Rajasthan Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सांसद देवजी पटेल को विधानसभा चुनाव लड़ाकर राजस्थान में नेता बनाने भेजा था, मगर वे अपनी जमानत जब्त करवा बैठे। राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) के सांसद सांसद देवजी पटेल (Devji Patel) की जमानत जब्त हो गई है। वे सांचौर (Sanchore) से चुनाव मैदान में थे, जहां निर्दलीय उम्मीदवार जीवाराम चौधरी के सामने बीजेपी उम्मीदवार देवजी पटेल को 64983 वोट से बहुत बुरी हार का सामना करना पड़ा है। राजनीतिक हलकों में सांसद पटेल की जमानत जब्त होने को बेहद शर्मनाक हार माना जा रहा है। बीजेपी के केंद्रीय सर्कल में सांसद पटेल की इस बहुत बुरी हार को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है । सूत्रों के मुताबिक यह तय है कि जमानत जब्त हो जाने के बाद देवजी को अगले चुनाव में या पार्टी संगठन में कोई जगह पाने में भी कई मुश्किलें पार करनी पड़ेंगी। राजनीतिक हलकों में सांसद के तौर पर यह देवजी का आखरी कार्यकाल माना जा रहा है।
जालोर से सन 2019 में लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए देवजी पटेल (Devji Patel) अपने गृह नगर सांचौर (Sanchore) में इस बार के विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। जबकि निर्दलीय जीवाराम चौधरी इस चुनाव में 95518 वोट लेकर पहले नंबर पर रहे हैं। जीवाराम ने राजस्थान सरकार में मंत्री कांग्रेस उम्मीदवार सुखराम बिश्नोई को हराया है। सुखराम को इस चुनाव में 90847 वोट मिले हैं। बिश्नोई को कड़े मुकाबले में साचौर में 4671 वोट से हार का सामना करना पड़ा है। देवजी पटेल को इस बात का कतई अहसास नहीं था कि सांसद होते हुए भी उनको जमानत जब्त वाली ऐसी बुरी हार का सामना करना पड़ेगा। निश्चित तौर पर उनकी अपनी पार्टी बीजेपी (BJP) में भी देवजी को इस जमानत जब्त होने के बाद गंभीरता से नहीं लिया जा सकेगा।
राजस्थान के 7 बीजेपी (BJP) सांसदों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव मैदान में इस मंशा से उतारा था कि वे प्रदेश की राजनीति में अहम जगह बनाते हुए अगली पीढ़ी के नेता साबित होंगे। लेकिन इन सभी 7 सांसदों में सांसद देवजी पटेल (Devji Patel) अकेले उम्मीदवार रहे, जिनकी सांचौर (Sanchore) में जमानत भी जब्त हो गई और तीसरे नंबर पर भी चले गए। जबकि इनके साथ के सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ीलाल मीणा और बाबा बालकनाथ को तो जनता में संभावित मुख्यमंत्री पद के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे में जमानत जब्त होने के बाद देवजी के लिए राजनीति व राजनेताओं के बीच फिर से अपनी सम्मानित जगह बनाने में कई मुश्किलें आएंगी।
सांचौर में बीजेपी उम्मीदवार देवजी पटेल (Devji Patel) को इस चुनाव में केवल 30535 वोट ही मिले हैं, इसी वजह से उनकी जमानत जब्त हो गई है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक जमानत बचाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कुल वैध मतदान का 1/6 वोट पाना जरूरी होता है। इसका मतलब यह हुआ कि जो वोट पड़े हैं, उसके छठे हिस्से के वोट पाने पर ही जमानत बच सकती है। सांचौर (Sanchore) में कुल 2 लाख 57 हजार 977 वैध वोट पड़े, जिसका छठा हिस्सा यानी 42 हजार 996 वोट पाने पर ही देवजी की जमानत बच सकती थी। मगर, देवजी अपनी जमानत बचाने जितने वोट से भी बहुत कम केवल 30535 वोट ही ले सके। राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि सांचौर में बेहद खराब हार मिलने व जमानत जब्त हो जाने से राजस्थान में बीजेपी (BJP) की राजनीति और खासकर जालोर जिले व सांचोर की स्थानीय राजनीति में भी अब देवजी के अपनी जगह बनाने के लिए नए सिरे से कड़ी मशक्कत करनी होगी, जो कि जीवाराम चौधरी की जीत से अब आसान नहीं है। फिर, उनकी अपनी जाति चौधरी समाज में भी जीवाराम चौधरी व दानाराम चौधरी जैसे दो कद्दावर नेता देवजी पटेल के खिलाफ स्थानीय स्तर पर ही मजबूती से डटे हैं। ऐसे में देवजी के लिए राजनीति की अगली राह आसान ही नहीं बेहद मुश्किल है।