Bhajanlal Sharma: राजस्थान के जिस राजनेता ने इस बार के लोकसभा चुनाव (Parliament Election) में बीजेपी में सबसे ज्यादा चमक बिखेरी, वह है भजनलाल शर्मा। इस बार का लोकसभा चुनाव राजस्थान के मुख्यमंत्री शर्मा के लिए उनकी राजनीतिक छवि को नये आयाम देने का कारण बना है। देश में बीजेपी (BJP) के मुख्यमंत्रियों में सबसे ज्यादा सभाएं व रोड़ शो करने का कीर्तिमान भी राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) के ही नाम है। देश भर में उन्होंने जमकर दौरे किए, लगातार जनसभाएं की और व्यापक पैमाने पर जनसंपर्क के साथ प्रदेश में लाखों लोगों सहित बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी समाज से भी मेल-मुलाकात करके बीजेपी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की। यह पहला मौका है, जब राजस्थान के किसी मुख्यमंत्री ने इतने बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी प्रचार किया और पार्टी से लोगों को जोड़ने की मेहनत की। मुख्यमंत्री ने राजस्थान में कुल 90 जनसभाएं व रोड़ शो किए, तो उसके बाद अन्य प्रदेशों में भी 52 से ज्यादा जनसभाएं और रोड़ शो किए। अपनी मेहनत और कोशिशों से उन्होंने साबित भी कर दिया कि प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े नेता और स्टार प्रचारक भी तो वे हैं ही, प्रदेश के किसी भी नेता के मुकाबले सबसे ज्यादा जनसभाएं व रोड़ शो भी उन्हीं ने किए हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने बहुत ही समझदारी से देश भर में राजस्थानी बहुत इलाकों में अपनी पार्टी का प्रचार किया, जिसका सीधा असर मतदाताओं में देखने को मिला है।
राजस्थानियों को जड़ों से जोड़े रखने की सफल कोशिश
लोकसभा चुनाव में भजनलाल शर्मा समेत बीजेपी व कांग्रेस के कई के प्रादेशिक नेताओं ने अलग-अलग राज्यों में मोर्चा संभाला, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा भजनलाल शर्मा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी और अपने उम्मीदवारों का जमकर प्रचार किया, और उनकी जीत सुनिश्चित करने का प्रयास भी किया। फिर, राजस्थान में 26 अप्रेल को दूसरे दौर का मतदान संपन्न होते ही अगले महीने भर का चुनावी कार्यक्रम तय किया। वे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाड़ु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडीशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड आदि के दौरों पर गए। जहां राजस्थानी बहुत इलाकों में उन्होंने जमकर प्रचार किया और राजस्थानी समाज को बीजेपी से जोड़े रखने में हर संभव कोशिश करके सफलता प्राप्त करते दिखे। मुख्यमंत्री की विभिन्न प्रदेशों के दौरों की जब योजना बनी, तो कुल 10 प्रदेशों में 52 जनसभाओं और रोड़ शो के कार्यक्रम बने, लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री चुनाव मैदान में उतरे तो न केवल प्रदेशों की संख्या में भी इजाफा होता रहा बल्कि जनसभाओं का आंकड़ा भी बढ़ा और रोड़ शो में आनेवाले लोगों की संख्या भी जबरदस्त रही।
राजस्थानियों को केंद्र में रखने के परिणाम प्रभावी रहेंगे
प्रदेश के किसी भी अन्य राजनेता के मुकाबले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के चुनावी दौरों की देश भर में चर्चा है। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार कहते हैं कि इस चुनाव को एक अवसर मानकर अपनी राजनीतिक छवि को पहले से ज्यादा मजबूत करने में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सफल रहे है। परिहार कहते हैं कि मुख्यमंत्री शर्मा ने मुख्य रूप से राजस्थानी समाज पर फोकस करके जो चुनावी दौरे किए, उनके नतीजे ज्यादा सकारात्मक रहेंगे। हालांकि देश भर में सचिन पायलट की सभाओं के बारे में कांग्रेस के एक वर्ग द्वारा सबसे ज्यादा संख्या प्रचारित की जा रही है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक