UAE Hindu Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत (India) की कूटनीति सफलता के मामले में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में मंदिर स्थापना को विदेशों में सबसे आश्चर्यजनक कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक कुशलता के कई उदाहरण हैं, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़े मंदिर का निर्माण उनमें सबसे उत्कृष्ट है। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से अबू धाबी में निर्मित विशाल हिंदू मंदिर (UAE Hindu Temple) का 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी पर प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया। इस मंदिर के निर्माण की तैयारी और, सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस्लामिक देश की सरकार ने इसके लिए सन 2015 में भूमि आवंटन किया था। भारत की इस कूटनीतिक सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।
विशाल हिंदू मंदिर से यूएई में बढ़ा भारतीय गौरव
यह विशाल हिंदू मंदिर भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों की गहराई और यूएई में भारतीय प्रवासियों की ताकत सा समृद्ध उदाहरण माना जा सकता है। अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर भारत को भारतीय संस्कृति में प्रवासी संबंधों और विदेशों में सनातन संस्कृति एवं आध्यात्मिकता के विकासशील केंद्रों के प्रति समर्पण का एक उल्लेखनीय उदाहरण कहा जा सकता है। इस विशाल हिंदू मंदिर के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात में कई हिंदू और बौद्ध मंदिर और गुरुद्वारे भी हैं, जिनमें शिव मंदिर (दुबई), श्रीकृष्ण हवेली (दुबई), श्रीनाथ मंदिर (दुबई), शिरडी साईं बाबा मंदिर (दुबई), गीता शांघा (शारजाह) शामिल हैं। ), एसएमवीएस मंदिर (दुबई), गुरुद्वारा माता साहिब कौरजी (अबू धाबी), गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा (दुबई), महामेवनावा बौद्ध मंदिर (दुबई), लंकारामया बौद्ध मंदिर (दुबई) आदि छोटे छोटे भारतीयों के श्रद्धा केंद्र पहले से ही हैं, लेकिन इस लए विशाल हिंदू मंदिर ने इस्लामिक देश में भारतीय गौरव पताका को ज्यादा ऊंचाई बख्शी हैं।
यूएई के साथ कूटनीतिक संबंधों का मजबूत विस्तार
अबू धाबी भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक और तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। संयुक्त अरब अमीरात में 3.5 मिलियन भारतीय प्रवासी यकीनन किसी एक देश के मानक के हिसाब से सबसे बड़ी संख्या में हैं। भारत की सॉफ्ट पावर कूटनीति भारतीय विरासत, संस्कृति और सभ्यता में भारतीय प्रवासियों के महान गौरव की भावना को फिर से मजबूत करने और एक धार्मिक प्रक्रिया के रूप में ‘भारतीयता’ के वैश्विक पुनरुत्थान को बढ़ावा देने में सहायक रही है जो शांति, सार्वभौमिक कल्याण व पारस्परिक सम्मान में विश्वास करती है। दुबई के निवेश मंत्रालय और भारत सरकार के बीच स्वास्थ्य देखभाल, नवीकरणीय ऊर्जा, फूड पार्क, एयरोस्पेस, बंदरगाह और अन्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में हाल ही में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के माध्यम से दोनों पक्षों के उत्साह की भावना परिलक्षित होती है। हाल के अलावा, निर्यात-आयात, बंदरगाह बुनियादी ढांचे, रियल एस्टेट, कृषि, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, रक्षा उपकरण, हर्बल दवा आदि में भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों ने जुड़ाव के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
विदेशों में मोदी की जबरदस्त लोकप्रियता का कमाल
मंदिर के उद्घाटन से ठीक एक दिन पहले 13 फरवरी को अबू धाबी के शेख जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में ‘अहलान मोदी’ यानी ‘हैलो मोदी’ का आयोजन अपना आप में ऐतिहासिक आयोजन कहा जा सकता है। इस आयोजन की सफलता से यह भी पता चलता है कि भारतीय प्रधान मंत्री को प्रवासी भारतीयों के बीच कितनी लोकप्रियता हासिल है। अबू धाबी में हिंदू मंदिर के उद्घाटन में प्रवासी समुदाय के उत्साह और उत्साह ने इस धार्मिक और सभ्यतागत लहर को बढ़ाया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत विश्वगुरु बनने के लिए तैयार है, जो भारतीय प्रवासियों के बीच आत्मविश्वास की मजबूत भावना को मजबूत करते हुए क्षेत्रीय स्थानियता को पार करते हुए अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान स्थान का गहराई से विस्तार कर रहा है।
-राकेश दुबे
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