Maldives: मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू रविवार रात सारी राजनीतिक बाधाओं से निजात पाकर अपनी बीवी साजिदा अहमद के साथ जब चीन रवाना हो ही रहे थे, कि लक्षद्वीप (Lakshadweep) धमाका उनकी नई परेशानी का कारण बनने का इंतजार कर रहा था। मोहम्मद मुइज़्ज़ू को इस बात का कतई अंदाज नहीं था कि भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लक्षद्वीप जाने पर मालदीव के मंत्रियों को लगी मिर्ची का ये धमाका उनके लिए परेशानी का सबब बनने वाला है। भारतीय भड़क रहे हैं, मालदीव (Maldives) की उड़ानें निरस्त हो रही हैं, लोग वहां जाने से डरने लगे हैं, जिनकी बुकिंग हैं, वे रद्ध कर रहे हैं और कई देश ने भी मालदीव के मंत्रियों के आचरण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस सबके बीच खास बात यह है कि दुनिया भर के कई देश भी इस मामले में भारत के साथ होने से मालदीव के पर्यटन (Tourism) को झटका लगने की संभावना है, क्योंकि वहां की तो पूरी अर्थव्यवस्था ही पर्यटन (Tourism) पर निर्भर है। प्रधानमंत्री मोदी पर अशोभनीय टिप्पणियों से मालदीव के खिलाफ भारतीयों में काफी गुस्सा है। मालदीव बहुत छोटा देश है, केवल साढ़े पांच लाख आबादी का, लेकिन भारत के खिलाफ इस हरकत से उसे बड़ा झटका लग सकता है।
Maldives के तीन मंत्री निलंबित, लेकिन गुस्सा थम नहीं रहा भारत में
किसी भी देश के प्रधानमंत्री को अपने देश के बारे में जानकारी देने और वहां की खासियत को अपने लोगों तक पहुंचाने तथा उस खासियत का लुत्फ उठाने की बात पर किसी अन्य देश को या वहां के लोगों को कोई भी आपत्ति क्यों होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने न तो किसी अन्य जगह का नाम लिया और न किसी देश से तुलना की और मालदीव के बारे में तो कुछ नहीं कहा। लेकिन मालदीव के तीन मंत्रियों और वहां के लोगों ने इसे गलत तरीके से लिया और अशोभनीय टिप्पणी की। हालांकि, रविवार को मालदीव की सरकार ने अपने तीनों उप मंत्रियों, मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को उनके पदों से निलंबित कर दिया और मालदीव सरकार ने इन टिप्पणियों से यह कहकर खुद को अलग कर लिया कि ये विचार उनके निजी हैं, सरकारी नहीं। इसके बावजूद मालदीव पर भारतीयों का गुस्सा थम नहीं रहा। मालदीव की कुल आबादी साढ़े पांच लाख हैं और भारत से पिछले 6 साल में वहां पर साढ़े 10 लाख पर्यटक पहुंचे हैं।
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप को सराहा, तो चिढ़े मालदीव के मंत्री
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की यात्रा की, जिसे कई लोगों ने लक्षद्वीप पर पर्यटन को बढ़ावा देने के एक तरीके के रूप में देखा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लक्षद्वीप दौरे में, वहां सुरम्य द्वीप समूह की कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वे समुद्र तट पर घूमते हुए, कुर्सी पर बैठे हुए और स्नॉर्कलिंग का आनंद लेते दिख रहे थे। चार जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे की इन तस्वीरों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन के लिए भारतीयों से लक्षद्वीप जाने की बात अपने सोशल मीडिया पर लिखी थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस पोस्ट में, प्रधान मंत्री ने लक्षद्वीप के द्वीपों की आश्चर्यजनक सुंदरता के बारे में लिखा, और कहा कि – लक्षद्वीप सिर्फ द्वीपों का एक समूह नहीं है; यह परंपराओं की एक कालातीत विरासत है और यहां के लोगों की भावना का एक प्रमाण है। उन्होंने लिखा कि प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। इसने मुझे इस बात पर विचार करने का अवसर दिया कि 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण के लिए और भी अधिक मेहनत कैसे की जाए। मालदीव को इसी पर चिढ़ हो गई।
मालदीव की मंत्री ने पीएम मोदी के लिए अपमानजनक लिखा
प्रधानमंत्री मोदी की इस पोस्ट पर मालदीव के तीन मंत्री मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद शामिल थे। प्रधानमंत्री मोदी के पोस्ट करने के तुरंत बाद, मालदीव की युवा सशक्तिकरण, सूचना और कला उप मंत्री मरियम शिउना ने लिखा – क्या जोकर है। इजराइल के कठपुतली मिस्टर नरेंद्र गोताखोर लाइफ जैकेट के साथ। मरियम ने एक पोस्ट में भारत की तुलना गाय के गोबर से भी की, जिसे बाद में हटा दिया गया है। मालदीव के युवा सशक्तिकरण, सूचना और कला मंत्रालय की मालशा शरीफ ने भी भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट कीं। मालदीव की प्रोग्रेसिव पार्टी के सदस्य और सीनेट सदस्य ज़ाहिद रमीज़ ने एक्स पर लिखा, “यह कदम बढ़िया है। हालाँकि, हमसे प्रतिस्पर्धा करने का विचार भ्रामक है। भारत हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा कैसे प्रदान कर सकता हैं? वे इतने साफ़ कैसे हो सकते हैं? कमरों में स्थायी गंध सबसे बड़ी गिरावट होगी। यह सब बड़ी तेजी के साथ एक बड़े मुद्दे में तब्दील हो गया, जब मालदीव के कुछ स्थानीय मीडिया ने गलत तरीके से फैलाया कि भारत ने मालदीव में पर्यटन के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है।
बात बात पर भारत पर निर्भर, फिर भी आपत्तिजनक टिप्पणी
भारत और मालदीव के रिश्तों पर ताजा बहस मुइज़्ज़ू सरकार के तीन मंत्रियों और नेताओं की हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद शुरू हुई है। यह सब इसके बावजूद है जब भारत हर मुश्किल में हर बार मालदीव के साथ खड़ा रहा है। चार-पांच साल पहले की वहां बाढ़ आई थी और पीने का पानी नहीं था तो चेन्नई एयरपोर्ट से पानी वहां पहुंचा गया फिर कर्नाटक से पानी पहुंचाया गया। दवाइयों से लेकर मेडिकल टूरिज्म, टूरिज्म डेस्टिनेशन तक वह भारत पर निर्भर हैं। खास बात यह है कि मालदीव की राजधानी माले का सबसे बड़ा अस्पताल भारत की आर्थिक मदद से बना है , जिसका उदघाटन तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था। मालदीव के तीन मंत्रियों की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक, नस्लवादी, विद्वेषपूर्ण और अपमानजनक टिप्पणियों के साथ व्यक्त प्रतिक्रिया पर दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई है।
-आकांक्षा कुमारी