Rajasthan: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल के विस्तार और बीजेपी (BJP) की सरकार में बिना चुनाव लड़े ही मंत्री बन गए सुरेंद्रपाल सिंह टीटी की हर तरफ चर्चा है। सुरेंद्रपाल सहित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) के मंत्रिमंडल में 22 नए मंत्री बनाए गए हैं, जिनमें 12 मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल के इस विस्तार की खास बात यह है कि श्रीकरणपुर में 5 जनवरी को चुनाव होगा, उस सीट से बीजेपी ने जिन सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को उम्मीदवार बनाया है, उनको भी चुनाव जीतने से पहले ही मंत्री बनाकर बीजेपी ने अपनी जीत पक्की कर ली है। नए बने 22 नए मंत्रियों और मुख्यमंत्री व दो उप मुख्यमंत्रियों के साथ ही भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडल की कुल संख्या 27 हो गई है। आने वाले समय में 3 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। विधायकों की कुल संख्या 200 के 15 फीसदी अनुपात में राजस्थान में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं।
Rajasthan कुल 22 नए मंत्री बने बीजेपी सरकार में
राजभवन में 30 दिसंबर की दोपहर बाद सवा तीन बजे राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) के मंत्रिमंडल में कुल 22 नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए मंत्रियों में किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेशसिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा, संजय शर्मा, गौतम कुमार, झाबरसिंह खर्रा, सुरेंद्रपाल सिंह टीटी, हीरालाल नागर, ओटाराम देवासी, डॉ मंजू बाघमार, विजयसिंह चौधरी, कृष्ण कुमार बिश्नोई और जवाहरसिंह बेडम शामिल है। सिरोही से ओटाराम देवासी, पाली जिले के सुमेरपुर से जोराराम कुमावत व ब्यावर जिले के जैतारण से युवा विधायक अविनाश गहलोत को मंत्री बनाकर देवासी, कुमावत और माली समाज को प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो मारवाड़ में ओबीसी को बीजेपी से जोड़े रखने की नई कोशिश है।
बिना चुनाव जीते ही मंत्री बनाया सुरेंद्रपाल को
मुख्यमंत्री व दो उप मुख्यमंत्रियों की शपथ के पूरे 15 दिन बाद 30 दिसंबर को 22 नए मंत्री बनाए गए हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में उन सुरेंद्र पाल सिंह टीटी (surendra pal singh TT) को भी मंत्री बनाकर सबको चौंका दिया है, जो अभी श्रीकरणपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। वहां 5 दिसंबर को मतदान है। हाल ही में प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में 199 सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 115 सीटों पर जीत हासिल की थी इस शानदार जीत के बाद बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया और अब सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाकर फिर चौंकाया है। राजनीतिक विश्लेषकों की राय में बीजेपी ने यह बड़ा दांव खेला है, चुनाव होने से पहले ही उन्हें मंत्री बना देने का सीधा संदेश यही है कि बीजेपी ने अपनी सीट पक्की कर ली है। राजनीति में आम तौर पर चुनाव जीतने के बाद मंत्री बनाया जाता है। कुछ मामले ऐसे भी हैं, जो मंत्री बनने के बाद सदन के सदस्य बनते हैं। लेकिन चलते चुनाव से उठाकर सीधे मंत्री बना देने की यह राजस्थान के ज्ञात इतिहास में पहली घटना है। सुरेंद्रपाल सिंह टीटी पहले भी मंत्री रहे हैं।
कांग्रेस ने लगाया आचार संहिता उल्लघंन का आरोप
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को बिना विधायक बने ही मंत्री बनाए जाने को बीजेपी का अहंकार बताया है। डोटासरा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीजेपी का अहंकार सातवें आसमान पर है। बीजेपी ने चुनाव आयोग को ठेंगा दिखाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन करते हुए श्रीकरणपुर से भाजपा प्रत्याशी श्री सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई है। संभवतः देश में यह पहला मामला है जब चुनाव से पूर्व बीजेपी ने अपने प्रत्याशी को मंत्री बना दिया है। कांग्रेस इस मामले को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाकर कार्रवाई की मांग करेगी। डोटासरा ने यह भी लिखा कि बीजेपी भले ही मतदाताओं को प्रलोभन दे, लेकिन श्रीकरणपुर की सीट कांग्रेस (Congress) पार्टी बड़े अंतर से जीतेगी। वैसे, डोटासरा यह भूल जाते हैं कि उनके नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) भी बिना विधायक बने ही सांसद रहते हुए राजस्थान सरकार में मंत्री बने थे।