Rajasthan Assembly Election | Niranjan Parihar | Jaipur
Rajasthan Assembly Election में पूर्व मुख्यमंत्री Vasundhara Raje अपने रिटायरमेंट की खबरों के कारण एक बार फिर से चर्चा में हैं। वसुंधरा राजे ने पहले तो कहा कि वे राजनीति से रिटायर हो सकती हैं और बाद में उसी बयान को पलटते हुए यह भी कहा कि वे रिटायर नहीं हो रही हैं। चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के एक अप्रत्याशित बयान के बाद राजस्थान BJP में मुख्यमंत्री पद की होड़ एवं वसुंधरा के वजूद के बने रहने पर एक बार फिर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है। श्रीमती राजे ने झालरापाटन से BJP उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकान पत्र प्रस्तुत करने के बाद कहा कि मैं रिटायर नहीं हो रही हूं। जबकि एक दिन पहले झालावाड़ में जनसभा में ने कहा कि मैं रिटायर हो सकती हूं। Vasundhara Raje के दो दिन में दो बयानों को BJP में चल रही मुख्यमंत्री पद की होड़ के रूप में देखा जा रहा है।
झालारापाटन के बालाजी मंदिर में शनिवार को पूजा अर्चना और आरती के बाद नामांकन दाखिल करने पहुंची पूर्व मुख्यमंत्री Vasundhara Raje ने नामांकन के लिए अपने मुहूर्त का समय होने की वजह कुछ देर इंतजार किया और बाद में बातचीत के दौरान राजे ने खुद के रिटायरमेंट वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कहा कि रिटायर मैं नहीं हो रही हूं। राजे ने सफाई दी कि तब मैंने एक मां के रूप में ये बात कही थी कि अपने बेटे दुष्यंत से कही थी, जो अब जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। Rajasthan Assembly Election के माहौल में राजे के दो दिन में दो बयानों से बीजेपी में सियासी चर्चा तेज हो गई कि Vasundhara Raje क्या मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर होने जा रही है या इस रेस में बने रहना चाहती हैं और कईओं को संदेश भी देना चाहती हैं।
मुख्यमंत्री पद की चर्चा को तेज कर दिया है
पूर्व मुख्यमंत्री राजे के इस बयान के बीच जयपुर में झोटवाड़ा से प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की नामांकन सभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राठौड़ का नाम लेकर कहा कि BJP इन्हें सांसद से विधायक बनाने के लिए चुनाव नहीं लड़ा रही है। BJP ने इनके लिए कुछ सोच रही है। जितेन्द्र सिंह के इस बयान बाद इसी तरह की बात उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी राठौड़ की नामांकन रैली में कही। इससे Rajasthan Assembly Election के बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक चर्चाएं और तेज हो गई, जिसमें राजे के बयान को भी नए नजरिये से देखा जा रहा है।
Rajasthan Assembly Election ज्यादा टिकट राजे समर्थकों को
उल्लेखनीय है कि BJP ने इस बार Rajasthan Assembly Election में मुख्यमंत्री के लिए किसी का भी चेहरा चेहरा घोषित नहीं किया है। चुनाव से पहले Rajasthan में पार्टी के लिए न तो पूर्व मुख्यमंत्री Vasundhara Raje का और न किसी अन्य नेता का नाम अभी तक आगे किया है। इसी कारण यह अंदाज लगाया जा रहा है कि BJP अगर सत्ता में आती है तो क्या Vasundhara Raje को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या वे इस पद पर अपना दावा जताएंगी। एक और, तीसरा कोण यह भी है कि राजनीति से रिटायरमेंट वाली बात कह कर राजे इस रेस से हट रही है। लेकिन राजे के अपने बयान से पीछे हटने के बाद लग रहा है कि वे BJP के मुख्यमंत्री पद की रेस में बराबर शामिल हैं वहीं जितेन्द्र सिंह और केशव प्रसाद मौर्य के बयान ये भी इशारा कर रहे हैं कि BJP की नजर इस पद के लिए युवा चेहरे पर है। हालांकि जिस हालात में राज्यवर्धन सिंह राठोड़ को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटना पड़ा था और उनके हटने के बाद जिस तरह की चर्चाएं इनके बारे में रहीं, उनको याद करें, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश भर में औबीसी को ताकत देने के मूड को देखें, तो तो राज्यवर्धन का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है, लेकिन राजनीति में सब कुछ संभव है।
हालांकि बीजेपी की ओर से Rajasthan Assembly Election के लिए प्रदेश की 200 सीटों पर वर्तमान में घोषित सभी उम्मीदवारों में से करीब 70 उम्मीदवार राजे समर्थक हैं। पूरे Rajasthan में उनका राजनीतिक वजूद सबसे ज्यादा है साथ ही प्रदेश में वे BJP की सबसे बड़ी नेता भी हैं, इसके बावजूद बीजेपी के सत्ता में आने पर क्या राजे सीएम होगी या अभी तक ये तय नहीं है। मगर उनके दो ताजा बयानों ने उन्हें फिर से रेस में रखा है और रेस से बाहर होने के भी संकेत भी दिए हैं। वैसे, होने और न होने के बीच की सियासी अधरझूल में भी अपने मुश्किल रास्तों की आसानियों को सहेजना राजे को अच्छी तरह आता है, यह सभी जानते हैं।