Muslim: दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले भारत का मुसलमान ज्यादा सुरक्षित हैं, जबकि हमारे देश में आजादी के बाद 5 गुना मुसलमान बढ़ गए हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भले ही उनके विरोधी दल आरोप लगाते रहें कि हिंदुत्व की राजनीति को लेकर आगे बढ़ रही उनकी सरकार में मुसलमान भारत में सुरक्षित नहीं है, लेकिन मोदी कहते हैं कि सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नारे के जरिए देश को प्रगति की ओर ले जा रही है। हाल ही में यूके के सबसे प्रसिद्ध अखबार फाइनेंशियल टाइम्स (Financial Times) ने जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से पूछा कि भारत (India) में मुस्लिम (Muslim) अल्पसंख्यकों का क्या भविष्य है, तो उसके जवाब में उन्होंने वही कहा कि मुसलमानों को भारत में एक सुरक्षित आश्रय मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी धार्मिक समुदाय के प्रति कोई भेदभाव नहीं किया जाता, उन्होंने पारसी (Parsi) समुदाय की प्रगति का भी उदाहरण दिया। हालांकि, फाइनेंशियल टाइम्स का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह जवाब भारत के 20 करोड़ मुस्लिमों का जवाब नहीं है। हालांकि, फाइनेंशियल टाइम्स के इस तरह के तर्क से ही उसकी मानसिकता को समझा जा सकता है।
Muslim आजादी के बाद भारत में 5 गुना हो गए
भारत सरकार द्वारा लोकसभा (Parliament) में दी गई जानकारी के मुताबिक 2023 में भारत कि कुल जनसंख्या 138.82 करोड़ हो जाने का अनुमान आंका जा रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश की जनसंख्या 14.2 प्रतिशत के समान अनुपात को लागू करते हुए 2023 में मुसलमानों की अनुमानित जनसंख्या 19.75 करोड़ होगी। देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। सन 1947 में देश की आजादी से अब तक भारत की जनसंख्या करीब तीन गुना से ज्यादा हो गई है। सन 1951 में स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना में देश की जनसंख्या 36 करोड़ थी। हिंदुओं की आबादी 1951 में 30 करोड़ से बढ़कर 2011 तक में 96.6 करोड़, मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई थी। आजादी के बाद से मुसलमान करीब 5 गुना बढ़ गए हैं, वहीं हिंदुओं की संख्या तीन गुना ही बढ़ी है। मुसलमान आबादी देश में तेजी से बढ़ रही है। लेकिन सरकार उनका खयाल नहीं रखती, यह हल्ला भी दुनिया भर में तेजी से मचाया जा रहा है। हालांकि, कुल मिलाकर यह केवल बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की सरकार को बदनाम करने का षड़यंत्र है, जिसका जवाब भी मोदी पूरी ताकत से दे रहे हैं।
भारत में अल्पसंख्यकों से कहीं कोई भेदभाव नहीं
नई दिल्ली में 20 दिसम्बर 2023 को फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई बार देश के अल्पसंख्यक समाज को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं। लेकिन भारतीय समाज में किसी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति भेदभाव की कोई भावना नहीं है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से यह बात फाइनेंशियल टाइम्स के उस सवाल के जवाब में कही, जब उनसे पूछा गया कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों का क्या भविष्य है। मोदी ने यह भी कहा कि दुनिया में कहीं भी उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद, मुसलमानों को भारत में एक सुरक्षित आश्रय मिला है, और वे खुशी के साथ समृद्ध होकर भारत में रह रहे हैं।
मुस्लिम विरोधी भावना का आरोप भारत का अपमान
यूके स्थित फाइनेंशियल टाइम्स ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में एक साक्षात्कार में इस आरोप पर जवाब पूछा कि क्या बीजेपी के शासनकाल में मुस्लिम विरोधी घृणास्पद भाषण बढ़ गएं हैं ? इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस तरह के सवाल न केवल भारतीय लोगों की बुद्धिमत्ता का अपमान करते हैं बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को भी कम आंकते हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत अपने आलोचकों को उनकी राय रखने देने और उन्हें व्यक्त करने की आजादी का हकदार है। मोदी ने कहा कि इस तरह के आरोपों के साथ एक बुनियादी मुद्दा है, जो अक्सर आलोचना के रूप में सामने आते हैं।
भारत के प्रति धारणाएं हर बार गलत साबित
प्रधानमंत्री मोदी ने इस इंटरव्यू में भारत को कम आंकने वाले बाहरी लोगों के लंबे इतिहास का भी हवाला दिया। उनका कहना था कि सन 1947 में, जब भारत आज़ाद हुआ, तो अंग्रेज़ों ने जाते जाते भारत के भविष्य के बारे में बहुत ही भयानक भविष्यवाणियां की थीं। लेकिन बाद के दिनों में हम सबने देखा है कि वे सभी भविष्यवाणियाँ और पूर्वधारणाएं झूठी साबित हुई हैं। यह कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि जो लोग हमारी सरकार पर संदेह करते हैं, आने वाले वक्त में वे भी गलत साबित होंगे। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व में सब जगह अत्याचार झेलने के बाद लोगों को भारत में शरण मिली है और वे सभी यहां शांति से रहते हुए लगातार समृद्ध हुए हैं। यही सबसे बड़ा सबूत है कि भारतीय समाज में किसी भी धार्मिक अल्पसंख्यक के प्रति किसी भी तरह के पक्षपात की भावना नहीं हैं।
ज्यादातर लोगों की राय, भारत में मुसलमान सुरक्षित
प्रधानमंत्री मोदी कई बार कह चुके हैं कि भारत का मुसलमान दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं। हाल ही में हुए इंडिया टुडे के एक सर्वे की माने तो देश में 69 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनका मानना है कि देश में मुसलमान बिल्कुल सुरक्षित हैं। जबकि इसके विपरीत सोच रखने वाले 23 प्रतिशत लोगों को लगता हैं कि भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं। वहीं आठ फीसदी लोगों ने इसका उत्तर किसी के पक्ष में नहीं दिया है, उनका कहना हैं कि उन्हें इसके बारे में मालूम नहीं है।