Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र के मतदाताओं ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को तगड़ा समर्थन देते हुए उद्धव ठाकरे और शरद पवार सहित कांग्रेस गठबंधन को करारा झटका दिया है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस को जबरदस्त सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव मैदान में हारते दिख रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार कहते हैं कि महाराष्ट्र की जनता बार बार बदलती सरकारों से आजिज आ चुकी थी, क्योंकि विकास रुका हुआ था तथा राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण से देश की आर्थिक धुरी वाले सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश की देश में में छवि खराब हो रही थी, इसी कारण बीजेपी गठबंधन को प्रदेश की प्रजा ने स्पष्ट बहुमत देकर चुनाव जिताया है। महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार संदीप सोनवलकर का मानना है कि संघ परिवार के नेतृत्व में बीजेपी ने शुरू से ही अपनी चुनावी रणनीति में स्थानीय राजनीति की ताकत को मजबूत करने की कोशिश को केंद्र में रखा।
महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना शिंदे और एनसीपी अजीत पवार की महायुति को सरकार बनाने का अवसर मिलता दिख रहा है। तस्वीर साफ है कि अब महायुति की उन रणनीतियों की चर्चा होगी कि आखिर वो कौन से कारण हैं, जिसके कारण उसे दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हुई और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन महाविकास आघाड़ी को शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ रहा है।
बीजेपी की एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति बेहद सफल रही। इससे विकास योजनाओं को गति मिली और सरकारी योजनाएं लोगों तक पहुंची, तो लोगों को लगा कि प्रदेश में एक स्थायी सरकार बेहद जरूरी है। जबकि इसके उलट उद्धव ठाकरे ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद जनता की भलाई के लिए कुछ खास नहीं कर सके। लोगों की राय में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के तौर पर केंद्र की परियोजनाओं में सहयोग करना था, जबकि वे बुलेट ट्रेन और मुंबई शहर में मेट्रो ट्रेन के विकास जैसी लोगों की बेहद पहली जरूरतों की परियोजनाएं में भी रोड़े अटकाते रहे।
-राकेश दुबे