राजस्थान में इसी साल नवंबर महीने के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस और बीजेपी, दोनों में से किसी की भी सरकार आ जाए, तो दोनों पार्टियों में अगला मुख्मंत्री कौन बनेगा। वैसे तो चांस धीरे धीरे कम होते जा रहे हैं, फिर भी कांग्रेस की सरकार आती है, तो उसमें निर्विवाद रूप से केवल दो ही नेता हैं, अशोक गहलोत और सचिन पायलट। कांग्रेस की सरकार आई, तो इन्हीं दो में से कोई मुख्मंत्री बनेगा। लेकिन बीजेपी में तो लगभग दर्जन भर नेता मुख्यमंत्री बनने की कतार में हैं। कांग्रेस में आज की स्थिति में सबसे प्रबल दावेदार तो केवल अशोक गहलोत ही हैं, तथा माना जा रहा हैं कि बीजेपी को हराकर फिर से कांग्रेस की सरकार बनती है, तो अगले मुख्यमंत्री वे ही होंगे। हालांकि, राजस्थान में एक बड़ा तबका अगली सरकार बीजेपी की बनने की भावना रखता है, लेकिन कांग्रेस की सरकार आने पर यह तबका भी गहलोत के ही मुख्यमंत्री बनने की बात कहता है।
वैसे, देखा जाए तो राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों में चुनावी चौपड़ बिछ चुकी है। दोनों पार्टियों में बार जो भी दिख रहा है, अंदरूनी राजनीति में उबाल बहुत ज्यादा है। कांग्रेस में सचिन पायलट लगातार साढ़े चार साल तक अपनी ही सरकार का विरोध करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष सरेंडर हो चुके हैं, तथा कोशिश कर रहे हैं कि अगली सरकार कांग्रेस की आए, तो वे कैसे भी करके मुख्य़मंत्री बन जाएं। जबकि अशोक गहलोत राजनीति के जादूगर कहे जाते हैं। उनकी कोशिश है कि सरकार फिर से कांग्रेस की ही आए और टिकट ऐसे बांटे जाएं कि उनके समर्थक विधायक ही सबसे ज्य़ादा जीतें तथा पूरा नाव ही सरकारी लाभकारी योजनाओं के बूते पर लड़ा जाए, तोकि पायलट कहीं भी चुनावी तस्वीर में ही नहीं दिखे। वैसे भी पिछले महीने भर से सचिन पायलट पूरी तरह से साथ है तथा किसी भी राजनीतिक गतिविधि में नकी आक्रामकता कहीं दिखाई नहीं दे रही है। राजस्थान की राजनीतिक तस्वीर में फिलहाल सचिन पायलट कहीं नहीं हैं और केवल गहलोत ही गहलोत हर तरफ दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस की सरकार फिर आई, तो गहलोत ही फिर से मुख्यमंत्री होंगे, तथा इसी बात का कांग्रेस को लाभ भी मिल रहा है। क्योंकि गहलोत की छवि एक जननेता की है तथा वे ही इस चुनाव को अपने कंधों पर उठाकर जीत की तरफ बढ़ते देख रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार गहलोत सरकार के टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट कार्ड के हवाले से कहते हैं कि 43% लोग फिर से गहलोत को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और 39% लोग सरकार से अत्यधिक खुश हैं। परिहार कहते हैं कि इसी से समझा जा सकता है कि कांग्रेस की सरकार आई, तो अगला मुख्य़मंत्री फिर गहलोत ही होंगे। राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार सुशांत पारीक का कहना है कि राजस्थान में भाजपा सहित अन्य दल चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव के बाद के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी अभी से बना ली है। पारीक का कहना है कि गहलोत की इस कोशिश को भविष्य के नजरिये से देखकर बहुत कुछ साफ नजर आता है। राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार अंकित तिवाड़ी मानते हैं कि सचिन पायलट के नजदीक वाले लोग उनसे दुखी है, इस दुख का कारण बताते हुए वे कहते हैं कि पायलट के नजदीकी लोग कह रहे है जब किसी पर कष्ट आता है, विपदा आती है और पायलट की जरूरत समर्थकों को पड़ती है, जरूरत आने पर वो साथ नहीं रहते। वे राजेंद्र गुढ़ा का उदाहरण देते हैं।