Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस (Congress) महासचिव सचिन पायलट (Sachin Pilot) इस बार जयपुर आए, तो राजस्थान (Rajasthan) की सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने भजननलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी (BJP)सरकार पर साल भर में कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से विफल है। बीजेपी ने जनता से विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किए थे, वो धरातल पर दिख भी नहीं रहे। उन्होंने पुलिस एसआई भर्ती पर भी सरकार की खिंचाई की।
सरकार कन्फ्यूज़न में, इसीलिए ब्यूरोक्रेसी हावी
कांग्रेस महासचिव पायलट का मीडिया से कुछ खास नाता है। वे जब जब जयपुर आते हैं, तो पत्रकारों से जरूर मिलते हैं, बात करते हैं, सलाह लेते हैं और कुद को अपडेट करते हैं। वे 13 जनवरी को भी जयपुर आए, तो पत्रकारों से मिले थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कन्फ्यूज़न में है और किसी भी तरह के निर्णय ले नहीं पा रही है। इस सरकार में कई पावर सेंटर हैं, तो ब्यूरोक्रेसी हावी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की घोषणा करने के मामले में भी बैकफुट पर आ गयी है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर जब सराकरी एजेंसियं कह रही है, मंत्रिमंडल के लोग कह रहे हैं फिर भी सरकार भर्ती रद्ध नहीं कर रही, तो आखिर कारण क्या है। संभाग ज़िलों को ख़त्म करके जनता के हितों के साथ कुठाराघात किया गया है।

विधानसभा में सरकार को घेरेंगे
कांग्रेस महासचिव पायलट ने अगले विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने की बात भी कही और राजस्थान में 9 जिले और तीन संभाग को खत्म करने पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। भाजपा की संविधान यात्रा को लेकर भी पायलट मुखर हुए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ किया है, वे लोग संविधान बचाने की यात्रा क्यों निकाल रहे हैं, यह जनता को समझना होगा। पायलट ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बार के विधानसबा सत्र में प्रदेश में बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा, कानून व्यवस्था और जिलों व संभागों को खत्म करने के साथ ही अंग्रेजी मीडियम के महात्मा गांधी स्कूलों को बंद करने जैसे कई मुद्दों को विधानसभा में पूरी ताकत से उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी।

संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग
केंद्र में नरेंद्र मोदी और प्रदेश में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकारों पर जमकर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता पायलट ने कहा कि जनता को समझना होगा कि कैसे धीरे धीरे देश में चुनाव जीतने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। संवैधानिक संस्थाओं के महत्व को ख़त्म किया जा रहा है। उन्होंने सामान्यजन को इंगित करते हुए कहा कि देश में संवैधानिक संस्थाओं को बचाने में राजनीतिक दलों के साथ जनता की बड़ी भूमिका है। हमें नाउम्मीद नहीं होना है। सचिन पायलट इससे पहले भी सरकार और बीजेपी के खिलाफ मुखर रहे हैं। जब बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा था कि – जब तक अशोक गहलोत थे, सचिन पायलट भी थे, लेकिन उनके जाने के बाद अब सचिन पायलट भी जा चुके हैं। अब टोंक की कहानियां बदल चुकी हैं और लोग अब पायलट को जमीन में गाड़ चुके हैं। प्रदेश का गुर्जर समाज अब कांग्रेस या पायलट के साथ नहीं है, बल्कि भाजपा के साथ है।” तो सचिन पायलट ने विनमर्तापूर्वक कहा था कि राजनीति में विरोध की एक मर्यादा होती है। विचारों का विरोध हो सकता है लेकिन भाषा की गरिमा जरूरी है। हम उस कांग्रेस पार्टी से हैं जिसका 130 सालों का इतिहास रहा है। हम सत्ता पक्ष और विपक्ष सबको साथ लेकर चलने वाले लोग हैं। हमने भी बड़े से बड़े नेताओं का वैचारिक तौर पर विरोध किया है, लेकिन भाषा का स्तर और मर्यादा का हमेशा खयाल रखा है। अब पायलट एक बार फिर राजस्थान सरकार के खिलाफ जनकर बोले हैं, तो देखते हैं कि बीजेपी या सरकार में से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।
-राकेश दुबे
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