Article 370 पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत सरकार के पक्ष में फैसले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सराहना की है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू व कश्मीर (Jammu and Kashmir) से धारा अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को निरस्त करने के फैसले पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले की अनुमोदना की है और यह भी माना है कि अनुच्छेद 370 (Article 370) स्थायी प्रकृति का नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में दिए अपने फैसले में कहा कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र की तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा लिया गया फैसला संवैधानिक एकीकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था, न कि विघटन के उद्देश्य से। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की इस टिप्पणी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) खुश हैं। मोदी का कहना है कि धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत किया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधता को बरकरार रखने के बाद देश के कई समाचार माध्यमों में प्रकाशित एक विशेष लेख में, प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से भारत (India) की संप्रभुता की भावना को मजबूत किया है।
Article 370 थोपने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पूर्व की गलतियों का उल्लेख करते हुए लिखा कि आजादी के समय हमारे पास राष्ट्रीय एकता के लिए नई शुरुआत करने के विकल्प थे। इसके बजाय, हमने भ्रमित सामाजिक दृष्टिकोण को जारी रखने का फैसला किया, भले ही इसका मतलब दीर्घकालिक राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करना हो। उन्होंने अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35 (ए) को लागू करने वाली कांग्रेस (Congress) सरकार पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, आजादी के बाद कई वर्षों तक कांग्रेस सत्ता में रही थी, लेकिन इस गलती को नहीं सुधारा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमेशा मेरा दृढ़ विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में जो हुआ वह हमारे देश और वहां रहने वाले लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात था। यह मेरी भी प्रबल इच्छा थी कि मैं इस कलंक को, लोगों के साथ हुए इस अन्याय को मिटाने के लिए जो कुछ भी कर सकूं, वह करूं। इसीलिए बीजेपी (BJP) सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की तकलीफों को कम करने के लिए अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को हटाया। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त, 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इसकी घोषणा की थी।
जम्मू-कश्मीर के लोग अपना विकास चाहते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि 5 अगस्त का ऐतिहासिक दिन भारत (India) व हर भारतीय के दिल और दिमाग में बसा हुआ है। हमारी संसद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के निर्णय को मंजूरी दे दी, तब से, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में बहुत कुछ बदल गया है। न्यायिक अदालत का फैसला दिसंबर 2023 में आया है, लेकिन जम्मू, कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख में विकास की लहर को देखते हुए, जनता की अदालत ने चार साल पहले से ही धारा 370 और 35 (ए) को खत्म करने के संसद के फैसले का जोरदार समर्थन दिया और अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी उनकी सरकार के जम्मू व कश्मीर से धारा अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को निरस्त करने के फैसले को सही ठहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की और इसे देश की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के लिए एक विश्वसनीय तरीका बताया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले चार साल जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और विकास में नए विश्वास के साथ चिन्हित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने अपने इस लेख में कहा है कि उन्हें विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं और अपनी ताकत और कौशल के आधार पर भारत (India) के विकास में योगदान देना चाहते हैं।
जम्मू-कश्मीर व लद्दाख की खूबसूरती असाधारण
लद्दाख के लुभावने परिदृश्य व शांत घाटियों सहित जम्मू व कश्मीर (Jammu and Kashmir) की खूसूरती से भरे विशाल पहाड़ों ने पीढ़ियों से हमारे कवियों, कलाकारों और साहसिक लोगों के मन को मोहित करने की बात लिखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि जम्मू -कश्मीर व लद्दाख ऐसी जगहें है, कि वहां जैसी उत्कृष्टता असाधारण है। जहां हिमालय आकाश तक पहुंचता है, और इसकी झीलों और नदियों का प्राचीन पानी स्वर्ग को प्रतिबिंबित करता है। लेकिन, पिछले सात दशकों से, इन जगहों पर हिंसा और अस्थिरता का सबसे बुरा रूप देखा गया है, जिसके अद्भुत लोग कभी भी उस हिंसा और अस्थिरता इसके हकदार नहीं थे। दुर्भाग्य से, सदियों के उपनिवेशीकरण, विशेष रूप से आर्थिक और मानसिक पराधीनता के कारण, हम एक प्रकार का भ्रमित समाज बन गए। बहुत बुनियादी चीजों पर स्पष्ट स्थिति अपनाने के बजाय, हमने द्वंद की अनुमति दी, जिससे भ्रम पैदा हुआ। दुख की बात है कि जम्मू-कश्मीर ऐसी मानसिकता का बड़ा शिकार बन गया।
Article 370 जम्मू – कश्मीर के विकास में बाधा था
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की विकास यात्रा को और मजबूत करने की दिशा में किए जा रहे प्रयत्नों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि, हमने तय किया कि जम्मू-कश्मीर में सद्भावना बनाने हमारे मंत्री अक्सर वहां जाएंगे और लोगों से सीधे बातचीत करेंगे। मई 2014 से मार्च 2019 तक 150 से अधिक मंत्रिस्तरीय दौरे हुए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इन लगातार दौरों ने में वहां पर शांति व्यवस्था की बहाली और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि हमारे देश के कई लोग जो जम्मू-कश्मीर की समस्याओं को हल करने के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35 (ए) की वजह से एक ही देश के लोगों के बीच दूरियां बन गईं, और जिनको वहां के लोगों का दर्द महसूस हो रहा था, वे भी इस बारे में कुछ नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बुनियादी विकास का ढांचा विकसित करने की कोशिश में 2015 के विशेष पैकेज से रोजगार सृजन, पर्यटन को बढ़ावा देने और हस्तशिल्प उद्योग को समर्थन देने की पहल के जरिए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं। अब लोगों को भी समझ में आ रहा था कि अनुच्छेद 370 और 35 (ए) जम्मू व कश्मीर के विकास में बड़ी बाधा थे और खास बात यह थी कि पीड़ितों, जरूरतमंदों, गरीबों और दलितो थे उनके विरोध में अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35(ए) की वजह से सामान्य लोगों को वे अधिकार और विकास कभी नहीं मिला जो देश के अन्य प्रदेशों के भारतीयों को मिले।
(प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष लेख से साभार)