India Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव या युद्ध की स्थिति का राजस्थान (Rajasthan) पर व्यापारिक और आर्थिक प्रभाव गहरा हो सकता है। हाल के तनावों, के तहत राजस्थान में सीमा पर सतर्कता बढ़ गई है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद, ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तानी आतंकी कैंपों पर भारतीय सेना के हमलों बाद के हालात से उपजी युद्ध की स्थिति का राजस्थान के पर्यटन पर भी सीधा असर पड़ा है। होटलें खाली हैं, रेस्टोरेंट में लोग कम जा रहे हैं तथा टैक्सियां ठप हैं और गोड़वाड़ इलाके में माउंट आबू, राणकपुर, जवाई सहित जोधपुर, जैसलमेर और उदयपुर में भी पर्यटकों की संख्या में तगड़ी गिरावट आई है। जोधपुर और बीकानेर में हवाई सेवाएं ठप हैं, तो बाहर से लोगों की आवाजाही भी बंद है।
होटल, रेस्तरां, और हस्तशिल्प उद्योगों को भारी घाटा
राजस्थान का पर्यटन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है। हमारा प्रदेश पाकिस्तान के साथ 1,037 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही युद्ध के हालात में रुक गई है। जवाई इलाके में भी पर्यटक एक झटके में कम हो गए हैं। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार मानते हैं कि राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर तथा उनसे जुड़े जोधपुर, पाली, सिरोही, जालोर, नागौर, चूरू आदि युद्ध के हालात में सबसे अधिक प्रभावित होना संभव हैं। परिहार कहते हैं कि युद्ध के हालात की वजह से, पूरे मारवाड़ इलाके में दुकानें और बाजार समय से पहले बंद हो रहे हैं, जो स्थानीय व्यापारियों के लिए नुकसान का संकेत है। पर्यटन से जुड़े होटल, रेस्तरां, और हस्तशिल्प उद्योगों को भारी घाटा हो सकता है, क्योंकि युद्ध की आशंका से पर्यटक इन क्षेत्रों से दूरी बना रहे हैं।

कृषि और पशुपालन व्यवसायों को नुकसान संभव
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में सीमा पूरी तरह सील है। राज्य के भीतर भी लोगों की आवाजाही कम हो गई है, इससे स्थानीय व्यापारियों, विशेष रूप से कृषि और पशुपालन से जुड़े लोगों को नुकसान होगा, जो एक जिसे से दूसरे जिले की सीमा पार के बाजारों पर निर्भर हैं। सुमेरपुर, पाली, जोधपुर, नागौर व बीकानेर मंडियों में अनाज कम आ रहा है। कांग्रेस नेता अभिमन्यु सिंह कहते हैं कि राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में कृषि और पशुपालन प्रमुख व्यवसाय हैं, उसे भी नुकसान संभव है। युद्ध के हालात में सैन्य गतिविधियों, ब्लैकआउट, और आवागमन पर प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है। अभिमन्यु सिंह कहते हैं कि इस हालात से फसलों और डेयरी उत्पादों का परिवहन प्रभावित होगा, जिससे किसानों और व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा। इसके अलावा, युद्ध के कारण ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे लागत में वृद्धि होगी।

राजस्थान में निवेश पर भी असर की संभावना
युद्ध की स्थिति में विदेशी और घरेलू निवेश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत स्थिर रहेगी, लेकिन रोजमर्रा के खर्च में वृद्धि से लोगों का नियमत आर्थिक खर्च बढ़ सकता है। बीजेपी नेता एडवोकेट वीरेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि युद्ध के हालात का राजस्थान को औद्योगिक नुकसान भी संभव है कि राजस्थान में निवेशक अनिश्चितता के कारण पूंजी निवेश रोक सकते हैं, जिससे औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रभावित होंगी। वित्त सलाहकार भरत सोलंकी कहते हैं कि युद्ध के हालात से शेयर बाजार में पैदा होने वाली अस्थिरता से राजस्थान के स्थानीय व्यापारियों और निवेशकों को नुकसान हो सकता है। सोलंकी कहते हैं कि निवेशक अपने निवेश को रोक कर किसी दूसरी तरफ डायवर्ट कर सकते हैं। भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्थिति राजस्थान की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पर्यटन, कृषि, और सीमा व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। सरकार को इन नुकसानों को कम करने के लिए राहत पैकेज और वैकल्पिक व्यापारिक रणनीतियों पर ध्यान देना होगा।
-आकांक्षा कुमारी (वरिष्ठ पत्रकार)
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