Om Birla: ओम बिड़ला फिर लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) चुने गए। वे राजस्थान के कोटा से सांसद हैं और दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) स्वयं ओम बिड़ला (Om Birla) को आसन तक ले गए और पदभार ग्रहण कराया। उनके साथ विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू भी अध्यक्ष को आसन ग्रहण कराने ले गए और बधाई दी। ओम बिड़ला से पहले राजस्थान (Rajasthan) के ही सीकर से सांसद रहे बलराम जाखड़ दो बार लोकसभा के अध्यक्ष रहे हैं।
ओम बिडला की जमकर तारीफ की पीएम मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला के लोकसभा में दूसरी बार स्पीकर चुने जाने पर बधाई देते हुए सदन में अपने भाषण में कहा कि हम सबको विश्वास है कि आने वाले पांच साल आप हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि विनम्र और व्यवहार कुशल व्यक्ति ही सफल होता है, आपको तो मुस्कान भी मिली है। आपकी ये मीठी-मीठी मुस्कान हम सबको प्रसन्न करती आई है। दूसरी बार स्पीकर का कार्यभार मिलना, नए-नए रिकॉर्ड बनते देख रहे हैं। बलराम जाखड़ जी को पांच साल का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद स्पीकर का दायित्व फिर से मिला था। इनके बाद आप हैं जिसे ये अवसर मिला है। आप जीतकर के आए हैं। नया इतिहास आपने गढ़ा है। हममें से ज्यादातर सांसद आपसे परिचित हैं। एक सांसद के रूप में आप जिस प्रकार से एक सांसद के नाते काम करते हैं, ये भी जानने और सीखने योग्य है।

कई अभिनव कार्य करने में बिड़ला का योगदान
एक सांसद के रूप में ओम बिड़ला की कार्यशैली को सभी सांसदों के लिए सीखने योग्य बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपने स्वस्थ शिशु, स्वस्थ मां अभियान शुरू किया है जो प्रेरक है। गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की कोशिश, गरीबों को कंबल, कपड़े, छाता, जूते ऐसी अनेक सुविधाएं खोज-खोज कर पहुंचाते हैं। 17वीं लोकसभा संसदीय इतिहास का स्वर्णिम कालखंड रहा है। आपकी अध्यक्षता में जो निर्णय हुए हैं, सदन के जरिए जो सुधार हुए हैं, वो आपकी भी और सदन की भी विरासत है। जब भविष्य में विश्लेषण होंगे तब लिखा जाएगा कि आपकी अध्यक्षता वाली 17वीं लोकसभा की बहुत बड़ी भूमिका रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय न्याय संहिता से लेकर मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक और नारी शक्ति वंदन विधेयक तक, 17वीं लोकसभा से पारित विधेयकों का जिक्र किया और कहा कि आपकी अध्यक्षता में 17वीं लोकसभा ने भविष्य की बुनियाद रखी है। देश भविष्य में इसका गौरव करेगा। भारत को आधुनिक बनाने की दिशा में जब हर तरफ से प्रयास हो रहे हैं, ये नया संसद भी आपकी अध्यक्षता में भविष्य को लिखने का कार्य करेगा। नए संसद भवन में हमारा प्रवेश भी आपकी अध्यक्षता में हुआ और आपने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जिससे लोकतंत्र को मजबूती देने में मदद मिली है। सभी सांसदों को ब्रीफिंग के लिए व्यवस्था दी और आवश्यक रेफरेंस मैटेरियल मिला। आपने अच्छी व्यवस्था को विकसित किया है, जिससे सांसदों में ये विश्वास जगा कि मैं भी तर्क दे सकता हूं।
संसद कोई भवन नहीं बल्कि देश की आशाओं का केंद्र
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन को समस्त भारत की उम्मीदों का केंद्र बताते हुए कहा कि ये भवन बस चार दीवारें नहीं, 140 करोड़ देशवासियों की आशा का केंद्र है। संसद की कार्यवाही, जवाबदेही और आचरण संसदीय प्रणाली को मजबूत बनाता है। 17वीं लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 25 साल के उच्चतम स्तर पर 97 फीसदी रही. आप विशेष अभिनंदन के अधिकारी हैं। उन्होंने जी-20 की चर्चा करते हुए कहा कि इसकी चर्चा बहुत हुई, तथा आपके निमंत्रण पर जी-20 में सर्वाधिक देश भारत आए, इसने विश्व में भारत की प्रतिष्ठा को गौरव देने में बहुत बड़ा रोल अदा किया है। कोरोनाकाल में हर सांसद को फोन कर हाल पूछा और किसी को भी बीमारी हुई तो व्यक्तिगत रूप से उसकी चिंता की। आपने जो फैसले किए, हम उस कठिन कालखंड में भी काम कर पाए। कोरोनाकाल में सदन में 170 परसेंट प्रोडक्टिविटी, ये दुनिया के लिए बहुत बड़ी खबर है। हम चाहते हैं कि सदन के नियमों का पालन सब करें। आपने कठोर निर्णय भी लिए हैं, मैं जानता हूं कि ऐसे नियम आपको पीड़ा भी देते हैं लेकिन आपने सदन की गरिमा को पसंद किया और पीड़ा को स्वीकार किया।
-राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)