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Home»व्यक्ति विशेष»Sahara India: अलविदा सुब्रत रॉय
व्यक्ति विशेष 5 Mins Read

Sahara India: अलविदा सुब्रत रॉय

Prime Time BharatBy Prime Time BharatNovember 26, 2023No Comments
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Sahara India: दो हजार रुपए से शुरू करके 20 लाख करोड़ रुपए की कंपनी बनाने वाले सहारा इंडिया परिवार के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा (Subtrata Roy Sahara) का 14 नवंबर की रात 10.30 बजे निधन हो गया। सहाराश्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय बिहार के अररिया जिले में जन्मे और 75 साल की उम्र में मुंबई में उन्हें आखिरी सांस नसीब हुई। वे किसी कारोबारी घराने से नहीं थे बल्कि सामान्य परिवार से थे और उन्होंने पैसे से पैसा बनाने का तरीका सीखा और दुनिया को भी सिखाया। देश के सफलतम उद्यमियों में से एक सुब्रत रॉय सहारा (Subtrata Roy Sahara) की सफलता की कहानी लाखों लोगों को लुभाती है, लेकिन जिंदगी में उन्होंने सब कुछ कोई बहुत आसानी से हासिल नहीं किया था। उन्होंने गली गली नमकीन बेची, गांव गांव बिस्कुट बेचे, और बाद में बचत व निवेश की अवधारणा बनाकर लोगों में संचय की आदत डाली और अरबों का कारोबार किया। सुब्रत रॉय सहारा (Subtrata Roy Sahara) के जीवन में एक बेहद मुश्किल दौर वह भी आया जब उन्हें अपनी पत्नी स्वप्ना रॉय के गहने भी बेचने की नौबत आई। भले ही बाद में उन्होंने अपनी पत्नी को बहुत कुछ लौटा दिया, मगर मरते दम तक सहाराश्री को उस बात का मलाल रहा।

जमानत पर बाहर थे सुब्रत रॉय

सड़क पर स्कूटर घिसटकर नमकीन बेचते हुए हवाई जहाज की कंपनी खड़ी करके आकाश में उड़ान भरनेवाले सुब्रत रॉय सहारा (Subtrata Roy Sahara) का जीवन बेहद उलझनों भरा रहा, मगर वे अमीरों, गरीबों, वंचितों, राजनेताओं, अभिनेताओं, पत्रकारों, लेखको, खिलाड़ियों आदि तथा सबका सहारा बने रहे। बेहद मेहनती उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनानेवाले ‘सहाराश्री’ पिछले कुछ सालों से कोर्ट केस में उलझे हुए थे। कुछ समय तक जेल में रहने के बाद सुब्रत रॉय (Subrata Roy) लंबे समय से जमानत पर बाहर थे। सहारा इंडिया (Sahara India) की कई स्कीमों में लोगों के निवेश का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक मामला पटना हाईकोर्ट में चल रहा है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट से सहाराश्री को बड़ी राहत मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी के आदेश पर तत्काल सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी, साथ ही सहारा इंडिया (Sahara India) के खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को कर यथास्थिति बनाए रखते हुए जमानत बरकरार रखने का आदेश दिया था। निवेशकों का धन लौटाने के मामले में सहारा इंडिया (Sahara India) का दावा है कि इस मामले में उनकी कंपनी सारी रकम सेबी (SEBI) में जमा करा चुकी हैं।

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सहाराश्री सुब्रत रॉय एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में

Sahara India की शून्य से शिखर की यात्रा

भारत सहित दुनिया के कई देशों में काफी लोकप्रिय सुब्रत रॉय (Subrata Roy) ‘सहाराश्री’ के नाम से जाने जाते थे। उनकी शुरूआती पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई, मगर पढ़ने में कुछ खास मन नहीं लगा तो वे गोरखपुर आ गए। जहां सन 1978 में उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्किट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया। बाद में लोगों से बचत करवाने को व्यापार के रूप में शुरू करके महज एक कमरे, दो कुर्सी और दो हजार रुपयों के अलावा एक स्कूटर व दो दोस्तों के साथ काम शुरू करके उन्होंने बीस लाख करोड़ रुपये तक के व्यापारिक साम्राज्य के शिखर का सफर तय कर किया। उनकी व्यावसायिक सफलता की यात्रा हर किसी के लिए चौंकानेवाली रही, तो वे कईयों को रोल मॉडल भी रहे। दो दोस्तों की चिट फंड कंपनी के बाद उन्होंने पैरा बैंकिंग सहारा इंडिया (Sahara India) की शुरूआत की, जिसमें बचत व निवेश के लिए उन्होंने मध्यम व जरूरतमंद वर्ग को टारगेट किया। सन 1978 में उन्होंने गोरखपुर में सहारा इंड‍िया परिवार (Sahara India Pariwar) की स्थापना की थी।

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सहाराश्री सुब्रत रॉय पत्नी, पुत्र, बहू व पोती के साथ

छोटे छोटे निवेश से बनाई बड़ी कंपनी

यह ‘सहाराश्री’ सुब्रत रॉय (Subrata Roy) की मेहनत का कमाल था कि उन्होंने रोजाना मात्र 100 रुपये कमाने वाले लोगों को भी उनके पास सहारा इंडिया (Sahara India) में रोजाना 20 रुपये निवेश के लिए प्रेरित किया और उस निवेश के बदले में काफी बड़ी राशि भी लाखों लोगों को लौटाई। ‘सहाराश्री’ सुब्रत रॉय (Subrata Roy) पर लोगों के विश्वास का आलम यह था कि देश की गली गली और हर घऱ में निवेश व बचत की उनकी ये स्कीम काफी मशहूर हो गई। देश भर में दिन पर दिन लाखों की संख्या में लोग सहारा इंडिया (Sahara India) के साथ जुड़ते चले गए। हालांकि सन 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर रोक लगा दी थी, मगर तब तक बड़े पैमाने पर लाखों लोगों ने सहारा इंड‍िया परिवार (Sahara India Pariwar) में निवेश किया। इनमें से बड़ी संख्या में निवेशकों के पैसे बाद में सहारा में फंस गए थे। शुरूआत में वे खुद अपने लेंब्रेटा स्कूटर पर गली गली घूमकर लोगों से बचत के रुपए इकट्ठा करते थे।

दो दिन पहले भर्ती, 14 को निधन

सुब्रत रॉय 75 साल के थे, और पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। मुंबई में कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में वे इलाज के लिए भर्ती थे। भारत के प्रमुख उद्यमियों में से एक सुब्रत रॉय विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों वाले समूह सहारा इंडिया (Sahara India) के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष थे। वे हाइपरटेंशन और मधुमेह से पीड़ित थे, जिसके इलाज के लिए उन्हें 12 नवंबर को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और 14 नवंबर को उनका निधन हो गया।

-निरंजन परिहार

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