Royal calendars: राजस्थान के पूर्व राजघरानों में अपने-अपने कैलेंडर और पंचांग की परंपरा रही है। एक समय था, जब ये घराने एक तरह के छोटे देश थे। भारत एक लोकतंत्र के रूप में गठित नहीं होता तो शायद आज हम एक यूरोप की तरह छोटे-छोटे देशों वाला एक बड़ा उपमहाद्वीप होते। लेकिन समय अश्व की वल्गा को कोई नहीं पकड़ सका है। अब भी जो धर्म, राष्ट्र राज्य और संप्रभुताओं से बंधे हुए हैं, यह सब भी नहीं रहने वाला। समय तेजी से भाग रहा है। मेवाड़ राजघराने ने हाल ही में सन 2025 का वार्षिक कैलेंडर जारी किया है।
ख़ैर, उदयपुर के मेवाड़ राजघराने में पुरानी परंपराएं आज भी जारी हैं। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने 2025 के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया है। राजघराने तो अपनी परंपरा निभा रहे हैं, लेकिन पंडितों की परंपरा थोड़ा गड़बड़ा गई है और अब दो-दो दीवाली, दो-दो पूर्णिमा, दो-दो रक्षाबंधन साफ़ बता रहे हैं कि आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, महावीर, भास्कर आचार्य, संगमग्राम के माधव और नीलकंठ सोमयाजी जैसे शास्त्रीय गणितज्ञों का देश अब एक भयावह संकट से दो चार है और यह देश वैज्ञानिक ज्योतिषविदों को तरस गया है।
बहरहाल, आगामी वर्ष का यह वार्षिक कैलेंडर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के प्रतीक मेवाड़ के गज को समर्पित है।महाराणा मेवाड़ हिस्टोरिकल पब्लिकेशन्स ट्रस्ट, उदयपुर से प्रकाशित कैलेंडर के मुख्य पृष्ठ पर मेवाड़ के आराध्यदेव परमेश्वराजी महाराज श्री एकलिंगनाथ जी के चित्र के साथ ही मेवाड़ के मूल नरेश बापा रावल, महर्षि हारीत राशि और लवाजमें के साथ हाथी पर ऐतिहासिक सवारियों के चित्रों को स्थान दिया गया है। अंतिम पृष्ठ पर ऐतिहासिक महत्व की जानकारियों के साथ कई प्राचीन फोटो, चित्रों और वर्तमान में हाथी अग्घड़ में लगे नवनिर्मित दो हाथियों के मॉडल को सम्मिलित किया गया है।
यह वाक़ई में अद्भुत कैलेंडर होता है और संग्रहीण भी। मेवाड़ राजघराना कहें या पूर्व राजपरिवार, आज भी श्रीजी कहलाने वाले श्री अरविंद सिंह मेवाड़ और लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ में हम जिस विनम्रता को देखते हैं, वह राजघरानों में क्षीण है। इस मामले में जयपुर राजघराना भी बहुत विनयशील है। लेकिन आम तौर पर आम लोगों की पहुंच आज भी बहुत से राजघरानों तक नहीं होती। लक्ष्यराज सिंह की भाषा तो आज भी वही है, मानो किसी पुरानी गली के पुराने आदमी से बहुत पुराने शब्द सुन रहे हों!
-त्रिभुवन
(लेखक राजस्थान के प्रसिद्ध पत्रकार हैं)