Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भारत – पाकिस्तान (India – Pakistan) का मामला दो देशों के बीच का मामला है, उसमें तीसरा कोई पंचायती ना करे। उन्होंने कहा कि ये बहुत खतरनाक है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि कश्मीर का मुद्दा वे हल कर देंगे। गहलोत ने कहा कि यह कैसे हो सकते है कि कोई तीसरा हमारे बीच में हस्तक्षेप करे। उनका कहना है कि हमारी सरकार की चुप्पी ने उनके हौसले बढ़ा दिए हैं। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में भी कई सवालो के जवाब नहीं दिए। गहलोत की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का लब्बोलुआब यही है कि भारत-पाकिस्तान के बीच घोषित अचानक सीजफायर पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार से सीधा सवाल किया कि ट्रंप साहब भारत-पाक मसले में ठेकेदार कैसे बन गए?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को जनता को निराश करने वाला बताते हुए अशोक गहलोत ने दावा किया कि सीजफायर को लेकर पीएम मोदी ने कोई स्पष्टता नहीं दी। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि कि जब भारतीय सेना आतंकवाद पर सख्ती से प्रहार कर रही थी, तो अचानक अमेरिका के दबाव में सीजफायर क्यों किया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी से गहलोत के सवाल-
- मोदी सरकार आखिर किस दबाव में है? अशोक गहलोत ने कहा कि देश को यह जानने का अधिकार है कि क्या मोदी सरकार किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में यह निर्णय ले रही है?
- भारतीय सेना ने मेहनत की, लेकिन फैसला अमेरिका का क्यों?’ गहलोत ने कहा कि भारतीय सेना ने पूरे घटनाक्रम में साहसिक और निर्णायक भूमिका निभाई, लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फैसले कहीं और से लिए जा रहे हैं। हमारी सेना सीमा पर शौर्य दिखा रही थी और अमेरिका घोषणा कर रहा है कि भारत-पाक के बीच सीजफायर हो गया। ये कैसे संभव है?
- आखिर कौन सी ठेकेदारी ले रखी है डोनाल्ड ट्रंप ने? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत-पाक सीमा विवाद में मध्यस्थता करने का अधिकार किसने दिया?
- देश के लोग सकते में हैं, जनता जवाब चाहती हैं? राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि देश भर में जो एकजुटता दिखी थी, वो अचानक सीजफायर के कारण धुंधली पड़ गई है और जनता अब जवाब चाहती है।
- संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भी फायरिंग क्यों? गहलोत ने कहा कि यदि सीजफायर लागू हो चुका था, तो फिर श्रीगंगानगर और जैसलमेर में फायरिंग और मिसाइल मलबा क्यों मिला? उन्होंने मांग की कि सरकार इस विसंगति पर स्थिति स्पष्ट करे।
- जब यूएन भी नहीं पड़ता, तो कश्मीर मामले में ट्रंप कैसे आए? अशोक गहलोत ने कहा कि कश्मीर जैसा संवेदनशील मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है। ऐसे में तीसरे देश द्वारा इसमें पंचायती करना भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाता है।
- पीएम मोदी ने डैमेज कंट्रोल में चूक क्यों की? गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित तो किया, लेकिन ट्रंप के बयान और सीजफायर के असल कारणों पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया।
पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए कि…
अशोक गहलोत ने केंदेर सरकार से पूछा कि जब विपक्ष सरकार को पूरा समर्थन दे रहा था, तो पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक से क्यों बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए कि दुनिया के देश हमारे साथ क्यों खड़े नहीं हुए? गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार नैतिक अधिकार खो चुकी है, आखिर हम आतंकवाद कब तक झेलेंगे? हमारे पास मौका था लेकिन सीजफायर कर हमने ये मौका गंवा दिया। अशोक गहलोत का कहना है कि अमेरिका की पंचायत से इस बार माहौल बदला हुआ है। बीजेपी की असलीयत जनता समझ चुकी है और घबराकर बीजेपी तिरंगा यात्रा निकाल रही है। पीएम मोदी के आदमपुर दौरे पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह उनकी मैसेज की राजनीति है, मगर देश की जनता जानना चाहती हैं कि आखिर रात के अंधेरे में गुपचुप समझौता कैसे हो गया?