बेटी पर था। वह पिता से मिली पहचान को छेड़ कर रीमा लांबा से मल्लिका बन गई और मां का सरनेम शेरावत अपना लिया, और फिर कभी हार नहीं मानी। रीमा लांबा से मल्लिका शेरावत बनने का यह फैसला उनके मजबूत इरादों और दृढ़ संकल्प का ही नतीजा था। उन्होंने अपने सपनों को पंख दिए और मुंबई आ गईं। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में डिग्री हासिल की। उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि कैसे एक छोटे से शहर की लड़की ने तमाम बाधाओं को पार कर अपने लिए एक रास्ता बनाया।

महिला होने का दर्द और बेबाकी की मुश्किलें
मल्लिका शेरावत अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं। वह कभी भी अपनी बात कहने से हिचकिचाती नहीं हैं, चाहे वह फिल्म इंडस्ट्री के अंदरूनी मुद्दे हों या समाज से जुड़े संवेदनशील विषय। उन्होंने अक्सर महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और पितृसत्तात्मक सोच पर खुलकर बात की है। भारतीय समाज में महिलाओं को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उन पर उन्होंने कई बार अपनी राय रखी है। मल्लिका ने कई बार यह भी बताया है कि बॉलीवुड में उन्हें किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा, खासकर एक महिला होने के नाते। मल्लिका बताती है कि कैसे उन्हें एक डायरेक्टर ने उसके साथ सोने के लिए दबाव डाला और कैसे उन्हें एक बड़े अभिनेता के साथ होटल में बिस्तर पर साथ न सोने की वजह से फिल्में गंवानी पड़ीं। अपनी शर्तों पर काम करने के लिए मल्लिका को सालों तक संघर्ष करना पड़ा। हालाकि, उनकी यह निडरता और सच बोलने की आदत, कई बार उनके लिए विवादों का कारण भी बनी, लेकिन उन्होंने कभी अपनी दृढ़ता से समझौता नहीं किया।
मल्लिका की निजी ज़िंदगी और फिल्मी विवाद
मल्लिका की निजी ज़िंदगी भी हमेशा सुर्खियों में रही है। उनके रिश्तों और विवाह को लेकर कई तरह की अफवाहें और खबरें आती रही हैं। उन्होंने कभी अपनी निजी ज़िंदगी को सार्वजनिक तौर पर ज्यादा साझा नहीं किया, जिससे उत्सुकता बनी रही। कहते हैं कि सन 2000 में उनका विवाह करण सिंह गिल से हुआ था, लेकिन साल भर में ही रिश्ता टूट गया, मगर, उनको एक बच्चा भी है। यह भी कहते हैं कि मल्लिका ने एयर हॉस्टेस के रूप में भी काम किया। लेकिन विवाह, बच्चे और करियर की बातें आज तक कोई बहुत सार्वजनिक कभी नहीं हुईं। हालांकि, फिल्मी करियर के दौरान भी मल्लिका कई विवादों में फंसीं। उनकी बोल्ड इमेज और कुछ फिल्मों में दिए गए दृश्यों को लेकर काफी आलोचना हुई। मल्लिका ने हमेशा इन आलोचनाओं का सामना डटकर किया और खुद को एक प्रोफेशनल कलाकार के तौर पर पेश किया। उन्होंने इन विवादों को कभी अपने करियर पर हावी नहीं होने दिया और आगे बढ़ती रहीं।
अपनी शर्तों पर अपने तरीके से जीने का अंदाज
वर्तमान में मल्लिका शेरावत फिल्मी दुनिया में उतनी सक्रिय नहीं हैं, जितनी पहले थीं, लेकिन वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपने फैंस से जुड़ी रहती हैं। वह अक्सर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करती रहती हैं। उनके भविष्य को लेकर यह कहना मुश्किल है कि वह किस राह पर जाएंगी, लेकिन एक बात निश्चित है कि मल्लिका शेरावत हमेशा अपनी शर्तों पर जीने वाली महिला रही हैं। उन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई है और आने वाले समय में भी वह कुछ ऐसा ही करती नज़र आ सकती हैं। हो सकता है कि वह एक्टिंग से हटकर किसी और क्षेत्र में भी अपनी किस्मत आज़माएं, या फिर किसी मजबूत किरदार के साथ वापसी करें। उनकी यात्रा उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपनी शर्तों पर जीना चाहते हैं और सामाजिक बाधाओं को तोड़कर अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं।
-साक्षी त्रिपाठी
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