Tika Ram Jully Rajasthan: प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) जीतने के लगभग डेढ़ महीने बाद राजस्थान (Rajasthan) को एक युवा दलित नेता विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मिल गया है। अलवर जिले के हरियाणा से सटे एक गांव में जन्मे 43 साल के टीकाराम जूली (Tukaram Jully) विपक्ष के नेता होंगे। कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधायक दल नेता के तौर पर नियुक्ति करके जूली को नेता प्रतिपक्ष बना दिया है। विपक्षी नेता पद पर जूली की नियुक्ति के साथ ही राजस्थान में राजनीति के कई नए समीकरण बन गए हैं और कई समीकरण ध्वस्त हो गए हैं। कुछ बड़े नेताओं के सपने टूट गए हैं तो किसी को अपना राजनीतिक भविष्य नहीं सिरे से गढ़ना पड़ेगा। जूली कांग्रेस की ओर से राजस्थान में विपक्ष के पहले दलित नेता होंगे जिसे यह महत्वपूर्ण पद मिला है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर गोविंद सिंह डोटासरा बने रहेंगे।
अशोक गहलोत और जितेंद्र सिंह के करीबी है टीकाराम
राजस्थान की राजनीति में जूली और डोटासरा दोनों, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाते हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जूली राज्य में गहलोत के साथ ही जिले में भंवर जितेंद्र सिंह के समर्थक माने जाते हैं। राजस्थान की राजनीति में ताजा बदलाव के बाद माना जा रहा है कि गहलोत खेमा अब निर्विवाद रूप से मजबूत है। खबर है कि भंवर जितेंद्र सिंह की अनुशंसा और पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की सहमति से ही जूली विपक्षी नेता बने हैं। नेता पद पर अपनी मनोरंजन की पहचान थे जूली राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार पर वर्ष पड़े हैं।उन्होंने कांग्रेस सरकार की शुरू हुई योजनाओं को बंद करने के अलावा भाजपा सरकार पर कोई काम नहीं करने का आरोप लगाया है। जूली ने भजनलाल शर्मा की सरकार को पर्ची वाली सरकार कहते हुए कहा है कि धरातल पर काम कुछ भी नहीं हुआ है।
दलित – ओबीसी समीकरण साधने की कोशिश
विपक्ष नेता पद पर नियुक्त होने से पहले टीकाराम जूली अशोक गहलोत सरकार में मंत्री थे। वे कांग्रेस से अलवर ग्रामीण के विधायक हैं और गहलोत सरकार में मंत्री के तौर पर उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है माना जा रहा है कि उसी के फलस्वरूप है विपक्ष्या नेता बनाया गया है हालांकि राजनीति का एक गणित यह भी कहता है कि अशोक गहलोत की रणनीति के तहत प्रदेश के दलित वोट बैंक को अपने साथ बनाए रखने की कोशिश में जूली विपक्ष के नेता बनाए गए हैं ताकि सामाजिक एवं जातिगत संतुलन बना रहे। इसके साथ ही गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। कांग्रेस को मजबूत बनाए रखने में डोटासरा ने बड़ा सहयोग किया है। डोटासरा जाट यानी ओबीसी हैं और जूली दलित समाज से, राजस्थान में अब कांग्रेस इन दोनों के नेतृत्व में दलित – ओबीसी का सामाजिक समीकरण साधने में भी कामयाबी की तरफ बढ़ने की कोशिश करती दिख रही है।
हरीश और पायलट के बारे में अटकलें आगे नहीं बढीं
राजस्थान की राजनीति में कुछ दिन पहले तक ये कहा जा रहा था कि सचिन पायलट फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे या फिर विपक्षी नेता बनेंगे। लेकिन कांग्रेस ने उनको छत्तीसगढ़ जैसे छोटे से प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेज दिया है जहां विधानसभा के चुनाव भी 5 साल बाद है। बीच में खबरें आई कि विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने के लिए हरीश चौधरी भी कोशिश कर रहे थे। लेकिन उनके बारे में भी कांग्रेस आर कमान की कोई बहुत अच्छी राय नहीं रही क्योंकि पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी एवं राजस्थान में मंत्री के रूप में हरीश चौधरी के राजनीतिक आचरण एवं ईमानदारी का कच्चा चिट्ठा राहुल गांधी के पास मौजूद है। फिर एक बात यह भी थी कि गोविंद सिंह डोटासरा जैसा मजबूत जाट नेता राजस्थान में पहले से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष है तो दूसरा जाट विपक्ष का नेता कैसे बन सकता था। फिर हरीश चौधरी राजस्थान में कोई इतने बड़े नेता भी नहीं है कि उनको पद पर बिठाने के लिए किसी बड़े जाट नेता को पद से हटाया जाए। अब जब जूली राजस्थान में विपक्ष नेता है एवं लोटस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष है तो सामाजिक समीकरण के मामले में भी कांग्रेस बीजेपी से बराबरी की टक्कर करती दिख रही है।
टीकाराम जूली के राजनीतिक सफर पर नज़र
राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिक राज्य मंत्री रहे टीकाराम जूली राजस्थान में विपक्ष नेता बनने वाले पहले दलित नेता है। वे कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह के करीबी हैं एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास माने जाते हैं। जूली अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधायक है और इस बार बीजेपी के उम्मीदवार जयराम जाटव को 27333 वोट से हराकर विधानसभा में पहुंचे हैं। वे तीसरी बार विधायक बने हैं। राजनीतिक कैरियर उन्होंने पंचायती राज से शुरू किया पर विधानसभा में पहुंचने से पहले जिला परिषद की सदस्य और अलवर के जिला प्रमुख भी रहे हैं।