Dawood Ibrahim पाकिस्तान के अस्पताल में आखरी सांसें गिन रहा है। भारत में संगठित अपराध की दुनिया के सबसे कुख्यात अपराधी अंडरवर्ल्ड (Under World) माफिया डॉन को दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) को जहर देने और अस्पताल में भर्ती कराने की चर्चा आम है। 17 दिसंबर की रात को सोशल मीडिया पर ये खबर आई, लेकिन दाउद के गुर्गे छोटा शकील ने कहा है कि ‘भाई’ फिट है, और उसके भांजे अलीशाह पारकर ने भी कहा है कि जहर देने की खबर गलत है। पाकिस्तानी एजेंसियों ने भी इसे अफवाह बताकर खारिज कर दिया। लेकिन सवाल यह है कि आखिर पाकिस्तान दाऊद को संरक्षण क्यों दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद,पिछले कई सालों से दाऊद इब्राहिम और उसके परिवारवाले पाकिस्तान में रह रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) ने कभी इसकी पुष्टि नहीं की, जबकि रह रह कर खबर आती रही है कि 80 के दशक में मुंबई से भागने के बाद से ही दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) पाकिस्तान से अपना अपराध का साम्राज्य संचालित कर रहा है।
Dawood Ibrahim को जहर दिया गया है या मर गया ?
भारत से लेकर दुनिया भर के देशों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि पाकिस्तान (Pakistan) के कराची में रह रहे अपराध सरगना दाऊद (Dawood Ibrahim) को जहर दिया गया है, वह इलाज के लिए अस्पताल में है और इस पर भी शंका व्यक्त की जा रही है कि कि वह जिंदा है या मर गया है या उसे जहर देकर मार दिया गया है। 17 दिसंबर की रात से ही खबर आम है कि अंडरवर्ल्ड (Under World) माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम की स्थिति बेहद नाजुक है और अस्पताल में किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि वह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कब्जे में है। हालांकि, पाकिस्तान की मुख्यधारा का मीडिया इस मामले पर चुप है, लेकिन सोशल मीडिया पर चर्चा आम है। हालांकि, दाऊद के भांजे अलीशाह पारकर ने कहा है कि दाऊद की तबीयत खराब है और स्वास्थ्य कारणों से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अलीशाह पारकर ने दाऊद को जहर दिए जाने की अटकल को खारिज किया है। लेकिन तथ्यात्मक पुष्टि नहीं मिल रही है कि जहर दिया गया है या नहीं।
भारत सहित दुनिया की ‘मोस्ट वांटेड लिस्ट’ में है दाऊद
इतिहास में देखें, तो मुंबई में अपने अपराध जगत का जाल फैलाने के बाद 80 के दशक में दाऊद (Dawood Ibrahim) भारत से दुबई और पाकिस्तान भाग गया था। सन 1993 के विस्फोटों में लगभग 260 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हुए थे। सन 2003 में, भारतीय और अमेरिकी सरकारों ने दाऊद इब्राहिम को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया। वह इस समय भारत की ‘मोस्ट वांटेड लिस्ट’ में है। सन 1993 के विस्फोटों के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने दाऊद इब्राहिम के साथ एक समझौता किया, जिसकी खास बात यह थी कि भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए जा सकने वाले संसाधनों के बदले में उसे सुरक्षा व संरक्षा दी जाएगी। इसे दूसरे शब्दों में कहें, तो अंडरवर्ल्ड (Under World) माफिया डॉन दाऊद भारत के खिलाफ पाकिस्तान को मदद करेगा और पाकिस्तान उसे बचाएगा। खबरें है कि दाऊद का इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की रणनीति 9/11 तक जारी रही, जिसके बाद उसे झूठ बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसीलिए भारत के बार-बार कहा दाऊद के पाकिस्तान में छिपे होने की बात पर इस्लामाबाद हर बार इस दावे का खंडन करता रहा है।
पाकिस्तानी सेना की विशेष सुरक्षा में हमेशा रहता है दाऊद
मुंबई पुलिस ने 80 के दशक की शुरूआत में दाउद (Dawood Ibrahim) के अपराधिक साम्राज्य का खात्मा शुरू कर दिया था तो मौत के डर से वह भारत से भाग गया और मुंबई सहित देश के विभिन्न स्थानों पर वह अपने गुर्गों के जरिए अपराध का कारोबार चलाता रहा, दाऊद के आपराधिक साम्राज्य को डी-कंपनी कहा जाता था और लेकिन तत्कालीन बीजेपी – शिवसेना की सरकार में गृह मंत्री गोपीनाथ मुंडे का कार्यकाल में पुलिस ने एक एक करके मुंबई में दाऊद के गुंडों को मारकर उसके संगठित आपराधिक साम्राज्य को नेस्तनाबूद कर दिया। इस बीच, दाऊद ने अपने परिवार के सदस्यों की शादी पाकिस्तान (Pakistan) के उच्च और शक्तिशाली लोगों से करके अधिकारियों के लिए खुद को अमूल्य बना लिया। इसमें उसकी बेटी की जावेद मियांदाद के बेटे से शादी और उनके भतीजे की एक वरिष्ठ आईएसआई एजेंट की बेटी से शादी शामिल है। इस बीच, अंडरवर्ल्ड (Under World) माफिया डॉन दाऊद ने कराची, दुबई और लंदन में रियल एस्टेट और होटलों जैसे वैध व्यवसायों में अपनी गलत कमाई का निवेश करके खुद को संरक्षित कर लिया। अब उसका मुख्य कारोबार ड्रग्ज है तथा वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हर मदद करता है। ऐसा कहा जाता है कि वह पाकिस्तान (Pakistan) के वरिष्ठ जनरलों का करीबी है और कराची में क्लिफ्टन इलाके में पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों की चौबीसों घंटे सुरक्षा में रहता है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी अधिकारी हर बार इस बात को सिरे से ही खारिज करते हैं कि दाऊद पाकिस्तान में रह रहा था।
अब 68 साल का दाऊद शरीर से लाचार, हालत से बेजार
हालांकि, दाऊद (Dawood Ibrahim) बीमार जरूर हो सकता है क्योंकि 26 अगस्त 1955 की उसकी जन्म तारीख के मुताबिक वर्तमान में उसकी उम्र लगभग 68 साल हो गई है। ऐसे में उम्र जनित बीमारियों से ग्रस्त होने पर अस्पताल में भर्ती तो हो सकता है, लेकिन दाऊद को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जहर देने की जहां तक बात है तो यह लगभग अविश्सनीय संभव है। क्योंकि विश्वसनीय सूत्रों ने कहा है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति के लिए अंडरवर्ल्ड (Under World) माफिया डॉन दाऊद तक पहुंच पाना लगभग असंभव है क्योंकि वह 24 घंटे अपने सबसे भरोसेमंद लोगों, परिवार के सदस्यों, करीबी सहयोगियों और सुरक्षाकर्मियों से घिरा हुआ रहता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि उसे हर हाल में सुरक्षित रखा जाए, क्या खिलाया जाए, क्या पिलाया जाए और कैसे दवाईयां वगैरह दी जाए। किसी भी व्यक्ति के लिए दाऊद इब्राहिम तक इस तरह की पहुंच बनाना लगभग असंभव है। फिर, उसे सुरक्षित रखना पाकिस्तानी एजेंसियों की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। हां, अगर वह सच में अस्पलात में भर्ती है तो जहर दिये जाने के बजाय स्वास्थ्य समस्या के कारण उसे दी जा रही दवाईयों से शरीर में जहर फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
-राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)