Rohiri Festival: राजस्थान के सर्वाधिक चर्चित विधायक रविंद्र भाटी (Ravindra Bhati) और उनके समर्थकों में भयंकर नाराजगी है। राज्य सरकार ने भाटी द्वारा आयोजित किया जाने वाला ‘रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल’ रद्ध कर दिया है। रविंद्र भाटी ने कहा कि यह उनके राजनीतिक विरोधियों का षड्यंत्र है, भाटी के इस तरक में दम है। भाटी राजस्थान के सीमावर्ती इलाके बाड़मेर (Barmer) जिले में शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जमानत जब्त करवाने के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी के केंद्रीय मंत्री के तीसरे नंबर पर रहने का कारण रहे हैं। राजस्थान की भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार द्वारा रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल रद्ध किए जाने से सरकार से भाटी का टकराव बढ़ गया है। भाटी अपने विधानसभा क्षेत्र के रोहिडी गांव में 12 जनवरी को युवा दिवस पर ‘रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल ’ करना चाह रहे थे। उनका तर्क है कि इससे पर्यटन पनपता, रोजगार मिलता और राजस्थान की लोक संस्कति को नए आयाम मिलते। लेकिन सरकार ने 8 जनवरी को सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट का कारण बताकर अनुमति खारिज कर दी। लेकिन वास्तविक कारणों में जाएं, तो इसके पीछे शुद्ध राजनीतिक कारण ही संभव हैं। लोग इसी कारण बेहद नाराज हैं।
भाटी की बढ़ती ताकत, चढ़ता टकराव
रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल रद्ध करने के पीछे राजनीतिक द्वेष की भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। दरअसल, बीजेपी से भाटी की अदावत साल भर में ही बड़ी गहरी हो गई है। भाटी अभी महज 27 साल के हैं और उनकी तेजी से बढ़ती राजनीतिक ताकत की वजह से बीजेपी व कांग्रेस दोनों परेशान है। देखा जाए, तो बाड़मेर की राजनीति में रविंद्र भाटी अकेले युवा नेता हैं, जो अपने दम पर विधायक चुनकर आए हैं। शिव विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार स्वरूप सिंह खारा की भाटी के सामने जमानत जब्त हुई थी। हालांकि चुनाव से पहले भाटी बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन टिकट नहीं मिला तो वे शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े और बीजेपी की जमानत जब्त करवाकर वहां से जीते। भाटी ने बाद में लोकसभा चुनाव भी निर्दलीय लड़ा, जिसमें 5 लाख 86 हजार 500 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे और बीजेपी के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी 2 लाख 86 हजार 733 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। भाटी की वजह से बाड़मेर से कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल को जीत हासिल हुई। बीजेपी इसीलिए भाटी से नाराज है, लेकिन भाटी समर्थकों का कहना है कि इसमें जनता का क्या दोष। रोहिड़ी फेस्टिवल तो जनता के लिए था।

पर्यटन पनपेगा, तो याद आएंगे भाटी
विधायक रविंद्र सिंह भाटी युवा हैं और नई सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार मानते हैं कि इस इलाके में जैसलमेर के सम की तरह बाड़मेर के रोहिड़ी में स्थित रेतीले धोरों में पर्यटन को बढ़ावा देने में भाटी का यह आयोजन वास्तव में नए रोजगार सृजन करता तथा रेत के धोरों में पर्यटन की नई पौध भी पसरती। परिहार कहते हैं कि सरकार ने भले ही रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल को नहीं होने दिया हो, लेकिन ने वाले सालों में जब भी इस इलाके में पर्यटन का विकास होगा, यहां के धोरों में जो संगीत गूंजेगा, उसमें रविंद्र सिंह भाटी की सोच सभी को साफ सुनाई देगी। क्योंकि उनसे पहले इस दिशा में किसी भी राजनीतिक ने कभी सोचा तक नहीं। राजनीतिक विश्लेषक परिहार कहते हैं कि बाड़मेर जिला पर्यटन संभावनाओं से समृद्ध होने के बावजूद जैसलमेर से काफी पीछे है। पर्यटन की दृष्टि से भी रविंद्र सिंह भाटी की युवा सोच से सजा यह बहुचर्चित रोहिड़ी म्य़ूजिक फेस्टिवल इस इलाके को नए आयाम देता। बाड़मेर के पत्थरों पर की गई कारीगरी के लिए मशहूर कलात्मक मंदिर किराडू, और रोहिड़ी के धोरे और यहां का लंगा संगीत जो संभावनाएं रचता, उसी पर सरकार ने रोक लगा दी है। इस कार्यकम के निरस्त होने से इस इलाके के लोगों में काफी निराशा हैं।

भाटी बोले, विरोधियों की साजिश
रोहिड़ी गांव भारत पाक सीमा से महज 5 किलो मीटर दूरी पर रेतीले धोरों वाला बेहद खूबसूरत गांव है। यह गांव गड़रा रोड़ इलाके में है। रविंद्र सिंह भाटी वहीं पर 12 जनवरी को युवा दिवस के दिन रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल नाम से एक कार्यक्रम आयोजित करने वाले थे। बाड़मेर के जिला प्रशासन में लेकर गडरारोड़ के एसडीएम ने 12 जनवरी को युवा दिवस के मौके पर रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल के आयोजन की परमिशन दी थी। इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा लोक कलाकार और बड़ी संख्या में लोग शामिल होने वाले थे। रविंद्र भाटी की टीम बड़े ही उत्साह के साथ इस कार्यकम के प्रचार-प्रसार में लगी थी। लेकिन जिला कलेक्टर ने 8 जनवरी को परमीशन निरस्त कर दी। विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा है कि कि यह उनके राजनीतिक विरोधियों का षड्यंत्र है। रोहिड़ी महोत्सव के परमिशन को लेकर दो महीने पहले आवेदन किया गया था, जिस पर प्रशासन ने 31 दिसंबर को अनुमति दी। इसके बाद ही आयोजन कीर तैयारियां शुरू की गई थी। भाटी कहते हैं कि बाड़मेर की लोक कला, संस्कृति और रोहिड़ी के रेतीले धोरों पर पर्यटकों लुभाने का ऐतिहासिक कार्यक्रम होना था। लेकिन मेरे राजनीतिक विरोधियों ने इस आयोजन में अड़ंगा डालकर अनुमति निरस्त करवा दी। भाटी का कहना है कि बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा जिलों की जनता के हितों पर कुठाराघात है। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता स्वरूप सिंह खारा ने इसी तरह का एक कार्यक्रम भारत पाकिस्तान सीमा के पास बाखासर इलाके में आयोजित किया था, जिस पर प्रशासन ने कोई आपत्ति नहीं की थी। इसी वजह से राजस्थान की बीजेपी सरकार को इस मामले में बदनामी झेलनी पड़ रही है।