राकेश दुबे
राजस्थान की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे कांग्रेस के नेताओं पर पड़े हैं और कांग्रेस मान रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को फिर से रिपीट होने को रोकने की कोशिश के प्रयास में यह कार्रवाई हो रही है। मुख्यमंत्री ने इसी टिड्डी की तरह ईडी का हमला बताया है। भले ही कोई कुछ भी कहे कि ईडी के काम करने के अपने तरीके हैं, जो अपने तरीके से अपना काम करती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में राजनीतिक बदले की कार्रवाई के रूप में ईडी के छापों के भुनाने की जबरदस्त कोशिश होती रही है, फिर भी केंद्र सरकार समय समय पर ईडी के बचाव में कहती रही है कि कोई चाहे कुछ भी कहे, सरकारी एजेंसियां में सरकार का कोई दखल नहीं है। लेकिन आज के हालात में देश में सबसे ज्यादा ताकतवर एजेंसी के रूप में ईडी को ही देखा जाता है, क्योंकि इसके परिणाम काफी असरकारक रहे हैं।
ईडी के ताजा छापों पर मुख्यमंत्री गहलोत भड़के हुए हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि ईडी पूरे देश में आतंक मचा रखा है, यह शुभ संकेत नहीं है। गहलोत ने कहा है कि गोविंद सिंह डोटासरा के यहां छापा मायने रखता है। वह किसान के बेटे हैं, उनको कोई नोटिस तक नहीं दिया गया। सीएम ने कहा कि डोटासरा उस व्यक्ति ने हमेशा हमेशा किसानों और गरीबों की आवाज उठाई है। इसलिए इस मामले में उनके यहां रेड की गई है। गहलोत ने कहा कि वैभव को कल नोटिस मिला और कहा कि एक दिन में आकर हाजिर हो जाओ, ये कोई मजाक चल रहा है. ईडी बीजेपी की ऐसी हालत खराब हो जाएगी। टिड्डी की तरह ईडी का प्रयोग कर रहे हैं। गहलोत ने कहा है कि सवाल किसी की पैरवी का नहीं है, सवाल मेरे बेटे या कांग्रेस का नहीं है। सवाल पूरे देश में मचारखे आतंक का है। उन्होंने कहा है कि मैने सुना है कि छत्तीसगढ़ में तो ईडी के अफसरों ने साल भर पहले से ही अड्डा जमा रखा है, उन्होंने वहां घर किराए पर ले लिए हैं और परिवार को भी शिफ्ट कर दिया है, क्योंकि उन्हें वहां हर रोज छापेमारी करनी पड़ रही है। उनके इस बयान के बाद ईडी की कार्रवाई राजस्थान में क्या कुछ नया रंग दिखाएगी यह तो जांच के बाद ही पता पड़ेगा। लेकिन राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले ईडी के छापों ने सियासी तूफान ला दिया है और इस मामले को लेकर कांग्रेस के नेताओं में भी हड़कंप मचा हुआ।
राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक ओमप्रकाश हुडला पर ईडी के छापों और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यत्र वैभव गहलोत को ईडी के बुलावे से कांग्रेस स की परेशानियां बढ़ सकती है। कांग्रेस ने एक बयान जारी करके कहा है कि केंद्र सरकार अपने द्वेष पूर्ण तरीके से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी हम गोविंद सिंह डोटासरा के साथ खड़ी है और किसी भी मुकाबले के लिए तैयार हैं। ईडी की टीम की छापेमारी के बाद पूरे प्रदेश की कांग्रेसी राजनीति में हड़कंप है और सभी इस बात को लेकर अचंभित हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को भी ईडी का नोटिस कैसे आया और उसमें किस तरह के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि राज्यसभा के सदस्य और सवाई माधोपुर से भाजपा के प्रत्याशी डॉ. करोड़ी लाल मीणा ने कुछ दिन पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि मैंने गहलोत और उनके बेटे को लेकर के तथ्यों के आधार पर शिकायत की है। क्या ईडी ने उनकी शिकायत को लेकर ही सीएम गहलोत के पुत्र को नोटिस भेजा है? कांग्रेस सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि मेरे पास जो लाल डायरी मौजूद है उसमें मुख्यमंत्री गहलोत और उनके पुत्र के कारनामे मौजूद है। उन्होंने कहा कि मैं इसको ईडी को दूंगा और जांच कराऊंगा तो पता पड़ेगा कि क्या कुछ है। उन्होंने कहा था कि की लाल डायरी में तो मुख्यमंत्री के जेल जाने की बात लिखी है। लेकिन कोई डजरीरी नहीं कि इन्हीं की कही बातें पर ताजा कारवाई हो रही है।
आर्थिक अपराध और विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन की जांच के लिए बनाई गई ईडी या एंफोर्समेंट डायरेक्टरेट अर्थात प्रवर्तन निदेशालय फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करती है। ईडी आपराधिक श्रेणी वाले फाइनैंशियल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले भी देखने लगी है। प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत ईडी कार्रवाई करती है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट जब बना तो सरकार ने तय किया कि इसे एनफोर्स ईडी करेगी। ईडी में काफी लोग बाहर से भी तैनात किए जाते हैं। काफी लोग विभिन्न विभागों से प्रभावी अधिकारी डेपूटेशन पर भी काम करने के लिए बुलाए जाते हैं। साल 2018 जब सरकार ने देखा कि आर्थिक अपराधी काफी संख्या में देश से बाहर भाग रहे हैं तो फ्यूजिटिव ऑफेंडर एक्ट लाया गया, इसे भी ईडी के तहत रखा गया। उसी के बाद से राजनीतिक मामलों में ईडी का दखल बढ़ा है। जिसके फलितकार्थ इसेके हर हमले को राजनीतिक नजरिये से देखा जाने लगा है। ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है।