Rajasthan News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राजस्थान प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में अगर उनकी जान को कोई खतरा हुआ तो इसके लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव सचिन पायलट (Sachin Pilot) जिम्मेदार होंगे। राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की कपाल क्रिया करने और पायलट को जमीन में गाड़ने के बयान के बाद प्रदेश में जगह जगह बीजेपी प्रभारी अग्रवाल का विरोध हो रहा है। पुतले फूंके जा रहे हैं, काले झंडे दिखाए जा रहे हैं, नारेबाजी हो रही है और प्रभारी पद से हटाए जाने की मांग भी हो रही है। ऐसे में कहीं हमला भी हो सकता है, इसी आशंका में अग्रवाल ने कहा है कि अगर राजस्थान में रहते हुए मेरी जान को जरा सा भी खतरा हुआ तो मैं इसके लिए सिर्फ सचिन पायलट को जिम्मेदार मानूंगा। लेकिन पायलट ने जवाब में कहा है कि हमारे लिए तो राजस्थान आने वाला हर व्यक्ति अतिथि देवो भवः है। राजस्थान की राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन ने दोनों नेताओं के इस उत्तर – प्रत्युत्तर पर सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा – ‘एक विचलित राजनेता को प्रचलित उत्तरों से हटकर दिया गया सुचिंतित जवाब।’
बीजेपी प्रभारी अग्रवाल का प्रदेश भर में विरोध जारी
राजस्थान में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी के राजस्थान प्रभारी अग्रवाल का जगह जगह विरोध किया जा रहा है। अपने विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए अग्रवाल ने अपने बयानों को सही ठहराया और कहा कि राजनीति में अपनी विरोधी ताकतों को हम कमजोर नहीं कहेंगे तो क्या उन्हें ‘दारा सिंह पहलवान’ बताएंगे? उन्होंने फिर कहा कि सचिन पायलट का एक समय था जो खत्म हो गया है और अब राजस्थान में भाजपा का राज है। कांग्रेस नेताओं के बारे में बीजेपी प्रभारी अग्रवाल के बयानों पर विरोध जताते हुए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनकी उदयपुर यात्रा के दौरान अग्रवाल को काले झंडे दिखाए, काफिला रोकने की कोशिश की। नारेबाजी भी की और अग्रवाल की कार पर काली स्याही भी फेंकी। बीजेपी प्रभारी अग्रवाल ने लगभग धमकी की भाषा में कहा कि अगर ऐसी हरकत दोबारा होती है, तो भाजपा कार्यकर्ताओं की भी अपनी सीमाएं हैं। खास बात यह है कि 23 अगस्त को दिए अपने जिस टीवी इंटरव्यू में अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कपाल क्रिया करने और पायलट को जमीन में गाड़ने की बात कही थी, इस वीडियो को 28 अगस्त को उन्होंने फिर ट्वीट करते हुए लिखा कि – यही तो कहा है हमने सचिन पायलट को, एक बार फिर से रीट्वीट कर दे रहा हूं। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार मानते हैं कि बीजेपी प्रभारी अग्रवाल प्रदेश में अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के एक सोची समझी रणनीति के तहत यह सब कर रहे हैं क्योंकि इसमें उनका कोई नुकसान नहीं है। परिहार मानते हैं कि उपचुनाव में वैसे भी बीजेपी को कोई खास फायदा होता नहीं दिखता, तो राजस्थान में पहचान तो स्थापित हो ही रही है।
गहलोत और पायलट के अपमान से भड़के हैं कांग्रेसी
उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त को अपने टोंक दौरे में राधामोहन दास अग्रवाल ने एनडीटीवी न्यूज चैनल के इंटरव्यू में कहा था कि सचिन पायलट बीजेपी के लिए कोई चुनौती नहीं हैं। पायलट का जमाना अब खत्म हो चुका हैय़ आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। राजस्थान की जनता के दिलों में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी है और सचिन पायलट सिर्फ चूक चुकी फौज है। बीजेपी प्रभारी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि अशोक गहलोत की कपाल क्रिया होना बाकी है, वो भी हो जाएगी। आनेवाले विधानसभा उपचुनावों में गहलोत की राजनीतिक कपाल क्रिया हो जाएगी। हालांकि, अपनी ही पार्टी के नेता राजेंद्र राठौड़ पर भी अग्रवाल की बयानबाजी चर्चा में थी। इसके बाद पूरे राजस्थान में बीजेपी प्रभारी का जगह जगह विरोध होने लगा। युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उदयपुर एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर बीजेपी प्रभारी की कार के आगे बैठकर उन्हें काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की। उधर, युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कहा है कि अग्रवाल के खिलाफ विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक कि वे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपने अपमानजनक बयानों के लिए माफी नहीं मांग लेते।
पायलट ने कहा कि उपचुनाव में कर लेंगे दो – दो हाथ
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की इस बारे में कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इसके बाद पायलट कहा – ‘मैंने हमेशा अपने विरोधियों का सामना मर्यादा और संयम से किया है. मर्यादापूर्ण भाषा से किया है। विरोधियों का सम्मान करना, आपके प्रतिद्वंद्वियों को इज्जत देना, संयम और मर्यादा की सीमा को नहीं लांघना, ये हमारी राजनीति का परिचय है। ये राजस्थान है, अतिथि देवो भव: की भूमि है। जो भी यहां आएगा उसका स्वागत है। यहां का प्यार-मोहब्बत का इतिहास रहा है। वाणी में विनम्रता रखनी चाहिए। लोगों का सम्मानपूर्वक संबोधन करना चाहिए। लेकिन अगर राजनीति की बात आ रही है तो मैं बता दूं कि राज्य की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, हम कर लेंगे दो – दो हाथ, तो पता चल जाएगा कि कौन कितना ताकतवर है।
-राकेश दुबे
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