Vinod Tawde: महाराष्ट्र में मतदान से एक दिन पहले प्रदेश की एक छोटी सी पार्टी बहुजन विकास आघाड़ी ने ऐसा बखेड़ा खड़ा कर दिया कि राहुल गांधी से लेकर देश के सभी बड़े बड़े नेताओं की निगाहें और बयान मुंबई से 70 किलोमीटर दूर वसई – विरार महानगरपालिका के नालासोपारा जैसे विधानसभा इलाके पर आ रहे हैं, जो पानी की कमी और हजारों अवैध इमारतों के लिए बेहद बदनाम रहा है। घटना के केंद्र में हैं बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े (Vinod Tawde), मामला है एक छोटी सी पार्टी द्वारा उनको वोट के लिए नोट बांटने के आरोप के लपेटे में लेने का। तस्वीर यह है कि वसई, विरार और नालासोपारा इलाकों में चप्पे चप्पे पर पुलिस की नजर है, और हंगामा करने वाले भी पुलिस की निगाह में हैं। निगाह इतनी तेज कि इसी वजह से मतदान के पहले वाली आखरी रात में लोगों को लुभाने के लिए हर बार की तरह उनकी तरफ से बहुत कुछ वितरित करने का काम भी बंद हो गया। केवल दो विधायकों वाली पार्टी बहुजन विकास आघाड़ी ने ऐसा हंगामा किया कि उत्तर भारतीयों की बहुतायत वाले नालासोपारा में उसकी अपनी ही जीत को लेकर संशय पैदा हो रहा है। मामले के सामने आते ही विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल गया है, बयानबाजी जारी है और मतदान के दिन भी इसी की चर्चा पूरे देश में रहेगी।
जो हुआ, वैसा आमतौर पर विरोधी लोग करते रहे हैं
विरार में जो हुआ, वह यह था कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े विरार के एक होटल में गए थे। जहां, उनको मतदान प्रक्रिया तथा वोटिंग मशीन सहित मतदान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और चुनाव आयोग की गाइडलाइंस पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को सतर्क करना था। उसी दौरान बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंच कर हंगामा किया और दावा किया कि तावड़े मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसा बांटने आए हैं। वीडियो में दिख रहा है कि हंगामा मचाने वालों में से ही एक व्यक्ति अपने हाथ से रुपए बीजेपी नेता विनोद तावड़े के सामने टेबल पर रखते हुए पुलिस को दिखा रहा है और जोर जोर से कुछ कह भी रहा है। जैसा कि आमतौर पर विरोधी पार्टी के लोग करते रहे हैं, नारेबाजी हुई, पुलिस आई, चुनाव आयोग के अधिकारी पहुंचे, हंगामा हुआ और पुलिस वहां से कुछ कागजात, डायरी और कुछ रुपए भी बरामद करके केस बनाकर निकल गई। बीजेपी के दिग्गज नेता विनोद तावड़े ने इस पूरे मामले पर कहा कि नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी। चुनाव के दिन की आचार संहिता की 12 बातें बताने के लिए मैं वहां पहुंचा था। हमारी सामने वाली पार्टियों ने हंगामा मचाया और पैसे बांटने के आरोप लगाए। इन आरोप की चुनाव आयोग और पुलिस जांच करें। मैं 40 साल से पार्टी में हूं। मैं भी चाहता हूं कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
तावड़े का विकास और फडणवीस का कम होता कद
विनोद तावड़े बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और सभी जानते हैं कि नालासोपारा जैसी बेहद अल्प दिलचस्पी वाली विधानसभा सीट में पार्टी के पैसे बांटने जैसे काम के लिए कोई इतना दिग्गज नेता तो कतई नहीं जाएगा। लेकिन हाल ही में तावड़े पार्टी के रणनीतिक मामलों में केंद्रीय स्तर पर काफी अग्रणी भूमिका में देखे जाते रहे हैं। तावड़े मराठा हैं और यह चर्चा अक्सर रही है कि आने वाले दिनों में बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर और बड़ा ओहदा भी पा सकते हैं, तथा महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री मराठा होगा, यह बात भी चल रही है। जबकि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के फिर से उपमुख्यमंत्री बनने के आसार भी गड़बड़ा रहे हैं। पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव में कमान