Sonia Gandhi: कांग्रेस की सबसे बडड़ी नेता सोनिया गांधी का राजस्थान (Rajasthan) के रास्ते राज्यसभा में जाना तय हो गया है। उन्होंने अपना नामांकन भर दिया है। उनसे पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि अब कांग्रेस के कई केंद्रीय नेताओं का नया ठिकाना राजस्थान है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) भी राजस्थान से ही राज्यसभा सदस्य बनने जा रही है। वे पहली बार राज्यसभा (Rajya Sabha) की सांसद होंगी। राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर सोनिया गांधी का भरोसा है और गहलोत की रणनीति से ही केंद्रीय नेतृत्व के कई बड़े नेता पहले भी राजस्थान से राज्यसभा पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनाने के पीछे कांग्रेस की बड़ी रणनीति है। सोनिया गांधी फिलहाल रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं, इस बार वहां से फिर उनका फिर चुना जाना काफी मुश्किल है। लोकसभा में सोनिया गांधी का कार्यकाल अगले मई महीने में समाप्त हो जाएगा, उससे पहले ही वे राज्यसभा की सांसद बन जाएंगी।
सोनिया राजस्थान से सांसद, ताकि आलाकमान से जुड़े रहें तार
सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा में भेजे जाने के पीछे राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खास रणनीति काम कर रही है। गहलोत वैसे भी सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं, तथा गहलोत चाहते हैं कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का राजस्थान से नाता जुड़ा रहे, ताकि प्रदेश कांग्रेस के तार बड़े नेताओं से जुड़े रहें। सोनिया गांधी ने 14 फरवरी को जब अपना नामांकन दाखिल किया, तो उनके साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत थे। उनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस गोविंद सिंह डोटासरा भी उपस्थात रहे। गहलोत ने एयरपोर्ट पर गांधी परिवार की अहुवानी की तथा सोनिया गांधी का सूत की माला पहनाकर स्वागत किया। आलाकमान का संपर्क राजस्थान से बना रहे, इसी रणनीति के तहत मनमोहन सिंह को गहलोत राजस्थान लाए थे तथा अब सोनिया गांधी को भी वे ही लाए हैं। कांग्रेस में गांधी परिवार के वफादार के रूप में गहलोत की पहचान है। सभी जानते हैं कि मल्लिकार्जुन खरगे से पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गहलोत ही गांधी परिवार की पहली पसंद थे। गांधी परिवार से अपने रिश्तों पर गहलोत ने पहले भी कहा था कि गांधी परिवार के साथ मेरे संबंध सभी तर्क-वितर्क से परे रहे हैं और मेरे ये संबंध जीवन भर रहेंगे।
कांग्रेस के कई बड़े नेता राजस्थान से सांसद, अब सोनिया भी
राजस्थान से कुल 10 सांसद राज्यसभा में हैं, 6 कांग्रेस के व 4 बीजेपी के, जिनमें से किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा देने के बाद नौ बचे हैं, उनमें से कांग्रेस के छह छोड़कर बचे बीजेपी के भूपेंद्र यादव, राजेंद्र गहलोत और घनश्याम तिवाड़ी, तीनों सांसद राजस्थान के हैं। जबकि कांग्रेस के 6 में से पांच सांसद सभी बाहरी हैं। सोनिया गांधी से पहले राजस्थान से कांग्रेस के कई दिग्गज राज्यसभा में हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं, उनके अलावा कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव रणदीप सुरजेवाला, महासचिव मुकुल वासनिक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी तथा युवा नेता नीरज डांगी भी राजस्थान से ही हैं। इनमें से नीरज डांगी को छोड़कर कोई भी राजस्थान मूल का नहीं है। राजस्थान से कुल 10 सांसद राज्यसभा में चुने जाते हैं। फिलहाल बीजेपी, कांग्रेस, निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशियों की संख्या के हिसाब से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के दो और कांग्रेस के एक प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है। उम्मीदवारों की संख्या अगर तीन से ज्यादा हुई तो मतदान होगा, और अगर किसी अन्य ने इउम्मीदवारी नहीं जताई, तो तीनों उम्मीदवार नामांकन वापसी पर ही निर्विरोध विजयी घोषित होंगे।
राजस्थान से राज्यसभा में तीन, दो बीजेपी – एक कांग्रेस
देश के 15 राज्यों में राज्यसभा की 56 सीटों पर इसी महीने चुनाव होने हैं। उनमें से 10 सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस कांग्रेस उम्मीदवार का चुना जाना तय है। इन्हीं 10 सीट में राजस्थान की एक सीट भी कांग्रेस के लिए सुरक्षित मानी जा रही है। हालांकि राजस्थान से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं, जिनका कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, तथा उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। उसी सुरक्षित सीट पर सोनिया गांधी अब राज्यसभा में राजस्थान से बैठेंगी। वैसे, राजस्थान से तीन राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। मनमोहन सिंह के अलावा बाकी बची दो सीटों में से एक पर पर फिलहाल बीजेपी के भूपेंद्र यादव 3 अप्रेल तक सांसद हैं और तीसरी सीट से किरोड़ीलाल मीणा सांसद थे, जो विधायक बनने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर पूर्व उप मुख्य सचेतक एवं ओबीसी नेता मदन राठोड़ एवं पूर्व मंत्री व आदिवासी नेता चुन्नीलाल गरासिया को उतारा है, और दोनों की जीत तय है। पिछली 29 जनवरी को इसकी घोषणा की गई थी इन सभी 56 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होने हैं।