Rajasthan News: बारिश के लिए राजस्थान की धरती अक्सर परेशान रहती है, लेकिन इस बार राजस्थान (Rajasthan) में इस बार के मानसून की भारी बारिश (Heavy Rainfall) आफत बन रही है। हालांकि प्रदेश के कई जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हो रही है, तो कई जिलों में बारिश की अभी भी दरकार है। राजस्थान के कुछ जिलों में मानसून की बारिश से जल भराव की समस्या उत्पन्न हो गई है, कई इलाकों में रेल की पटरियों व सड़कों पर भी पानी भर गया है, जिससे आवागमन में दिक्कत हैं, तो केवल दो दिनों की बारिश में लगभग 25 लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। कुछ नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है, तो कई गांव पानी से लबालब हैं। प्रदेश की राजधानी जयपुर जैसे सुव्यवस्थित शहर में भी घरों में पानी घुसने लगा है, तो सड़कों पर पसरा पानी लोगों की आफत बना हुआ है। जयपुर में जल जमाव से लोगों की परेशानी देखने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) खुद गए और प्रशासन को सहायता के निर्देश दिए। लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए विपक्ष हमलावर है। लेकिन मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील है कि अतिवृष्टि की स्थिति में विशेष सावधानी बरतें। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सरकार पर बरस रहे हैं।
मौतों की खबर से बीच भारी बारिश की चेतावनी
राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश से केवल इस दौर में महज दो दिनों में ही 25 लोगों की मौत हो गई है। हनुमानगढ़ जिले के डिब्बी नगरपालिका क्षेत्र में खुदे गड्ढे में डूबने से 10 और 11 साल के दो मासूमों की मौत हो गई, तो विधायक अभिमन्यू पूनिया धरने पर बैठ गए। मौसम विभाग ने हनुमानगढ़ और सवाई माधोपुर में रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार बरसते पानी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जयपुर, अजमेर, कोटा, सवाई माधोपुर से लेकर हनुमानगढ़ तक बादल आफत बनकर बरस रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। 12 अगस्त की सुबह तक प्रदेश में हुए विभिन्न हादसों में 19 लोगों की मौत हो चुकी थी। जयपुर के गलता कुंड में डूबने से दो कावड़ियों की भी मौत हो गई है। मौसम विभाग ने जयपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर समेत हनुमानगढ़ और सवाई माधोपुर में अगले पांच दिनों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है।
विपक्ष बोला – आपदा प्रबंधन के इंतजाम कमजोर
राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ीलाल मीणा इस्तीफा देकर बैठे हैं। वे खुद बारिश के पानी से परेशान होकर एक युवा की पीठ पर लदकर सड़क पार करने को मजबूर हैं। उनकी ये तस्वीर खूब वायरल हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में भारी बारिश एवं इससे संबंधित दुर्घटनाओं के कारण 25 से अधिक जानें जा चुकी हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी आपदा की स्थिति में राज्य के आपदा राहत मंत्री के बारे में जनता को यह नहीं पता कि वो पद पर हैं या उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में बारिश के पानी भरने के बारे में राज्य सरकार के सारे दावे फेल हो गए हैं।राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि राजस्थान में केवल दो दिन की बारिश में दो दर्जन से अधिक मौतें अत्यंत दु:खद है। खेत जलमग्न हैं्, फसलें भी चौपट हैं और लोगों के आशियाने संकट में हैं। प्राकृतिक आपदा में मृतकों के आश्रितों को कम से कम 20-20 लाख रुपए के मुआवजे के साथ सरकार किसानों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दे और जिन गरीबों के मकानों में नुकसान हुआ है, उनको भी तत्काल आर्थिक सहायता दे। ताकि पीड़ित परिवारों को संबल मिल सके और किसानों को सहारा मिल सकें। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कहा है कि शहर में चारों तरफ पानी ही पानी भरा हुआ है, क्योंकि हर तरफ नाले खुले हैं। ऊपर से बारिश लगातार हो रही है फिर भी सामान्य जनता की सुनने वाला कोई नहीं है।
मुख्यमंत्री और सरकार सतर्क, कांग्रेस हमलावर
हालांकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर के हालात का जायजा लिया है और प्रसासन को सख्त निर्देश देकर हालात सुधारने का आदेश भी दिया है, उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील है कि वे अतिवृष्टि की स्थिति में विशेष सावधानी बरतें, साथ ही सरकारी अधिकारियों की बैठक करके उनको भी उचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि जयपुर में जगह जगह पानी भरने के हालात का जायजा लेने खुद मुख्यमंत्री पहले भी सड़कों पर निकले थे, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ। खाचरियावास ने सरकार पर वार करते हुए कहा है कि आपदा प्रबंधन फेल हो जाने से मुख्यमंत्री के सड़कों पर निकलने के बाद भी दौरे का कोई भी असर राजधानी जयपुर में देखने को नहीं मिला। वैसे देखा जाए, तो हर बारिश में जयपुर के हालात एक से ही होते हैं। पहले भी कांग्रेस के जमाने में राजधानी जयपुर में पानी भरता रहा है, लेकिन अब कांग्रेस हमलावर है, क्योंकि वह विपक्ष में है। हालांकि आपदा प्रबंधन की भी अपनी मुश्किलें है, क्योंकि उसके पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है, फिर बारिश बेतहाशा आ जाए, तो सारे प्रबंधन वैसे भी फेल हो ही जाते हैं। पूरे प्रदेश में राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह से फेल लग रहा है, चारों तरफ अव्यवस्था का माहौल है। जनता मांग कर रही है कि भजनलाल सरकार को तुरंत प्रभाव से आपदा प्रबंधन की व्यवस्थाएं ठीक करनी चाहिए ताकि ऐसी हालात की पुनरावृत्ति न हो।