फडणवीस के हाथ थी और ताकतवर मंत्री रहते हुए भी तावड़े का टिकट काट दिया गया था। फिर भी तावड़े केंद्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। प्रादेशिक राजनीति में महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा है, ऐसा आम तौर पर सभी मानते हैं। लेकिन विरार, नालासोपारा और वसई सहित पालघर आदि में प्रभुत्व रखने वाली बहुजन विकास आघाड़ी पार्टी के नेताओं हितेंद्र ठाकुर और उनके बेटे क्षितिज ठाकुर के पिछली सरकार में सहयोग करने के कारण फडणवीस से बेहतर संबंध हैं। तावड़े – फडणवीस की पूरे पांच साल चली जंग के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर विकसित होते रहे तावड़े के विराट कद और मुख्यमंत्री रहे फडणवीस के उप मुख्यमंत्री बनने से घटते कद की राजनीतिक होड़ में राजनीति के जानकार पूरे घटनाक्रम के तार तलाश रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक आषुतोष इस घटनाक्रम को बीजेपी की अंदरूनी जंग को भी वजह मानने के पर्याप्त कारण मानते हैं।
बीजेपी बोली – आरोप निराधार, सबूत हैं तो शिकायत करें
बीजेपी ने पूरे मामले को साफ करते हुए कहा है कि आरोप निराधार हैं और चुनाव में शांति के माहौल को प्रभावित करने की कोशिश है। बीजेपी मीडिया सेल के मुखिया अमित मालवीय ने स्पष्ट कहा कि यह एक साजिश है। अगर विपक्ष के पास ऐसे कोई सबूत हैं तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। चुनाव से 24 घंटे पहले नेता अपने बूथ का मैनेजमेंट देखते हैं। ऐसा ड्रामा हारने वाले नेता करते हैं, जो इस समय नालासोपारा में हो रहा है। उस होटल में हमारे संगठन की बैठक चल रही थी। राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विनोद तावड़े हमारे राष्ट्रीय महासचिव हैं और संगठन से जुड़े अनेक कामों को देख रहे हैं। वे सांगठनिक दायित्वों के अनुरूप अलग-अलग प्रत्याशियों से हाल-चाल ले रहे थे। इसी दौरान चुनाव पूर्व तैयारियों की होटल में चल रही इनडोर बैठक में उन्हें बुलाया गया, जो पूरे नियमों के तहत हो रही थी। वरिष्ठ भाजपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आरोपों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि विनोद तावड़े एक राष्ट्रीय नेता हैं, क्या वह वार्ड स्तर पर पैसा बांटने जा रहे हैं? मुनगंटीवार ने कहा कि ऐसे दावे बेतुके हैं।
राहुल गांधी सहित कई बड़े नेताओं की बयानबाजी
राजनीति कुछ भी हो, लेकिन नेताऔओं के बयान जारी हैं। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार कहते हैं कि अवैध इमारतों, पानी की कमी, अपराध और गुंडागर्दी के लिए बदनाम और उत्तर भारतीय समुदाय की बहुतायत वाला नालासोपारा राष्ट्रीय फलक पर ऐसा चमक गया है कि वे नेता भी बोल रहे हैं, जिन्होंने इससे पहले केवल कपिल शर्मा के शो में सपना के किरदार से ही नालासापोरा का नाम भी सुना होगा। परिहार कहते हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से लेकर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस की सुप्रिया सुले, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना उद्धव के संजय राउत, कांग्रेस के नाना पटोले जैसे कई नेता भी विरार के नालासोपारा विधानसभा चुनाव पर अचानक बयान देने लग गए हैं। जबकि नालासोपारा की हजारों तकलीफों में से किसी एक पर भी इनमें से किसी भी नेता का कोई बयान कभी नहीं आया। विनोद तावड़े पर आरोप लगाने वाली बहुजन विकास आघाड़ी के विधायक क्षितिज ठाकुर और उनके विधायक पिता हितेंद्र ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नोट कांड को लेकर शंका समाधान और सफाइयां पेश की। हंगामे के बाद चुनाव आयोग ने विनोद तावड़े और राजन नाइक के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।
-राकेश दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)
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