Jaipur Literature Festival: पिंक सिटी के नाम से मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में हर साल लगने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival) का 17वां आयोजन 1 फरवरी 2024 से शुरू होकर 5 फरवरी 2024 तक चलेगा। साहित्य, संस्कृति और कला जगत के कई लेखक, पत्रकार, रंगकर्मी, कलाकार, बुद्धिजीवी, विश्लेषक, आलोचक, समीक्षक, कवि, अर्थशास्त्री, राजनायिक तथा जाने माने लोग हर साल जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में देश – दुनिया से पहुंचते हैं। इस आयोजन का कई बार हिस्सा रहे कई लेखकों का अनुभव रहा है कि वे इसका वर्णन करने के बजाय केवल यही कहते हैं कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को जब तक आप इसे अपनी आंखों से नहीं देखेंगे, इसके पैमाने और परिमाण की कल्पना करना काफी मुश्किल है। इस आयोजन को सभी साहित्य समारोहों का शिखर आयोजन माना जाता है। इस बार कुल 24 भाषाओं के, 16 भारतीय और 8 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं के वक्ता 6 दिन चलने वाले इस विशेष का हिस्सा होंगे।
जयपुर लुभाता है, भाता है और सबको सुहाता है
जयपुर का नाम भले ही पिंक सिटी यानी गुलाबी नगरी है, लेकिन ये रंगों का शहर है, जीवन का हर रंग है इस शहर में। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में जीवन के वे ही सारे रंग देखने, सुनने, महसूस करने और जीने को मिलते हैं। इसीलिए दुनिया भर से जाने माने लोग हर साल गुलाबी शहर की ओर आते रहे हैं। लेकिन वे अपनी जयपुर यात्रा को केवल साहित्य उत्सव तक ही सीमित नहीं रखते, क्योंकि जयपुर में बहुत कुछ ऐसा है, जो हर किसी को लुभाता है, भाता है और सुहाता है, जिनकी आप प्रशंसा कर सकते हैं और उनमें भाग ले सकते हैं। जयपुर के प्रतिष्ठित स्मारक, किले, महल, जंतर मंतर, सिटी पैलेस, मंदिर और हवा महल की यात्रा से लेकर जौहरी बाज़ार में कुछ बेहतरीन बाज़ारों का हर कोना हर किसी को लुभाता है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल खास तौर से जयपुर को और अविस्मरणीय बना देने वाला आयोजन है; यह निश्चित है।
बहुत खास होता है जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल
ऐसा कहा जाता है कि ज्ञान शक्ति है, और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल साहित्यिक दिग्गजों से यह शक्ति हासिल करने का एक आदर्श मंच है, जो विचारों के स्वस्थ आदान-प्रदान के लिए एकत्र होते हैं। 2006 में मामूली शुरुआत के साथ जेएलएफ एशिया के सबसे बड़े साहित्य महोत्सवों में से एक बन गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मुफ़्त साहित्यिक उत्सव है जो जाने-माने लेखकों और लेखिकाओं जैसे कुछ महान चिंतकों को आकर्षित करता है जो सार्थक बहस और चर्चा में भाग लेते हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दुनिया भर से हर साल यहां आने वाले अनेक खास लोग इस खास उत्सव में शामिल होने पहुंचते हैं, जिन्हें, कला, साहित्य ल संस्कृति के प्रति अपने लगाव का जश्न मनाने और समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने का साल भर बेसब्री से इंतजार रहता है।
एआई और पर्यावरण पर भी इस बार खास सत्र
जेएलएफ के नाम से मशहूर इस आयोजन में वो हर चेहरा और विष्य होता है, जो हमारे आस पास घटता है, रहता है, इस बार 550 से भी ज्यादा वक्ता और कई सत्र होंगे। जयपुर इसी खास वजह से हर साल इन दिनों कला, साहित्य व संस्कृति जगत का खास आकर्षण होता है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार विशेष रूप से असमी, अवधी, बंगाली, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कुरुख, मलयालम, ओड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, तमिल, तोड़ा, उर्दू और लमानी जैसी भारतीय भाषाओं के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में भी सत्र आयोजित किए जाएंगे। खास बात यह है कि इस बार जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मानसिक स्वास्थ्य जैसे खास विषयों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। ये तीनों ही मौजूदा समय की बड़ी सामाजिक – सांसारिक चुनौतियां हैं, इन चुनौतियों पर भी खास बातचीत होगी। इसके साथ ही जीवन में निजता के अधिकार अर्थात ‘राइट टू प्राइवेसी पर भी खास सत्र होगा, जिसमें चर्चा होगी, बहस होगी, चिंतन होगाऔर निष्कर्षं पर प्रस्ताव होंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लेखक बेन मकिंत्रे, बोनी गार्मूस, गोर्गी गोस्पोदिनोव समेत कई भारतीय भाषाओं के लेखक भी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने जयपुर पहुंच रहे हैं, जो जाने-माने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को संगीत से भरे पल पेश करने के लिए एक साथ आते हुए देखेंगे।
छात्रों को लिए भी खास आयोजन है इस बार
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार गोपाल कृष्ण गांधी, गुलजार, शशि थरूर समेत कई वक्ता विभिन्न विषयों पर संवाद करेंगे. साथ ही कार्यक्रम में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रघुराम राजन, अमिताभ कांत, पूर्व राजनयिक पवन वर्मा, राजीव भार्गव, विशाल भारद्वाज, यतींद्र मिश्रा, अमीश वक्ता के रूप में शामिल होंगे। इस बार का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अपने पहले के आयोजनों से अलग होगा। अबकी बार लगभग 100 से ज्यादा स्कूलों में कई सत्र आयोजित किए जाने की तैयारी की गई है, साथ ही विभिन्न स्कूलों के बच्चों के भी कार्यक्रम में लाया जाना है, ताकि उनकी समझ बढ़े, वे देखें कि देश में साहित्य, कला और रंगकर्म किस तरफ जा रहा है। बच्चों के लिए एक अलग टेंट बनाया जायेगा, जिसका नाम होगा – नंदघर। वहां पर जहां बच्चों के लिए भी वर्कशॉप आयोजित किये जाएंगे, जहां पर बच्चों के लिए भी बहुत कुछ सीखने जैसा होगा। जेएलएफ में जयपुर म्यूजिक स्टेज विख्यात कलाकार कुमार गंधर्व के 100 साल पूरे होने पर उनको समर्पित होगा। इस विशेष कार्यक्रम में कलापिनी कोमकली प्रस्तुति देंगी।
-आकांक्षा कुमारी