Delhi Election Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) को देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता से बाहर कर के धमाकेदार वापसी की। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी 48 और आप 22 सीटों पर जीत हासिल हुई है, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। उल्टे कांग्रेस के कई दिग्गजों की जमानत तक जब्त हो गई। ‘आप’ के संयोजक और अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित सत्तारूढ़ दल के कई अन्य प्रमुख नेता चुनाव हार गए।
पीएम मोदी बोले – देश कांग्रेस पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जमता का आभार जताया एवं दिल्ली में बीजेपी की जीत को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि अब राष्ट्रीय राजधानी ‘आप-दा’ से मुक्त हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जनता ने एक बार फिर कांग्रेस को कड़ा संदेश दिया है। दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस ने जीरो की डबल हैट्रिक लगाई है। देश की राजधानी में देश की सबसे पुरानी पार्टी का लगातार दिल्ली में 6 बार चुनाव में खाता नहीं खुल रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि कांग्रेस पर भरोसा करने के लिए देश बिल्कुल भी तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “मैंने चुनाव प्रचार के दौरान संकल्प लिया है कि हम यमुना जी को दिल्ली शहर की पहचान बनाएंगे। मैं जानता हूं कि ये काम कठिन है और लंबे समय का है। समय कितना ही क्यों न जाए, शक्ति कितनी ही क्यों न लगे, लेकिन अगर संकल्प मजबूत हैं, तो यमुना जी के आशीर्वाद रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हम मां यमुना की सेवा के लिए हर प्रयास करेंगे, पूरे सेवाभाव से काम करेंगे। मोदी ने दिल्ली की जनता का आभार जताया है।

आक्रामक प्रचार और चुनाव प्रबंधन से जीती बीजेपी
राजनीति के जानकार मानते हैं कि चुनाव से पहले बीजेपी के एक ब्रह्मास्त्र ने पूरे इलेक्शन की हवा बदल दी। बीजेपी की ओर से की गई तमाम बड़ी घोषणाओं और भ्रष्टाचार समेत यमुना जैसे मुद्दों से इतर आम बजट में नए 12 लाख रुपए तक पर टैक्स न लगाने की राहत ने मिडिल क्लास आबादी में ब्रह्मास्त्र का काम किया। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को एक ही चरण में मतदान की प्रक्रिया पूरी की गई थी और इन 70 सीटों पर 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। 8 फरवरी की सुबह काउंटिंग सेंटर में वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त दिखी और आम आदमी पार्टी पीछे चल रही थी। कांग्रेस तो शुरू से ही शून्य से आगे ही नहीं बढ़ पा रही थी। आम आदमी पार्टी की नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी बीजेपी के रमेश बिधुड़ी से 3531 वोटों से चुनाव जीत गई है। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा को केवल 4392 वोट मिले और उनकी जमानत भी नहीं बची।
कांग्रेस की लगातार तीसरी हार, 70 में से 67 की जमानत जब्त
इस बार के दिल्ली विधानसभा को राहुल गांधी कभी नहीं भूल पाएंगे। यह लगातार तीसरा चुनाव है, जब चुनाव में दिल्ली की 70 सीटों में से कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है और इस बार तो 67 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। केंद्रीय मंत्री रही कृष्णा तीरथ सहित संदीप दीक्षित, रागिनी नायक और अलका लांबा की भी जमानत जब्त हो गई। कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त अकेले उम्मीदवार हैं, जो दूसरे स्थान पर रहे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के जब 8 फरवरी को नतीजे आ रहे थे और कांग्रेस जब बहुत पिछड़ रही थी, तो सुबह 10.30 बजे कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से मीडिया के सवाल पर कहा कि अभी तक उन्होंने नतीजे नहीं देखे हैं। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार का कहना है कि जिन चुनावी नतीजों पर पूरे देश की नजर हो, जहां काग्रेस ने अपनी इज्जत दांव पर लगा रखी हो, वहां की मतगणना में प्रियंका गांधी की कोई रुचि ही नहीं हो, यह संभव नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार राकेश दुबे मानते हैं कि बहुत संभव है प्रियंका ने यह जवाब यूं ही दे दिया हो, लेकिन ऐसे संवेदनशील समय में इस तरह के जवाब नेताओं की राजनीतिक गंभीरता पर सवाल खड़े करते हैं।

कांग्रेस और आप मिलकर लड़ते तो नजारा और होता
आम आदमी पार्टी के जो लोग विधानसभा चुनाव में जीते हैं, उनमें ज्यादातर बहुत ही कम मार्जिन से चुनाव जीतने में सफल रहे। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी बीजेपी को मुस्लिम बाहुल्य सीट मुस्तफाबाद पर जीत में अहम भूमिका निभाई। यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए अच्छा नहीं रहा, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित पार्टी के कई बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार कहते हैं कि अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन होता तो इस मार्जिन का फायदा आप को मिल सकता था। दिल्ली में बीजेपी ने 45.61 फीसदी, आम आदमी पार्टी ने 43.55 पर्सेंट वोट शेयर हासिल किया और कांग्रेस को केवल 6.35% वोट मिले। कांग्रेस तो लगातार तीन चुनाव से एक भी उम्मीदवार नहीं जाता सकी है, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले आम आदमी पार्टी को इस बास 40 सीटों का नुकसान हुआ है।
-साक्षी त्रिपाठी