Rajasthan: हमारा राजस्थान इस समय एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। मरुभूमि की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के मध्य सदियों तक अपनी जीवटता साबित करने वाला प्रदेश आज नीतिगत सुधार, पारदर्शी शासन और जनभागीदारी के बल पर देश का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बनकर उभर रहा है। यह बदलाव आठ करोड़ राजस्थानवासियों के सामूहिक श्रम, उम्मीद और दूरदर्शिता से रची गई नई विकास यात्रा का परिणाम है। राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में तीव्र गति से नीतियों में सुधार, प्रशासनिक सरलीकरण और बुनियादी ढांचे का विस्तार कर निवेशकों के बीच नया विश्वास पैदा किया है। राजस्थान अब घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि “घोषणा से क्रियान्वयन” की दिशा में ठोस और परिणामकारी कदम उठा रहा है। प्रशासन का निवेशकों का सहयोगी बनकर कार्य करने से न केवल निवेश बढ़ा है बल्कि उद्योग स्थापित करने की प्रक्रियाओं में गति और पारदर्शिता आई है। राजस्थान की सिंगल-विंडो प्रणाली, समयबद्ध अनुमोदन प्रक्रिया और निवेश प्रोत्साहन नीतियों ने उद्यमियों का भरोसा मजबूत किया है। डीपीआईआईटी (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड) के बिज़नेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान 2024 में व्यवसाय प्रवेश, श्रम नियमन, पर्यावरण पंजीकरण और सेवा क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया है। यह इस बात का प्रमाण है कि राज्य ने सुधारों को जमीन पर उतारा है।
उद्योगों की नई धरती बनता राजस्थान
राइजिंग राजस्थान समिट के तहत हुए 35 लाख करोड़ रुपए के समझौतों में से अब तक 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग हो चुकी है। यह किसी भी राज्य के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। सरकार उद्योगों को केवल आमंत्रित नहीं कर रही, बल्कि उन्हें हर संभव सहायता, आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुव्यवस्थित प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध करा रही है। इससे उद्यमी न केवल सुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि राज्य के विकास में गर्व से भागीदार भी बन रहे हैं। सौर, पवन और अब ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्रों में राजस्थान देश ही नहीं, दुनिया के लिए मॉडल बन रहा है। राज्य की भूमि, धूप और हवा जैसी प्राकृतिक शक्तियां अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ रही हैं। ऊर्जा आत्मनिर्भरता को लक्ष्य बनाकर जो प्रयास शुरू हुए हैं, वे आने वाले वर्षों में उत्पादन, भंडारण, ट्रांसमिशन और निर्यात तक विस्तृत नए उद्योगों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इस हरित ऊर्जा क्रांति से राजस्थान की अर्थव्यवस्था में एक स्थाई, व्यापक और हरित विकास का अध्याय जुड़ रहा है। राजस्थान में उद्योग अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहे। छोटे शहरों और कस्बों में भी औद्योगिक गतिविधियां तेज हुई हैं। एमएसएमई नीति और क्लस्टर विकास के कारण हजारों छोटे उद्यम तेजी से आगे बढ़े हैं। खनन, विनिर्माण, कृषि प्रसंस्करण, आईटी और सेवा क्षेत्र में निरंतर विस्तार हो रहा है। स्थानीय कारीगरों, शिल्पियों और युवा उद्यमियों को नए बाजार और नए अवसर मिल रहे हैं। यह बदलाव राजस्थान को “उद्योगों की नई धरती” के रूप में स्थापित कर रहा है।

गांवों और किसानों पर विशेष ध्यान
राजस्थान की पहचान उसकी संस्कृति, लोक कला, किलों, महलों और रेगिस्तानी सौंदर्य में बसती है। राज्य सरकार पर्यटन को नया स्वरूप देकर इसके वैश्विक आकर्षण को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। हेरिटेज होटल, धार्मिक पर्यटन, डेजर्ट एडवेंचर, ईको-टूरिज्म और डेस्टिनेशन वेडिंग जैसे क्षेत्र निवेश और रोजगार दोनों को नई ऊंचाई दे रहे हैं। राजस्थान की विकास यात्रा का केंद्र अब गांव और किसान हैं। कृषि प्रसंस्करण, कोल्ड-चेन, डेयरी, जैविक खेती और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दी जा रही है। किसानों को सीधे बाजार और उद्योगों से जोड़ने की योजनाएं उनकी आय को स्थिर और मजबूत बना रही हैं। साथ ही, आयुष, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के बढ़ते प्रभाव के साथ राजस्थान स्वास्थ्य पर्यटन का नया केंद्र बनकर उभर रहा है। इससे न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के नए द्वार भी खुल रहे हैं। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, टेक्सटाइल नीति, लॉजिस्टिक्स नीति, डिजिटल मनोरंजन नीति, निर्यात प्रोत्साहन नीति और आधुनिक विनिर्माण नीति आदि सुधारों ने उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। इन नीतियों में स्पष्टता, स्थिरता और भविष्य की दृष्टि शामिल है, जो निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। राज्य की नई सोच मानव संसाधन निर्माण पर केंद्रित है। कौशल विकास कार्यक्रमों से प्रशिक्षित युवा उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और शहरी सेवाओं में की गई नई पहलें सामाजिक संतुलन और जीवन स्तर में सुधार ला रही हैं। यह व्यापक दृष्टिकोण राजस्थान को केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्त बना रहा है।

निवेश के स्वर्णकाल के द्वार पर राजस्थान
राजस्थान इस समय निवेश के स्वर्णकाल की दहलीज पर खड़ा है। विश्वास विकास में बदल रहा है, संभावनाएं वास्तविकता में बदल रही हैं। आत्मविश्वास से भरा, आधुनिक, प्रगतिशील और विश्वस्तरीय नया राजस्थान गढ़ा जा रहा है। आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन होगा, बल्कि निवेश, नवाचार और ज्ञान साझेदारी का भी बड़ा मंच बनेगा। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, उद्यमी और प्रवासी राजस्थानी इसमें भाग लेकर विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। यह आयोजन प्रवासी राजस्थानियों के साथ जुड़ाव को और मजबूत करेगा। यहां नीति है, स्थिरता है, सहयोग है और सबसे बड़ी बात विश्वास है।राजस्थान अब केवल संभावनाओं की भूमि नहीं, बल्कि उन संभावनाओं को साकार करता हुआ भविष्य का नया प्रदेश बन रहा है।राज्य सरकार निवेशकों, उद्यमियों, विशेषज्ञों और प्रवासी राजस्थानियों को आमंत्रित कर कह रही है “आइए, निवेश करें, नवाचार करें और राजस्थान के नए भविष्य के सहभागी बनें।”
– भजनलाल शर्मा
(लेखक राजस्थान के मुख्यमंत्री है)
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