परिहार बताते हैं कि पायलट लोकप्रियता की दौड़ में आगे हो सकते हैं, लेकिन राजस्थानी नेता के रूप में राजस्थानी समाज के बीच चुनावी रूप से राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ज्यादा प्रभावी साबित हो रहे हैं। परिहार बताते हैं कि देश में बीजेपी की नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोकप्रियता निश्चित रूप से भजनलाल शर्मा से ज्यादा थी, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में श्रीमती राजे केवल अपने बेटे दुष्यंत सिंह को जिताने की कोशिश में झालावाड़ क्षेत्र तक ही सीमित रही और वैसे भी, मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से साफ लग रहा था कि इस बार के लोकसभा चुनाव में राजे की कोई खास रुचि नहीं दिख रही थी।
प्रवासियों में शर्मा ने की अन्य सीएम से ज्यादा मेहनत
महाराष्ट्र सहित देश के कई प्रदेशों में बीजेपी और समर्थक दलों के उम्मीदवारों के प्रचार में पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वहां के प्रवासी राजस्थानी समाज से भी अपना जुड़ाव कायम किया। मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार हरिसिंह राजपुरोहित कहते हैं कि बरसों बाद भजनलाल शर्मा के रूप में महाराष्ट्र में राजस्थान के किसी भी मुख्यमंत्री ने इतने व्यापक पैमाने पर जनसामान्य से संपर्क साधने की कोशिश की। हरिसिंह कहते हैं कि मुंबई के प्रवासी समाज में अशोक गहलोत की लोकप्रियता सबसे ज्यादा है, लेकिन भजनलाल शर्मा ने जनसभाओं, रोड़ शो, सामाजिक – व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मुलाकातों और कई जाने माने लोगों के घर – घर जाकर मुंबई, पुणे व औरंगाबाद आदि में जो मेहनत की है, वह उनसे पहले बीजेपी के किसी मुख्यमंत्री ने नहीं की। बीते 20 साल से मुंबई की पत्रकारिता में सक्रिय हरिसिंह बताते हैं कि राजस्थान के दिग्गज नेता के रूप में पहली बार में ही मुंबई में भजनलाल शर्मा ने लोगों से अपना सीधा कनेक्शन स्थापित कर लिया है, जो आने वाले दिनों में उनके व बीजेपी दोनों के लिए ताकतवर साबित होगा। मुंबई के परस्पर विरोधी भाजपाई नेताओं को भी राजस्थानी समाज में एकमंच पर लाने में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शर्मा कामयाब रहे।
संगठनात्मक क्षमता का गजब परिचय दिया मुख्यमंत्री ने
राजस्थान में पहली बार विधायक और सीधे के मुख्यमंत्री बनने वाले भजनलाल शर्मा से न तो राजनीति से जुड़े लोगों को और न ही उनकी पार्टी बीजेपी (BJP) को इतनी बड़ी उम्मीद थी। राजस्थान की सभी 25 सीटों पर पर दो चरणों में मतदान के बाद के मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रदेश के बाहर भी धुंआधार प्रचार किया और बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अबकी बार 400 पार’ के लक्ष्य की मजबूती के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरी ताकत ताकत झोंकी। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री शर्मा ने एक महीने में प्रदेश के नेताओं में सबसे ज्यादा 90 सभा व रोड शो किए। मुख्यमंत्री के कंधों पर ज्यादा सक्रियता का भार इसलिए भी रहा क्योंकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी स्वयं चितौड़ से चुनाव मैदान में थे, और ऐसे में उनके बाहर निकलने की कम संभावना के कारण मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ही ज्यादा सक्रिय रहे। दरअसल, मुख्यमंत्री बनने से पहले भजनलाल शर्मा राजस्थान में बीजेपी के चार प्रदेश अध्यक्षों के साथ संगठन महामंत्री रहे हैं और इसी वजह से उनकी सांगठनिक क्षमता का कोई सानी नहीं है। उनकी सक्रिता के चर्चे देश भर में हैं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में संगठनात्मक दृष्टि से भजन लाल शर्मा काफी सक्रिय रहे।
-आकांक्षा कुमारी
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